Greater Noida/Yamuna City : यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा एमआरओ (मेंटीनेंस रिपेयरिंग एंड ओवरहॉलिंग) हब विकसित होगा। यहां पर ना केवल अपने देश के बल्कि दूसरे देशों के विमानों की मरम्मत हो सकेगी। 1365 हेक्टेयर में विकसित होने वाले एमआरओ हब के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। एमआरओ हब के लिए अलग से एक रनवे बनेगा। इसके बनने से विमानों के रखरखाव में आत्मनिर्भरता आएगी।
देश में केवल 2 एमआरओ हब, वो भी छोटे से
प्रदेश सरकार ने मंगलवार को वायुयानों का मेंटीनेंस, रिपयरिंग और ओवरहालिंग की नीति को मंजूरी दे दी। इसका सबसे अधिक फायदा गौमतबुद्ध नगर जिले को मिलेगा। विमानों के रखरखाव में अभी दूसरे देशों पर निर्भरता है। देश में हैदराबाद और बेंगलुरु आदि शहरों में विमानों का रखरखाव होता है, लेकिन यह काम बहुत छोटे स्तर पर होता है। अभी तक अधिकतर भारतीय विमानों का मेंटीनेंस सिंगापुर, श्रीलंका और दूसरे यूरोपीय देशों में कराया जाता है, लेकिन जेवर में हवाई अड्डा शुरू होने के साथ ही एमआरओ के मामले में भी आत्मनिर्भरता आ जाएगी।
1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण हुआ
विमानों की मरम्मत दूसरे देशों में होने से खर्च भी अधिक आता है। साथ ही देश की पूंजी बाहर जाती है। इसका असर पूरे सिस्टम पर पड़ता है। जेवर में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन रहा है। इस एयरपोर्ट के साथ ही एमआरओ अब विकसित करने की तैयारी शुरू हो गई है। यह देश का सबसे बड़ा एमआरओ हब होगा। इसके लिए जिला प्रशासन 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण कर रहा है। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में यह हब विकसित होगा।
छह गांवों की जमीन पर बनेगा एमआरओ हब
जिला प्रशासन के छह गांवों की जमीन अधिग्रहण कर रहा है। इसके लिए किसानों की सहमति ली जा रही है। यह प्रक्रिया बहुत तेजी के साथ चल रही है। जमीन खरीदने के लिए सरकार और अन्य स्टेकहोल्डर ने पैसा दे दिया है। दूसरे चरण में 1365 हेक्टेयर जमीन खरीदने के लिए करीब 2890 करोड़ रुपए का मुआवजा बांटा जाएगा। इसकी तैयारी लगभग पूरी है। एमआरओ सब में विमानों का रख रखा होगा। उनकी मरम्मत होगी। इसके लिए एक अलग से रनवे भी बनाया जाएगा। विमानों की मरम्मत के लिए विमानों को खड़ा करने के लिए हैंगर बनाए जाएंगे। इस सब की योजना तैयार हो गई है। जमीन अधिग्रहण पूरा होने के बाद इस पर तेजी से काम होगा।
124 हेक्टेयर जमीन सरकारी
एमआरओ हब के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण हो रहा है। इसमें 124 हेक्टेयर जमीन सरकारी है। शासनादेश के मुताबिक, प्राधिकरण क्षेत्र की जमीन का मालिकाना हक अब सरकार के बजाय प्राधिकरण को है। इसलिए यह जमीन आसानी से मिल जाएगी। इसके अलावा इस क्षेत्र की 57 हेक्टेयर जमीन यमुना प्राधिकरण पहले खरीद चुका है। बाकी जमीन गांव करौली बांगर, कुरैब, बीरमपुर, दयानतपुर, रनहेरा और गांव मुंढहर की है।
इन गांवों की जमीन पर बनेगा हब गांव का नाम जमीन हेक्टेयर में
करौली बांगर 159
कुरैब 326
बीरमपुर 49
दयानतपुर 145
रनहेरा 458
मुंढहर 46