Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा वेस्ट के पतवाड़ी गांव में रहने वाले वेदपाल यादव, गीता यादव और उनके पार्टनर अजय कुमार सिंह के कारनामों पर आपका पसंदीदा न्यूज पोर्टल ट्राईसिटी टुडे पिछले 2 दिनों से समाचार प्रकाशित कर रहा है। खबरें पढ़ कर इनके शिकार लोग सामने आने लगे हैं। मंगलवार को बिसरख कोतवाली में इस भू-माफ़िया गैंग का शिकार हुए लोगों की लाइन लग गई। क़रीब एक दर्जन लोगों ने पुलिस को अपनी शिकायत दी हैं। जिनके साथ भू-माफिया दम्पति और उनके पार्टनर ने करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की है। बड़ी बात यह है कि इस भू-माफ़िया गैंग ने भारतीय सेना और और रेलवे को भी नहीं बख़्शा है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की अधिग्रहित जमीन पर सेना और रेलवे के नाम पर हाउसिंग स्कीम लॉन्च की। करीब 300 लोगों को फर्जीवाड़ा करके फ़्लैट बेचे हैं।
क्या है पूरा मामला
वेदपाल यादव और गीता यादव मूल रूप से पतवाड़ी गांव के रहने वाले हैं। इनका पार्टनर अजय कुमार सिंह छपरौला गांव का रहने वाला है। इन तीनों लोगों को गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने करीब एक महीने पहले भू-माफ़िया घोषित किया है। इन तीनों ने पतवाड़ी में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की जमीन पर क़ब्ज़ा कर लिया और अवैध हाउसिंग सोसाइटी बनाकर खड़ी कर दी। इसके अलावा सिंचाई विभाग की ज़मीन पर भी अवैध क़ब्ज़े किए हैं। ग़ाज़ियाबाद और देहरादून शहरों में शत्रु संपत्तियों पर क़ब्ज़ा करके होटल बनाए हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अवैध हाउसिंग सोसाइटी में घर बेचने के नाम पर क़रीब 300 लोगों के साथ ठगी की है। इनकी ठगी का शिकार हुए लोग सामने आए हैं। उन्होंने मंगलवार को बिसरख कोतवाली पहुंचकर अपनी शिकायतें दी हैं। इन तीनों के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी, जालसाजी और आर्थिक नुक़सान पहुंचाने के आरोपों में मुक़दमे दर्ज करने की मांग की है। पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है।
कैसे दिया ठगी को अंजाम
पीड़ितोंने बताया कि इन तीनों लोगों ने शिव शंकर बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड नाम से कम्पनी बनाई। इस कंपनी ने पतवाड़ी गांव में एमराल्ड नाम से हाउसिंग प्रोजेक्ट लॉन्च की। इन खरीदारों को बताया गया कि जमीन ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से ली गई है और किश्तों के आधार पर फ़्लैट का आवंटन किया जाएगा। वहीं, दूसरे लोगों ने बताया कि गीता यादव और वेदपाल यादव ने रेलवे एम्पलॉइज वेल्फेयर एसोसिएशन के नाम से फ़्लैट बनाकर देने की पेशकश की। वर्ष 217 में फ़्लैट्स बेचे गए और 2020 में क़ब्ज़ा देने का वादा किया था। क़ब्ज़ा देने का वक़्त चार साल पहले बीत चुका है। जब घर नहीं मिले तो छानबीन शुरू की, तब इनकी जालसाज़ी सामने आई।
पीड़ितों का आरोप
पीड़ितों का कहना है कि करीब 4 वर्षों से अपना पैसा वापस मांग रहे हैं, लेकिन आरोपी पैसा वापस नहीं लौटा रहे हैं। पीड़ितों ने पुलिस को बताया है कि गीता यादव, वेदपाल यादव और अजय कुमार सिंह अब जान से मारने की धमकी देने लगे हैं। अपने साथ हथियार बन गुर्गे रखते हैं, जो फ़्लैट आवंटियों को भयाक्रांत करते हैं। अब इन लोगों को पता लगा है कि गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने इन तीनों को भू-माफ़िया घोषित कर दिया है तो सारे लोग सामने आए हैं।