Tricity Today | कैदियों के द्वारा बनाई गई अमरूद की लकड़ी से राखी
Greater Noida News : जेल का नाम सुनते ही लोग सिहर जाते हैं। इसलिए कि जेल का नाता हमेशा अपराधियों से ही होता है। अदालत से सजा पाने के बाद अपराधियों को जेल में सजा काटने के लिए भेजा जाता है। लेकिन, ग्रेटर नोएडा के लुक्सर स्थित जिला जेल प्रशासन की ओर से बंदियों के सुधार के लिए कई सुधारात्मक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जेल प्रशासन की कोशिश है कि बंदियों को इस तरह बना दिया जाए, जिससे जेल से रिहा होने के बाद वे कोई काम कर समाज की मुख्य धारा में अपने को एडजेस्ट कर सकें। इस साल जेल में बंद कैदियों ने बायो कंपोस्ट मैटेरियल से राखी तैयार की है। इसे देश की रक्षा में बॉर्डर पर तैनात जवानों को भेजी जा रही है।
जवानों को भेजी जाएगी हाथ से बनी राखी
गौतमबुद्ध नगर जिला कारागार में बंद कैदियों को काफी समय से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के तहत जेल से छूटने के बाद बाहर जिंदगी जीने के लिए तरह-तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है। रक्षाबंधन पर कैदियों द्वारा राखियां तैयार की जा रही हैं। इन राखियों को बॉर्डर पर तैनात सेना के जवानों के लिए भेजा जायेगा। खास बात यह है कि यह राखियां बायो कम्पोस्ट मैटेरियल से बनी हैं। इन राखियों को बनाने में कैदियों ने मिट्टी, अमरुद की लकड़ी, तुलसी और नीम की लकड़ी का उपयोग किया गया है। कैदी बिना किसी टेक्नोलॉजी की सहायता से ये राखियां बना रहे हैं। जेल में कैदियों के लिए यह एक बहुत बड़ी अपॉर्चुनिटी है कि उनको जीवन में आगे बढ़ने का मौका दिया जा रहा है। जेल प्रशासन एनजीओ के साथ मिलकर कैदियों को उनकी रुचि के हिसाब से ट्रेनिंग दिला रहा है।
जेल अधीक्षक ने दी जानकारी
जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह ने बताया कि जेल में बंद कैदियों को विभिन्न एनजीओ के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाता है। इस बार प्रशिक्षित कैदियों के हस्तनिर्मित राखियों को देश की रक्षा में बॉर्डर पर तैनात सेना के जवानों के लिए भेजा जायेगा। इन राखियों को बनाने में नीम, अमरूद व तुलसी की लकड़ी, मिट्टी और कलावे का उपयोग किया गया है। राखियों को बनाने में किसी मशीन का उपयोग नहीं किया गया है।