जेवर एयरपोर्ट के पास 10 मीटर जमीन खरीदकर किसान बनने वालों की जांच शुरू, शासन ने डीएम को दिया आदेश

TRICITY TODAY की खबर का असर : जेवर एयरपोर्ट के पास 10 मीटर जमीन खरीदकर किसान बनने वालों की जांच शुरू, शासन ने डीएम को दिया आदेश

जेवर एयरपोर्ट के पास 10 मीटर जमीन खरीदकर किसान बनने वालों की जांच शुरू, शासन ने डीएम को दिया आदेश

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

Noida/Lucknow : जेवर में बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा (Noida International Airport) परियोजना से गैर वाजिब लाभ लेने के लिए किसान बन रहे भू-माफियाओं की जांच शुरू हो गई है। शासन ने TRICITY TODAY की खबर का संज्ञान लेकर गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई (Suhas LY IAS) को मामले में जांच करने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के दूसरे चरण के लिए जिन गांवों से भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है, उन गांवों में करीब 2,000 लोगों ने 10 वर्ग मीटर से लेकर 1,000 वर्ग मीटर जमीन के छोटे-छोटे टुकड़े खरीदे हैं। जमीन की यह खरीद-फरोख्त पिछले 3 महीनों के दौरान की गई है। इन लोगों का मकसद हवाईअड्डा परियोजना में मिलने वाले फायदों का लाभ उठाना है।

लोगों को झांसा देकर लाने वालों पर होगा एक्शन
आपको बता दें कि नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के लिए दूसरे चरण का भूमि अधिग्रहण नगला जहानू, कुरैब, बीरमपुर, रनहेरा, दयानतपुर, करौली बांगर और मुढरह में भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। पिछले साल 5 सितंबर 2021 को इस भूमि अधिग्रहण के लिए सामाजिक समाघात योजना की घोषणा की गई थी। तब इन गांवों में प्रभावित किसानों की संख्या 7,164 थी। पिछले तीन महीनों के दौरान इन किसानों की संख्या बढ़कर करीब 9,000 हो गई है। दरअसल, प्रॉपर्टी डीलरों और भू-माफिया किस्म के लोगों का एक गैंग दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, चंडीगढ़, जयपुर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मेरठ और तमाम दूसरे शहरों से लोगों को झांसा देकर यहां ला रहा है। लोगों को 10 वर्ग मीटर से लेकर 1,000 वर्ग मीटर जमीन के टुकड़े खरीदवाए जा रहे हैं।

भूमि अधिग्रहण के फायदे उठाना है मकसद
इन लोगों का मकसद भूमि अधिग्रहण के सापेक्ष मिलने वाले फायदों का गैर वाजिब लाभ उठाना है। दरअसल, जिन लोगों की जमीनों का नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के लिए अधिग्रहण किया जाएगा, उन्हें एकमुश्त साढ़े पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। यह धनराशि मुआवजा के अतिरिक्त होगी। जो लोग साढ़े पांच लाख रुपये नहीं लेना चाहते हैं, उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। भू-माफिया बाहरी लोगों को बता रहे हैं कि भूमि अधिग्रहण के सापेक्ष प्रत्येक किसान को 120 वर्ग मीटर का आवासीय भूखंड भी टाउनशिप में मिलेगा। यही वजह है कि बाहरी लोग धड़ाधड़ यहां आकर छोटे-छोटे जमीन के टुकड़े खरीद रहे हैं। इनका मकसद किसी भी तरह भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले गांवों में किसान बनना है। जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए इन लोगों को उन्हीं गांव का निवासी लिखवाया जा रहा है, जहां वे जमीन खरीद रहे हैं।

शासन ने जिलाधिकारी को कार्यवाही का आदेश दिया
इस पूरी धांधली को लेकर आपके पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल TRICITY TODAY ने लगातार कई समाचार प्रकाशित किए हैं। जिन पर शासन ने संज्ञान लिया है। अब जिलाधिकारी सुहास एलवाई को मामले में कार्यवाही करने का आदेश दिया गया है। डीएम बुधवार को लखनऊ में थे, उसी दौरान उन्हें कहा गया कि ऐसे लोगों के खिलाफ जांच करें। बाहर से खरीदारों को लाकर फर्जी ढंग से स्थानीय किसान बनाने वाले भू-माफियाओं पर एक्शन लें।" जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने कहा, "केवल 10-10 वर्ग मीटर के छोटे-छोटे भूखंड खरीद कर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा परियोजना का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे लोगों पर कार्यवाही की जाएगी। भूमि अधिग्रहण अधिनियम में प्रावधान है कि एकमुश्त साढ़े पांच लाख रुपये या परिवार के एक सदस्य को नौकरी केवल उसी किसान परिवार को मिलेगी, जिसकी आजीविका अधिग्रहित जमीन पर आश्रित है।"

सुहास एलवाई ने आगे कहा, "10 मीटर या 100, 200, 500 और 1,000 वर्ग मीटर के टुकड़े हाल फिलहाल में खरीदने वाले लोगों को जमीन पर आश्रित नहीं माना जा सकता है। लिहाजा, इन लोगों को कोई लाभ नहीं दिया जाएगा। जो लोग झांसा देकर इस धांधली में संलिप्त हैं, उनकी पहचान की जाएगी। उनके खिलाफ एक्शन होगा। अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति) को आदेश दिया गया है कि वह व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करें। भूमि अधिग्रहण से प्रभावित गांवों में व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जाएगा।"

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.