गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय के आदेश पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दो प्रबंधकों समेत सात नामजद और कुछ अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोप है कि प्राधिकरण के अधिकारियों ने सांठगांठ कर एक किसान कोटे के 60 वर्ग मीटर प्लॉट को किसी दूसरे को स्थानांतरित कर दिया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
साकीपुर गांव के रहने वाले सरजीत सिंह ने जिला न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता सरजीत सिंह ने कोर्ट को बताया कि करीब बीस साल पहले उनकी पैतृक जमीन का अधिग्रहण हुआ था। इसमें पीड़ित के पिता को मुआवजा और अन्य लाभ दिया गया था। उनके पिता को किसान कोटे का एक 60 वर्ग मीटर का प्लॉट सेक्टर जीटा वन में आवंटित किया गया था।
पीड़ित का कहना है कि पिता की मृत्यु होने के बाद जब वह प्लॉट को अपने नाम कराने गया तो पहले प्राधिकरण के कर्मचारी टरकाते रहे। एक साल तक कार्यालय के चक्कर काटने के बाद पता चला कि उक्त प्लॉट प्राधिकरण के अधिकारियों ने सांठगांठ कर जवाहर सिंह के नाम स्थानांतरित कर दिया। इस मामले की शिकायत पुलिस से की गई। लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर पीड़ित ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय ने पीड़ित की याचिका पर सुनवाई करते हुए सूरजपुर कोतवाली को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए।
कोतवाली पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्रबंधक कैलाश भाटी, प्रबंधक अरविन्द मोहन समेत संजीव शर्मा, जवाहर सिंह, संजय कुमार भाटी, हृदेष कुमार व एक बैंक के प्रबंधक और कुछ अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। सूरजपुर कोतवाली प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। प्रकरण की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।