जेवर एयरपोर्ट से जुड़ेंगे देश के दो सबसे बड़े रेल मार्ग, एयरपोर्ट के नीचे से गुजरेगी ट्रेन

दिल्ली-एनसीआर वालों के लिए बड़ी खबर : जेवर एयरपोर्ट से जुड़ेंगे देश के दो सबसे बड़े रेल मार्ग, एयरपोर्ट के नीचे से गुजरेगी ट्रेन

जेवर एयरपोर्ट से जुड़ेंगे देश के दो सबसे बड़े रेल मार्ग, एयरपोर्ट के नीचे से गुजरेगी ट्रेन

Tricity Today | दिल्ली-एनसीआर वालों के लिए बड़ी खबर

Greater Noida News : दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) वालों के लिए आज की सबसे बड़ी ख़बर है। नोएडा में बन रहा ज़ेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डा (Jewar International Airport) देश के दो सबसे बड़े रेलवे रूट (Railway Line) से जुड़ जाएगा। इससे न केवल ज़ेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डे तक पहुंचने में आसानी होगी, बल्कि एनसीआर के दो महत्वपूर्ण राज्य हरियाणा (Haryana) और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) भी सीधे रेल रूट से जुड़ जाएंगे। ख़ास बात यह रहेगी कि ज़ेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के नीचे इस रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा। एयरपोर्ट के दायरे वाले इलाक़े में क़रीब 16 किलोमीटर की दूरी तक रेलवे लाइन अंडरग्राउंड गुज़रेगी। इस परियोजना को भारत सरकार (Government of India) और रेलवे मंत्रालय (Ministry of Railways) ने मंज़ूरी दे दी है। रेलवे मंत्रालय के आदेश पर इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार कर ली गई है। मंगलवार को डीपीआर पेश हुई। जिसमें बताया गया है कि इस प्रोजेक्ट से कितने लोगों को लाभ मिलेगा और कहां-कहां रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे।

तो ये है पूरा प्लान...
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर अरुणवीर सिंह ने बताया कि ज़ेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डे की कनेक्टिविटी पूरे दिल्ली-एनसीआर से बनाई जा रही है। इसके लिए रैपिड रेल, मेट्रो, नेशनल हाईवे, एक्सप्रेसवे, पॉड टैक्सी, बस टर्मिनस और रेलवे रूट विकसित किए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में देश के 2 सबसे बड़े रेलवे रूट दिल्ली-मुंबई रेल रूट और दिल्ली-हावड़ा रेल रूट को ज़ेवर एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा। इस परियोजना पर क़रीब एक साल पहले काम शुरू किया गया था। अब डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट मिल गई है। सीईओ ने आगे बताया कि दोनों बड़े रेल मार्गों को आपस में जोड़ने के लिए एक किलोमीटर लंबा नया रेलवे लिंक बनाया जाएगा। यह दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन के चोला स्टेशन को दिल्ली-मुम्बई रेल लाइन के पलवल स्टेशन से जुड़ेगा।

नया रेलवे रूट इस तरह होगा
यमुना प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक़ इन दोनों रेल मार्गों को जोड़ने के लिए बनने वाला नया रेलवे लिंक 61 किलोमीटर लंबा होगा। इसकी शुरुआत दिल्ली-मुम्बई रेल लाइन के पलवल जंक्शन से होगी। पलवल से आगे बढ़कर नया रेल लिंक रूँधी गांव के पास से गुज़रेगा। यहां रूँधी रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा। इसके आगे चांदहट रेलवे स्टेशन बनेगा। चांदहट के बाद रेलवे लाइन यमुना नदी को पार करेगी और उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी। उत्तर प्रदेश में पहला रेलवे स्टेशन ज़ेवर खादर में होगा। इसके बाद पलवल से 33 किलोमीटर की दूरी पर जेवर एयरपोर्ट, 42 किलोमीटर पर जहांगीरपुर, 52 किलोमीटर की दूरी पर बीघेपुर और आखिर में 61 किलोमीटर दूर चोला रेलवे स्टेशन होगा।

पहले दिन से 1.22 लाख यात्री करेंगे सफर
परियोजना रिपोर्ट के मुताबिक़ इस रेलवे रूट पर शुरू होने के पहले ही दिन क़रीब 1.22 लाख यात्री सफ़र कर सकते हैं। संभावना जतायी गई है कि पांच वर्षों के दौरान यात्रियों की संख्या बढ़कर 4.57 लाख तक पहुंच जाएगी। इस परियोजना रिपोर्ट के मुताबिक़ यह रेलवे लिंक वर्ष 2026 के आख़िर तक बनकर तैयार हो जाएगा। इस पूरी परियोजना पर रेलवे मंत्रालय पैसा ख़र्च करेगा। रेल मंत्रालय से जुड़े और इस परियोजना पर काम कर रहे एक उच्चाधिकारी ने कहा यह परियोजना न केवल ज़ेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को बड़ा फ़ायदा पहुंचाएगी, बल्कि दिल्ली-एनसीआर के कई शहरों नोएडा-ग्रेटर नोएडा, बुलंदशहर, पलवल, फ़रीदाबाद और दिल्ली के करोड़ों लोगों के लिए फ़ायदेमंद साबित होगी। अभी बुलंदशहर से पलवल या फ़रीदाबाद तक रेल यात्रा करने के लिए सीधी सुविधा नहीं है। यह रेलवे लिंक बन जाने के बाद उत्तर प्रदेश और हरियाणा के महत्वपूर्ण ज़िले सीधे रेलवे रूट के ज़रिए जुड़ जाएंगे।

देश में पहली बार ऐसा रेलवे स्टेशन बनेगा
इस रेलवे रूट पर बनने वाले ज़ेवर एयरपोर्ट स्टेशन अपने आप में अनूठा होगा। देश में पहली बार ऐसा रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा, जो पूरी तरह भूमिगत रहेगा। यह रेलवे स्टेशन ज़ेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पैसेंजर टर्मिनल के नीचे बनाया जाएगा। रेलवे स्टेशन और पैसेंजर टर्मिनल के बीच यात्री एलिवेटर, लिफ्ट या सीढ़ियों के ज़रिए आवागमन कर सकेंगे। यह पूरा कॉम्प्लेक्स वातानुकूलित होग। इसी स्टेशन के बराबर में दिल्ली-वाराणसी रैपिड रेल और ज़ेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डे को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डे से जोड़ने वाली रैपिड और मेट्रो स्टेशन भी बनाए जाएंगे। आपको बता दें कि भारत में अभी तक किसी एयरपोर्ट के पास ऐसी सुविधा नहीं है। अगर दुनिया के बाक़ी शहरों की बात करें तो टोकियो, बर्लिन, न्यूयॉर्क और पेरिस इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नीचे इस तरह के रेलवे स्टेशन बनाए गए हैं।

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