पुलिस को देख दोनों पैरों पर दौड़ा 'लंगड़ा', जब गोली चली तो...

ग्रेटर नोएडा कुणाल शर्मा हत्याकांड : पुलिस को देख दोनों पैरों पर दौड़ा 'लंगड़ा', जब गोली चली तो...

पुलिस को देख दोनों पैरों पर दौड़ा 'लंगड़ा', जब गोली चली तो...

Tricity Today | पुलिस को देख दोनों पैरों पर दौड़ा 'लंगड़ा'

Greater Noida News : कुणाल शर्मा हत्याकांड में पुलिस ने खुलासा करते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें एक लेडी डॉन भी शामिल है। इस खुलासे में एक बड़ी बात यह है कि दिव्यांग भी गिरफ्तार किया गया है। उसका नाम कुनाल भाटी है। कुनाल भाटी असल में फिट व्यक्ति था, लेकिन वह दिव्यांग होने का नाटक कर रहा था। पुलिस जब आरोपी कुनाल भाटी को पकड़ने के लिए गई तो उसने भागते हुए पुलिस पर गोली चला दी। जवाबी फायरिंग में कुनाल भाटी के पैर में गोली लगी। पुलिस यह देखकर हैरान थी कि कुनाल भाटी अपने आप को दिव्यांग बताता था, लेकिन पुलिस को पीछे देख वह दोनों पैरों पर तेजी से भागने लगा।

क्यों हुआ कुणाल शर्मा का मर्डर
आखिरकार ग्रेटर नोएडा पुलिस ने 1 मई 2024 को हुए कुणाल हत्याकांड का खुलासा कर दिया। हालांकि, इस मर्डर केस का खुलासा करने में पुलिस को 8 दिन लग गए। पुलिस ने इस हत्याकांड में एक लेडी डॉन समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया। जिले के जॉइंट पुलिस कमिश्नर बबलू कुमार ने खुलासा करते हुए हत्याकांड का कारण बताया। पुलिस ने बताया कि कुणाल के पिता से हिमांशु ने ढाई लाख रुपये ब्याज पर लिए थे। कुणाल का परिवार ब्याज के लिए तगादा कर रहा था। दूसरी ओर कुणाल शर्मा के पिता कृष्ण कुमार शर्मा ने अपने रिश्तेदार मनोज के साथ होटल पार्टनरशिप में खोला था। मनोज को पता था कि अगर कुणाल की मौत हो जाती है तो होटल उसके नाम हो जाएगा। इस हत्याकांड की योजना हिमांशु और मनोज ने एक महीने पहले बना दी थी। दोनों ने सिर्फ इसलिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया, क्योंकि कुणाल की हत्या से दोनों हत्यारे अपना फायदा देख रहे थे और एक परिवार उजाड़ दिया। 

कैसे हुआ कुणाल शर्मा का अपहरण
बीते एक मई की दोपहर करीब 2:47 बजे ग्रेटर नोएडा से कुणाल का अपहरण हुआ था। अपहरण में एक स्कोडा गाड़ी का इस्तेमाल किया गया। उस गाड़ी में हिमांशु की प्रेमिका तन्वी भी बैठी हुई थी। गाड़ी से उतरकर तन्वी ही शिवा ढाबा एंड रेस्टोरेंट पर गई थी। वहां पर उसने पनीर और रोटी का आर्डर दिया। उसके बाद तन्वी ने कुणाल से कहा था, "बाहर गाड़ी में हिमांशु बैठा हुआ है, उससे जाकर भी खाने का आर्डर ले लो।" जिसके बाद कुणाल हिमांशु से खाने का ऑर्डर लेने के लिए कार के पास गया। 

कुनाल भाटी अब सच में हुआ लंगड़ा
कुणाल पहले से ही हिमांशु को जानता था। इसलिए कार के पास चला गया। कार में बैठते ही कुणाल के चेहरे को आरोपियों ने कवर कर दिया। कार में तन्वी और हिमांशु के अलावा कुनाल भाटी भी था। कुनाल भाटी दिव्यांग होने का नाटक करता था, लेकिन वह असल में ठीक था। हालांकि, अब पुलिस की गोली लगने से सच में विकलांग हो गया है। जो अस्पताल में एडमिट है। 

अपहरण के बाद कहां ले गई पुलिस
कुणाल को अपहरण के बाद उसको नोएडा सेक्टर-127 में स्थित जेपी विशटाउन में ले गए थे। वहां पर कुणाल का सिर दीवार में देकर मारा। कुणाल के चेहरे को पहले से कवर किया हुआ था, इसलिए वह पहले से अधमरा था। लेकिन दीवार में सिर लगने के बाद उसकी वहीं पर मौत हो गई। जेपी विशटाउन में हिमांशु के दोस्त का फ्लैट था। वहीं पर कुणाल को लेकर गए और हत्या कर दी। हत्या के बाद उसी एक मई की रात को कुणाल के शव को बुलंदशहर के लेकर गए और वहां नहर में फेंक दिया।

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