Greater Noida : ग्रेटर नोएडा में हुए 70 लोगों की फर्जी नियुक्ति घोटाले की जांच अभी तक एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है। इस मामले में उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास अनुभाग-4 के अनुसचिव रजनीकांत पांडे ने शासन की ओर से 30 सितंबर 2022 को प्राधिकरण के सीईओ को पत्र भेजकर 2 कार्यदिवस में प्रत्येक दशा में जांच कर कार्रवाई से अवगत करवाने के आदेश दिए थे, लेकिन उसके बावजूद भी अभी तक जांच अधूरी पड़ी है।
आखिर कैसे होगी जांच?
जांच ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ अमनदीप डुली की ओर से सतर्कता अधिकारी एके जौहरी को सौंपी गई थी, लेकिन सवाल उठता है कि एके जौहरी प्राधिकरण में सीनियर मैनेजर के पद पर तैनात हैं। वह जांच अपने से भी सीनियर अधिकारी की कैसे कर सकते हैं?
ऐसे हुआ फर्जी नियुक्ति घोटाला
आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में जेम पोर्टल के जरिए 35 कर्मचारी और प्लेसमेंट के जरिए भी 35 कर्मचारी, इस तरीके से 70 कर्मचारियों की भर्ती कर ली हैं। इनमें ज्यादातर नौकरी पाए लोगों में प्राधिकरण ने कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के रिश्तेदार, बेटे और बहू शामिल हैं। जबकि इस भर्ती में अन्य किसी लोगों को भनक तक नहीं लगी।
"ट्राईसिटी टुडे" ने कई समाचार प्रकाशित किए
इस मामले में आपके पसंदीदा न्यूज़ वेब पोर्टल "ट्राईसिटी टुडे" ने कई समाचार प्रकाशित किए हैं, लेकिन जांच अभी भी अधूरी है। प्राधिकरण से विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन भर्तियों में व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है। अब मामला शासन ने संज्ञान में लिया और सीईओ से रिपोर्ट तलब की है।
चुपचाप बेटे और बहू को नौकरी पर रखा
इस मामले में औद्योगिक विकास विभाग के अंडर सेक्रेट्री रजनीकांत पांडे ने सीईओ से जल्द ही इसकी जांच कर शासन को अवगत करवाने को बोला गया है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में बड़े पैमाने में भर्तियां की गई, लेकिन इसके लिए शासन से किसी प्रकार की अनुमति तक नहीं ली गई। समाचार पत्रों में प्रकाशन तक नहीं कराया गया था और चुपचाप अधिकारियों ने अपने-अपने रिश्तेदारों को नौकरी पर रख दिया। वहीं, इस मामले में एसीईओ अमनदीप डुली का कहना है कि मैंने जांच रिपोर्ट सतर्कता अधिकारी से मांगी है, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।