दादरी के पास कोलकता-अमृतसर रेलवे फ्रेट कॉरिडोर का यार्ड और स्टेशन तैयार, एकसाथ खड़ी हो सकेंगी 12 मालगाड़ियां, इलाके को मिलेंगे बड़े फायदे

खास खबर : दादरी के पास कोलकता-अमृतसर रेलवे फ्रेट कॉरिडोर का यार्ड और स्टेशन तैयार, एकसाथ खड़ी हो सकेंगी 12 मालगाड़ियां, इलाके को मिलेंगे बड़े फायदे

दादरी के पास कोलकता-अमृतसर रेलवे फ्रेट कॉरिडोर का यार्ड और स्टेशन तैयार, एकसाथ खड़ी हो सकेंगी 12 मालगाड़ियां, इलाके को मिलेंगे बड़े फायदे

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Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर में ईस्टर्न कॉरिडोर (कोलकता-लुधियाना रेलवे फ्रेट कॉरिडोर) का कार्य काफी तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। कॉरिडोर के यार्ड का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। आपको बता दें कि यह कॉरिडोर बुलन्दहर जिले के खुर्जा कस्बे से होकर गुजर रहा है। इसे दादरी से मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट तक बन रहे वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर से जोड़ा जा रहा है। दोनों रेल कॉरिडोर के बीच एक जंक्शन लाइन खुर्जा से बोड़ाकी तक बनाई जा रही है। इसी का यह यार्ड चमरौली रामगढ़ से बोड़ाकी के बीच बनाया गया है। जहां पर एकसाथ 10 से 12 मालगाड़ियां खड़ी हो सकेंगी। वहीं, बोड़ाकी में डीएफसीसी का रेलवे स्टेशन बनकर तैयार हो गया है। केंद्र सरकार के आदेश पर जून 2022 तक डीएफसीसी इस कॉरिडोर को शुरू करने की तैयारी में है। इस परियोजना से स्थानीय लोगों को बड़े फायदे होंगे।

कॉरिडोर का लगभग 95 प्रतिशत कार्य पूरा हुआ
आपको बता दें कि डीएफसीसी का ईस्टर्न कॉरिडोर कोलकाता से लुधियाना के बीच बनाया जा रहा है। इसकी लम्बाई 1,895 किलोमीटर है। इस कॉरिडोर को वेस्टर्न कॉरिडोर से जोड़ने के लिए खुर्जा और दादरी के बीच 42 किलोमीटर लम्बी अतिरिक्त रेलवे लाइन बनाई जा रही है। इस ईस्टर्न कॉरिडोर पर जल्दी ही खुर्जा से लेकर कानपुर तक रेल चलेगी। सोननगर से कानपुर वाले हिस्से पर पिछले साल सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। खुर्जा से बोड़की-दादरी तक इस कॉरिडोर का लगभग 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इसी के साथ कॉरिडोर का रेल लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। कॉरिडोर के यार्ड के साथ-साथ बोड़की में डीएफसीसी का रेलवे स्टेशन बनकर तैयार हो गया है।

यार्ड में पांच रेल लाइन होंगी
इस यार्ड की लंबाई 4.5 किलोमीटर है। यार्ड में पांच रेल लाइनें होंगी। जिसमें खुर्जा से आ रही 2 लाइनें भी शामिल हैं। यहां पर एक साथ 10 से 12 मालगाड़ियां खड़ी हो सकेंगी। एक मालगाड़ी की लंबाई 1.5 किलोमीटर की होती है। वहीं, अफसरों ने बताया कि डीएफसीसी का रेलवे स्टेशन बनकर तैयार हो गया है, लेकिन ट्रेन यार्ड में जाकर ही खड़ी होंगी। यार्ड से ही सभी ट्रेनों को उनके रूट पर भेजा जाएगा।

स्थानीय लोगों को भी होगा फायदा
इस डीएफसीसी के यार्ड के शुरू होने से स्थानीय निवासियों को काफी फायदा होगा। इससे लोगों की आमदनी के साधन बढ़ेंगे। जिससे स्थानीय लोगों की कमाई में बढ़ोतरी होगी। दरअसल, जब कहीं इस तरह की बड़ी परियोजनाएं शुरू होती हैं तो वहां बाहर के लोग आते हैं। जिससे करायेदारी बढ़ती है। यह स्थानीय लोगों के लिए आमदनी का काफी अच्छा साधन है।  इसी के साथ बाजार भी विकसित होता है। जिससे क्षेत्र विकास की तरफ और तेजी से आगे बढ़ता है।

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