Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर समेत एनसीआर के 6 इलाके डार्क रेड जोन में चले गए हैं। जिसकी वजह से जेवर के विधायक काफी परेशान है। उन्होंने इस पर चिंता जाहिर की है। धीरेंद्र सिंह ने वायु गुणवत्ता के खतरनाक स्तर को देखते हुए लोगों से अपील करते हुए कहा है, "खराब वायु गुणवत्ता और बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए आप ज्यादा से ज्यादा घरों में रहे, जरूरी हो तभी घरों से बाहर निकले।" इस संबंध में धीरेंद्र सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र को पत्र लिखा। जिसमें खराब वायु गुणवत्ता और बढते प्रदूषण को देखते हुए जरूरी कदम उठाए जाने हेतु पत्र लिखा गया।
ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 485 पहुंचा
धीरेंद्र सिंह ने बताया कि एनसीआर की हालत बेहद ख़राब हो गई है। लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है। आंखों में जलन हो रही है। एनसीआर गैस चैंबर के रूप में तब्दील हो चुका है। ग्रेटर नोएडा पूरे एनसीआर क्षेत्र का सबसे दूषित शहर रहा। यहां की एक्यूआई 485 दर्ज की गई है जो की बेहद ही खतरनाक स्थिति में है। इसी वजह से दमा, खांसी, सांस, ह्रदय रोग और टीवी के मरीजों की हालत ज्यादा नाजुक है। एनसीआर में सुबह से धुंध छाई हुई है।
एनसीआर का सबसे बुरा हाल
दरअसल, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हवा प्रदूषित होती जा रही है। शुक्रवार की सुबह से ही दोनों शहरों में स्मॉग की चादर छाई रही। प्रदूषण मापक एप समीर के अनुसार ग्रेटर नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 485 और नोएडा का एक्यूआई 441 दर्ज किया गया है। इसके अलावा दिल्ली की एक्यूआई 375, गाजियाबाद की 418, फरीदाबाद की 458, गुरुग्राम की 366 दर्ज की गई। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के अधिकारियों ने कहा है कि हवा की रफ्तार धीमी होने के चलते एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ गया है।
प्रदूषण फैलने वालों पर लगा करीब एक करोड़ रुपए का जुर्माना
प्रदूषण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी प्रवीण कुमार यादव ने बताया कि वायु प्रदूषण को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी के नियमों के उल्लंघन करने पर करीब 300 स्थलों पर छापेमारी कर एक करोड़ से ज्यादा का जुर्माना वसूला गया है। नोएडा प्राधिकरण प्रदूषण विभाग और पुलिस के अधिकारी प्रदूषण को रोकने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं। प्रदूषण को रोकने के लिए नोएडा में जगह-जगह स्प्रिंकल की सहायता से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। कई जगह नोएडा में स्मोक गन लगाए गए हैं।