Greater Noida News : चाह कर भी ग्रेटर नोएडा में अवैध अतिक्रमण रुकने का नाम नहीं ले रहा है। एक स्थान पर अतिक्रमण को तोड़ा जाता है तो 10 नए बनकर तैयार हो जाते हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के जिन गांवों में इंडस्ट्री लगाने के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया था और किसानों को मुआवजा दिया गया था। उस जमीन पर बड़े पैमाने पर अवैध कॉलोनियों काटी जा रही है। इन गांव में शाहबेरी की तरह इमारत बनाने का प्रयास किया जा रहा है। बड़ी बात यह है कि यह सब डिवीजन-3 में तैनात जेई और टेक्निकल सुपरवाइजर की देखरेख में हो रहा है। किसानों का आरोप है कि यह सभी अधिकारी इसको रोकने के बजाय बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं।
अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप
किसानों का आरोप है कि बिना अधिकारियों की मिलीभगत से ग्रेटर नोएडा के किसी भी स्थान पर कोई ईंट भी नहीं लगा सकता और यहां पर प्राधिकरण की खरीदी जमीन पर अरबों रुपए का घोटाला हो गया है। यदि अधिकारी गहरी नींद से नहीं जागे तो बड़े स्तर पर नुकसान हो जाएगा। जिस जमीन को प्राधिकरण ने इंडस्ट्री लगाने के लिए खरीदा था, वहां एक कदम रखने की जमीन नहीं बचेगी।
करीब 80 हजार करोड़ रुपए होगा निवेश
बीते फरवरी में यूपी इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था, जिसमें करीब 80 हजार करोड़ रुपए का निवेश करने के लिए एमओयू साइन किया गया था। कंपनियों ने डिवीजन-3 में स्थित गांवों की जमीन मांगी थी, जिसके बाद प्राधिकरण ने जमीन खरीदकर किसानों को मुआवजा भी दिया है। अब इस जमीन पर बड़े स्तर पर अवैध अतिक्रमण जा जा रहा है।
प्राधिकरण और सरकार के साथ किसानों को भी नुकसान
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के किसानों का कहना है कि अगर प्राधिकरण के अधिकारियों की नींद नहीं खुली तो एक पांव रखने की जमीन भी नहीं बचेगी। भूमाफिया बड़े स्तर पर जमीन पर कब्जा कर रहे हैं और कॉलोनियों काट रहे हैं। इससे प्राधिकरण और सरकार को तो नुकसान होगा। इसके अलावा किसानों को भी भारी नुकसान होगा, क्योंकि यहां पर लगने वाली कंपनियों में स्थानीय बच्चों को रोजगार मिलेगा।