किसान सभा ने जेल गए साथियों का बढ़ाया हौसला, महिलाओं को दिया सम्मान

ग्रेटर नोएडा : किसान सभा ने जेल गए साथियों का बढ़ाया हौसला, महिलाओं को दिया सम्मान

किसान सभा ने जेल गए साथियों का बढ़ाया हौसला, महिलाओं को दिया सम्मान

Tricity Today | किसान सभा ने जेल गए साथियों का बढ़ाया हौसला

Greater Noida News : किसान सभा की घंगोला और मायेचा कमेटी ने अपने-अपने गांव में जेल गए किसान साथियों और धरने में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाली महिलाओं का सम्मान किया। इस दौरान गांव घंगोला में आंदोलन की आगे की रणनीति के बारे में कमेटियों की बैठक की गई। आपको बता दें, किसान सभा के नेतृत्व में किसानों के 10% आबादी प्लॉट, रोजगार, भूमिहीनों के 40 वर्ग मीटर के प्लॉट, 120 वर्ग मीटर न्यूनतम प्लाट एवं साढे 17% आवासीय स्कीम में कोटा की नीति को बहाल करने, नई खरीदो में सर्कल रेट का 4 गुना मुआवजा देने और नई खरीद से प्रभावित किसानों को नए कानून के पुनर्वास और पुनर्स्थापन के लाभ देने किसानों के प्लाटों पर पेनल्टी खत्म करने, आबादियों की लीज बैक तुरंत तेज गति से शुरू करने, आबादी के शेष प्रकरणों का निस्तारण करने सहित अन्य अनेक मांगों को लेकर 7 फरवरी से किसान सभा ने आंदोलन शुरू किया था।


किसान सभा के प्रवक्ता डॉ.रुपेश वर्मा ने मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा कि हमने आंदोलन का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव पूरा कर लिया है। मुद्दों को हल करने के बाबत उचित मंच का निर्माण आंदोलन ने कर लिया है। इसलिए उक्त जटिल मुद्दों को हल होने की संभावना अत्यधिक बढ़ गई है। डॉ.रुपेश वर्मा ने कहा कि प्राधिकरण ने उक्त मुद्दों पर पूर्व में भी समझौते किए थे। वादाखिलाफी प्राधिकरण का मूल चरित्र है। प्राधिकरण ने आज तक जो भी कार्य किए हैं। वह निरंतर दबाव की वजह से किए हैं। यदि किसान सभा ने जरा भी दबाव में कमी की तो प्राधिकरण मुद्दों से तुरंत मुकर जाएगा। 


किसान सभा के नेता गवरी मुखिया ने कहा कि हमें ठोस परिस्थितियों का ठोस आकलन करना चाहिए। 24 जून के लिखित फैसले को लागू करने के संबंध में किसान सभा ने 15 जुलाई तक का वक्त सरकार और प्राधिकरण को दिया है। फैसले को लागू करने के संबंध में हमें लगातार फॉलोअप की आवश्यकता है।

किसान सभा के जिला अध्यक्ष नरेंद्र भाटी ने कहा कि हमें अपने संगठन को और मजबूत करने की जरूरत है। नोएडा यमुना प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा के मुद्दे एक समान हैं। शासन स्तर पर गठित कमेटी ग्रेटर नोएडा के किसानों के संघर्ष का परिणाम है। इसका लाभ सभी प्राधिकरण के किसानों को मिलेगा लेकिन इसके लिए आवश्यक शर्त है कि हम गांव में अपने संगठन को मजबूत करें प्राधिकरण के अधिकारियों पर निरंतर दबाव बनाए रखें और प्राधिकरण स्तर पर जरा भी ढील दिखाई दे तो तुरंत हमें आंदोलन के लिए तैयार रहना है।

किसान सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ब्रह्मपाल नागर ने कहा कि हमारा संगठन ही हमारी ताकत है। हमें आज ही से गांवों में 15 जुलाई तक अपनी कमेटियों की मीटिंग बुलाकर गांव स्तर पर महापंचायत आयोजित करनी है। महिलाओं को भूमिहीन और युवाओं ने आंदोलन में भागीदारी कर आंदोलन को अत्यंत मजबूत किया है और साबित किया है। आंदोलन को मुकम्मल उसकी मंजिल तक ले जाना उनके बिना संभव नहीं है इसलिए कमेटियों में भूमिहीनों महिलाओं और युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जानी है। जिन गांव में संगठन का निर्माण और मेंबरशिप बाकी हैं। वहां भी हमें 15 जुलाई तक कार्य पूरा करना है और 15 जुलाई के बाद किसी भी दिन हजारों की संख्या में धरना प्रदर्शन के लिए तैयार रहना है। 

सम्मान समारोह का आयोजन मायचा गांव में रणवीर मास्टर, यतेंद्र मैनेजर पप्पू प्रधान, अजब सिंह, नेतराम टीकम सिंह, धीरज सिंह और पूरे मायचा गांव की कमेटी ने किया। इसी तरह घंगोला गांव में किसान सभा के जिला अध्यक्ष नरेंद्र भाटी, सचिव राजेश प्रधान, ग्राम कमेटी अध्यक्ष अभय, भाटी राजेंद्र भाटी, राजेंद्र भाटी, सीनियर रामपाल सिंह और पूरी घंगोला कमेटी ने किया।
 

जेल गए साथियों वीर सिंह, नेताजी गवरी मुखिया, बुध पाल यादव, सतवीर यादव, अमित यादव, अंकित यादव, मुकुल यादव, सुरेश यादव, रणवीर यादव, टीकम भाटी, नेतराम भाटी, पप्पू भाटी, बीरन भाटी, शेखर भाटी, प्रवेश नागर, निरंकार प्रधान, ज्ञानचंद बालेश्वर, हरवीर, नीरज शर्मा, नितिन भाटी, महाराज सिंह प्रधान, भीम सिंह नागर, ब्रह्मपाल सूबेदार और रणपाल गुर्जर का सम्मान किया गया। महिलाओं में गीता भाटी, पूनम भाटी, शांति तिलक देवी, फूलवती संतरा और अन्य दर्जनों महिलाओं का सम्मान किया गया।


किसान सभा ने 7 मार्च 14 मार्च 23 मार्च को हजारों की संख्या में एक-एक दिन का धरना प्रदर्शन किया था। 25 अप्रैल से किसान सभा ने प्राधिकरण पर रात दिन का महापड़ाव डाल दिया था। जिसमें लगातार आंदोलन करते हुए 6 जून को किसानों ने प्राधिकरण के दोनों गेटों को बंद कर दिया। इस दौरान चले आंदोलन में अभूतपूर्व रूप से किसानों ने हजारों की संख्या में हिस्सा लिया। संख्या के लिहाज से आंदोलन ऐतिहासिक रहा। आंदोलन में महिलाओं युवाओं और भूमिहीन किसानों की हजारों की संख्या ऐतिहासिक तौर पर बेमिसाल रही।


6 जून को प्रशासन ने शाम के 6 बजे धरने पर मौजूद 33 किसानों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी की खबर पाकर हजारों किसान पुलिस लाइन का घेराव करने पहुंच गए। जहां पुलिस ने घबराकर किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज कर दिया। किसानों ने अपने आपको गिरफ्तारी के लिए प्रस्तुत किया परंतु पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी से इनकार कर दिया। किसानों ने 7 जून को पुनः प्राधिकरण पर धरना स्थल को कबजाने का फैसला किया और 7 जून को हजारों की संख्या में इकट्ठा होकर महिलाओं के नेतृत्व में किसानों ने धरना स्थल को कब्जा लिया।


गौरतलब है कि किसानों के उक्त मुद्दों में से अधिकतर को प्राधिकरण के स्तर पर हल किया जाना संभव नहीं था। इसलिए शासन स्तर पर नोटिफाइड होकर मंत्री स्तरीय हाई पावर कमेटी की अत्यंत आवश्यकता थी। समझौते के अनुसार औद्योगिक विकास मंत्री की अध्यक्षता में जिले के चारों जनप्रतिनिधियों, किसान प्रतिनिधियों, अफसरों को शामिल करते हुए हाई पॉवर कमेटी का गठन किए जाने का समझौता हुआ है। डीएम के स्तर पर रोजगार के 3 सितंबर 2010 के शासनादेश को लागू करने नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने के लिए कमेटी का गठन किया जा चुका है। प्राधिकरण स्तर पर आबादियों की सुनवाई के लिए शेड्यूल जारी कर दिया गया है। सुने जा चुके 10 गांव के प्रकरणों एवं पेनल्टी के बाबत अगली बोर्ड बैठक में प्रस्ताव ले जाने की बात प्राधिकरण स्तर पर प्राधिकरण के अधिकारी कह रहे हैं। पुलिस कमिश्नर के स्तर पर किसानों के विरुद्ध दर्ज मुकदमे और मुचलकों को वापस लिए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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