Greater Noida : ग्रेटर नोएडा के तुस्याना गांव में हुए अरबों रुपए के भूमि घोटाले में गिरफ्तार भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य नरेंद्र भाटी के छोटे भाई कैलाश भाटी की जमानत अर्जी खारिज हो गई है। पिछले 2 सप्ताह से कैलाश भाटी की जमानत अर्जी पर गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय में सुनवाई चल रही थी। शुक्रवार की सुबह अपर जिला न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम प्रथम ने दोनों पक्षों की जिरह सुनी। फैसला सुरक्षित रख लिया। देर शाम अदालत ने फैसला सुनाया है। कैलाश भाटी की अर्जी खारिज कर दी गई है।
कैलाश भाटी क्यों गए जेल
दादरी तहसील के गांव तुस्याना में खसरा संख्या 987, 1104, 1105 और 1106 में ग्राम समाज की जमीन थी। यह जमीन टेक्नोलॉजी पार्क लिमिटेड नाम की कंपनी ने अधिग्रहित कर ली थी। इसके बाद जमीन कंपनी की खतौनी में खाता संख्या 279 और 280 में दर्ज की गई। चकबंदी से पहले इन खसरों में ग्राम समाज की जमीन, बंजर, नाली, गैर मुमकिन और पट्टों की जमीन थी। लिहाजा, इस सरकारी जमीन के बैनामे नहीं किए जा सकते थे। इस घोटाले को लेकर करीब 2 दशकों से गांव के लोग विभिन्न स्तर पर शिकायत कर रहे थे। शिकायतों के आधार पर शासन ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया। जिसके बाद कैलाश भाटी, भूमाफिया राजेन्द्र सिंह के बेटे दीपक सिंह समेत तीन लोगों को अरेस्ट करके जेल भेजा। जब कैलाश भाटी प्रॉपर्टी डिपार्टमेंट में बतौर मैनेजर काम कर रहे थे तो उन्होंने दीपक सिंह की पत्नी के नाम 6% आबादी का भूखंड आवंटित किया था। रजिस्ट्री करते वक्त दीपक सिंह की पत्नी का फोटो लगाया गया और नाम व पता दूसरी महिला का लिखा गया था।