जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे, तुम दिन को अगर रात...

गौतमबुद्ध नगर भाजपा : जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे, तुम दिन को अगर रात...

जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे, तुम दिन को अगर रात...

Google Image | MP Mahesh Sharma

- पार्टी में बेलगाम और अनुशासनहीन नेताओं की फौज
- सांसद का निजी एजेंडा पूरा करने में लगा है पूरा संगठन
- जिला भाजपा में जातिवाद चरम पर है, जिलाध्यक्ष पूरी तरह नाकाम
- सरकार विरोधी गतिविधियों में शामिल सांसद प्रतिनिधि और पदाधिकारी

Greater Noida : सफर फिल्म में मशहूर गायक मुकेश का गाया गाना, "जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे, तुम दिन को अगर रात कहो रात कहेंगे", आपने सुना होगा। ठीक यही हालात गौतमबुद्ध नगर में भारतीय जनता पार्टी के बने हुए हैं। इस वक्त संगठन पर जेबी पदाधिकारियों का कब्जा है। अनुशासनहीनता चरम पर है। जिले में पार्टी का संगठन जिलाध्यक्ष के काबू से बाहर है। संगठन से जुड़े नियम और कायदों को दरकिनार करते हुए केवल निजी एजेंडे पूरे किए जा रहे हैं। ऐसे में जातिवाद, भ्रष्टाचार, गुटबाजी और निष्क्रियता हावी है। बड़ी बात यह है कि क्षेत्रीय और प्रदेश नेतृत्व आंखें मूंद कर बैठा हुआ है।

संगठन पर सांसद महेश शर्मा का कब्जा
गौतमबुद्ध नगर में भारतीय जनता पार्टी के संगठन पर सांसद डॉ.महेश शर्मा का कब्जा है। मौजूदा जिला अध्यक्ष विजय भाटी का दूसरा कार्यकाल है और वह सत्ता के दौर का भरपूर मजा ले रहे हैं। यह सर्वविदित है कि विजय भाटी की लगातार दूसरी बार नियुक्ति सांसद की बदौलत है। इसी कारण जिला अध्यक्ष बतौर रबर स्टाम्प काम कर रहे हैं। उनका मकसद किसी भी तरह कुर्सी पर जमे रहना है। संगठन से जुड़ी गतिविधियों में अपराधी किस्म के लोगों का दखल है। जिलाध्यक्ष को गैंगस्टर और हिस्ट्रीशीटर के साथ खुलेआम देखा जा सकता है। जिसका असर पूरे संगठन पर देखने के लिए मिल रहा है। सांसद और उनसे जुड़े लोग भाजपा के संगठन का दुरुपयोग अपने हितों को साधने के लिए कर रहे हैं। उनका एकमात्र मकसद दूसरे जनप्रतिनिधियों को नीचा दिखाना है।

सरकार और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं सांसद के नजदीकी
गौतमबुद्ध नगर में आम आदमी भी कहता है कि भारतीय जनता पार्टी में मंडल और बूथ अध्यक्ष की नियुक्ति भी सांसद डॉ.महेश शर्मा की इजाजत से होती है। जिले के तमाम मंडल अध्यक्ष सांसद के अपने लोग हैं। पूरी जिला कार्यकारिणी सांसद के निजी लोगों से भरी पड़ी है। जो चंद लोग स्वतंत्र हैं, उनको संगठन में दरकिनार करके रखा गया है। इनमें से ज्यादातर भारतीय जनता पार्टी और सरकार विरोधी गतिविधियों में लगे हैं। हाल ही में दो बड़े उदाहरण देखने के लिए मिले हैं। विगत 28 अक्टूबर को यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी पर रनहैरा गांव के किसानों ने योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ धरना दिया। इस धरने में भारतीय जनता पार्टी के रबूपुरा मंडल अध्यक्ष ने सरकार के खिलाफ भाषण दिया। ऐलान किया कि वह और उनके तमाम लोग इस प्रदर्शन को समर्थन करने आए हैं। दूसरा उदाहरण बीते रविवार को लखनावली गांव में देखने के लिए मिला। गौतमबुद्ध नगर पुलिस और सरकार के खिलाफ एक पंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें पुरजोर प्रयास रहा कि जिले में किसी तरह 'ब्राह्मण बनाम ठाकुर' संघर्ष को जन्म दिया जाए। इस बैठक में भाजपा के जिम्मेदार पदाधिकारी और सांसद प्रतिनिधि तक शामिल हुए।

राज्य सरकार और पुलिस के खिलाफ भाजपा नेताओं ने भाषण दिए
ब्राह्मण समाज को खतरे में बताते हुए लखनावली गांव में पंचायत की गई। इसमें एक जाति विशेष के लिए भाजपा नेता लोकमन प्रधान ने खूब भड़काऊ, वैमनस्यता पूर्ण और सरकार विरोधी भाषण दिया। लोकमन प्रधान का समर्थन सांसद डॉ.महेश शर्मा के पूर्व प्रतिनिधि पंकज कौशिक, मौजूदा सांसद प्रतिनिधि सोनू वर्मा और भारतीय जनता पार्टी के ग्रेटर नोएडा मंडल अध्यक्ष महेश शर्मा ने किया। इन लोगों ने भी गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट और राज्य सरकार के खिलाफ भाषण दिए हैं। पंकज कौशिक ने तो यहां तक कह दिया कि भाजपा उनके लिए कोई मायने नहीं रखती है। इन सारे लोगों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। कुल मिलाकर गौतमबुद्ध नगर भारतीय जनता पार्टी में इस वक्त अनुशासनहीनता चरम पर है। बेलगाम और बड़बोले नेताओं की भरमार है। खास बात यह है कि यह सारे नेता सांसद महेश शर्मा के दरबारी हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर भारतीय जनता पार्टी का संगठन किस दिशा में जा रहा है?

ब्राह्मण समाज को कठपुतली की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं नेता
ब्राह्मण समाज को खतरे में बताकर निजी हितों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। गौतमबुद्ध नगर में एक बार फिर वर्ष 2009 और 2014 जैसे हालात पैदा किए जा रहे हैं। तब दादरी क्षेत्र में कुछ आपराधिक घटनाओं को ब्राह्मण समाज की सुरक्षा से जोड़ दिया गया था। जिस का भरपूर फायदा चुनाव में उठाया गया। अब बार-बार और सुनियोजित तरीके से गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह और जेवर के विधायक धीरेन्द्र सिंह को निशाना बनाकर ब्राह्मण समाज की सुरक्षा पर सवाल उठाए जा रहे हैं। यह सब कुछ 'पेड वर्कर' कर रहे हैं। सोशल मीडिया का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। सारा खेल राजनीतिक हितों को पूरा करने के लिए है।

मकसद सिर्फ एक- सांसद से सवाल मत पूछिए
इस पूरे घमासान का केवल एक मकसद है, सांसद से सवाल मत पूछिए। अगर सांसद से कोई ठाकुर बिरादरी से ताल्लुक रखने वाला सवाल करेगा तो वह ब्राह्मण विरोधी कहलाएगा। अगर कोई गुर्जर सवाल करेगा तो वह ब्राह्मण विरोधी कहलाएगा। अगर कोई ब्राह्मण सवाल करेगा तो वह ठाकुरों और गुर्जरों का चाटुकार कहलाएगा। अगर कोई अन्य बिरादरी से ताल्लुक रखने वाला व्यक्ति सवाल करेगा तो उसे बाहरी बनाम स्थानीय के मुद्दे से जोड़ दिया जाएगा। दरअसल, पूरे जिले में आम आदमी सवाल कर रहा है कि गौतमबुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा ने पिछले 10 वर्षों में क्या उपलब्धि हासिल की हैं? उनके दो कार्यकाल बीत गए लेकिन आज तक वह पूरे लोकसभा क्षेत्र में अपना कार्यालय नहीं बना पाए हैं। कैलाश समूह के अस्पतालों में ही उनका दफ्तर चल रहा है। जहां आम आदमी का पहुंचना नामुमकिन है। ऊपर से सुरक्षा को खतरा बताकर आम आदमी की एंट्री मुश्किल है। पूरे लोकसभा क्षेत्र से चंद लोग ही सांसद तक पहुंच रखते हैं। सांसद के खिलाफ दूसरा बड़ा मुद्दा जनसुनवाई से दूरी बनाना है। पिछले 10 वर्षों में कोई एक दिन ऐसा नहीं रहा, जब सांसद सुबह या दिन में किसी वक्त आम आदमी के लिए उपलब्ध रहे हों। महेश शर्मा देर रात नोएडा सेक्टर-27 के कैलाश अस्पताल में लोगों से मुलाकात करते हैं। नोएडा से गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र का अंतिम छोर अलीगढ़ बॉर्डर पर करीब 80 किलोमीटर दूर है। आखिर रात 11:00 बजे सांसद से मुलाकात करके पहासू, खुर्जा या अलीगढ़ की सीमा का निवासी अपने घर वापस कैसे लौटेगा? बस ये सवाल पूछने वाला ब्राह्मण समाज का विरोधी है। इस प्रोपेगेंडा का मकसद केवल सांसद की नाकामियों को ब्राह्मण अस्मिता से जोड़कर पर्दा डालना है।

त्यागी समाज का विरोध खत्म नहीं हुआ, अब क्षत्रियों में रोष पनपा
नोएडा के प्रकरण को लेकर सांसद महेश शर्मा ने त्यागी समाज को भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विरोध में लाकर खड़ा किया। सांसद के निजी सेवक ने त्यागी समाज पर अभद्र टिप्पणी की। उस निजी सेवक की वजह से भाजपा का घोर समर्थक त्यागी समाज रूष्ट हुआ। सांसद ने जेल से छूटते ही उसका शानदार स्वागत किया। सार्वजनिक रूप से उसे 'मेरा शेर' कहकर सम्मानित किया। अब उसी सेवक पर हुए हमले के कारण क्षत्रिय समाज पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं। इस बार सांसद के दूसरे दरबारी मैदान में कूदे हैं। वारदात की वजह का पता लगाने से पहले ही एक जाति विशेष पर आरोप मढ़ दिए गए। अब ऑनलाइन गेमिंग, चाइनीज कनेक्शन और पैसे के बंटवारे को लेकर विवाद सामने आ रहा है। दरअसल, हर घटना के लिए गौतमबुद्ध नगर पुलिस और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश है। और यह सब कुछ होते भाजपा संगठन देख रहा है। बस मुकेश का गाना गुनगुना रहा है, "जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे, तुम दिन को अगर रात कहो तो रात कहेंगे।"

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