Greater Noida News : यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) में एक बड़े भूमि घोटाले का खुलासा हुआ है, जो यमुना प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन सरदार महेंद्र सिंह (Mahendra Singh) के कार्यकाल से जुड़ा है। इस घोटाले में लगभग 500 एकड़ ज़मीन की लीज़ बैक का मामला सामने आया है, जिसकी कीमत हज़ारों करोड़ रुपये आंकी जा रही है।
क्या था पूरा मामला
मामला उजागर होने पर यमुना प्राधिकरण के तत्कालीन चेयरमैन प्रभात कुमार ने इसकी जांच का आदेश दिया था। जांच के लिए प्राधिकरण के पूर्व सीईओ अमरनाथ उपाध्याय की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी ने मौके पर पहुंचकर लीज़ बैक की गई हज़ारों बीघा ज़मीन की जांच की थी। जांच के बाद अमरनाथ उपाध्याय ने अपनी रिपोर्ट तत्कालीन चेयरमैन प्रभात कुमार को सौंप दी थी। हालांकि, आगे की कार्रवाई नहीं हो पाई क्योंकि चेयरमैन का तबादला हो गया और उनका कार्यकाल भी समाप्त हो गया। इस प्रकार, यह बड़ा घोटाला आज भी प्राधिकरण की फाइलों में दबा पड़ा है।
सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र
इसी तरह, एक अन्य घोटाले का भी खुलासा हुआ है जिसमें 17 संस्थागत और बिल्डर के प्लॉट किसानों से अधिग्रहण की गई ज़मीन के रेट से भी कम दर पर आवंटित कर दिए गए थे। यह घोटाला भी हज़ारों करोड़ रुपये का बताया जा रहा है। अब इन घोटालों की जांच और आगे की कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से उम्मीद की जा रही है। किसान नेता और जय जवान जय किसान संघर्ष समिति मोर्चे के संयोजक सुनील फौजी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर सरदार महेंद्र सिंह के कार्यकाल में हुए इन घोटालों की जांच की मांग की है।
घोटालों में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई
इस पत्र में सुनील फौजी ने मांग की है कि घोटालों में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि इन घोटालों से न केवल सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है, बल्कि किसानों के हितों का भी हनन हुआ है।