ग्रेटर नोएडा में फिर घुसा तेंदुआ, पूरे इलाके में हड़कंप मचा, अलर्ट जारी

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 ग्रेटर नोएडा में फिर घुसा तेंदुआ, पूरे इलाके में हड़कंप मचा, अलर्ट जारी

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा में फिर घुसा तेंदुआ

ग्रेटर नोएडा में दादरी कस्बे के पास नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) संयंत्र के परिसर में एक बार तेंदुआ दिखाई दिया है। एनटीपीसी प्लांट के सुरक्षाकर्मियों, कर्मचारियों और आसपास के ग्रामीणों ने तेंदुआ देखा है। जिसके बाद से पूरे इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। एनटीपीसी प्लांट की सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसफ) के पास है। तेंदुआ दिखने की सूचना मिलने के बाद सीआईएसफ स्थानीय पुलिस और वन विभाग सक्रिय हो गए हैं। लेकिन 6 महीने पहले भी एनटीपीसी में तेंदुआ दिखाई दिया था। 

लोगों का कहना है कि नवंबर 2020 में एनटीपीसी के भीतर तेंदुआ दिखाई दिया था। लेकिन 6 महीनों में वन विभाग तेंदुआ को नहीं पकड़ पाई है। मिली जानकारी के मुताबिक सुरक्षा बल और वन विभाग तेंदुए की तलाश में जुटे हुए हैं। तेंदुआ संयंत्र परिसर में लगे सीसीटीवी ने भी कैप्चर किया है। मिली जानकारी के मुताबिक करीब 4 दिनों पहले एनटीपीसी प्लांट के परिसर में तेंदुआ दिखाई दिया था। एनटीपीसी परिसर में रहने वाले लोगों, कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों ने इसकी शिकायत की। जिसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई। 

डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट ऑफिसर ने बताया कि पहले ही पूरे परिसर में कैमरे लगाए गए थे। पिछले कई दिनों से तेंदुए की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। उससे किसी को कोई खतरा नहीं है। पूरे एनटीपीसी परिसर में जाल लगा दिया गया है। तेंदुए को जल्दी ही पकड़ लिया जाएगा। संयंत्र परिसर में तेंदुए के घुसने से पूरे इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। वन विभाग की ओर से आसपास के इलाके में अलर्ट जारी किया गया है।

एनटीपीसी परिसर में पहले भी कई बार घुस चुका तेंदुआ
दादरी में नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन का संयंत्र है। यह विशाल इलाके में फैला हुआ है। आवासीय कॉलोनी, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, संयंत्र परिसर, प्रशासनिक भवन के अलावा बड़े इलाके में खाली जंगल है। जिसमें सघन वृक्षारोपण और झाड़ियां खड़ी हुई हैं। इस सघन वृक्षारोपण में अक्सर तेंदुआ घुस आता है। पिछले दो-तीन सालों में ऐसा बार-बार हो रहा है। 

वन विभाग का मानना है कि गढ़मुक्तेश्वर और हस्तिनापुर से गंगा नदी के साथ-साथ होते हुए तेंदुआ इस तरफ आता है। दरअसल, एनटीपीसी को गंग नहर से पानी मिलता है। जिसके लिए गंग नहर और एनटीपीसी संयंत्र को एक छोटी नहर से जोड़ा गया है। तेंदुए पहले गंगा नदी उसके बाद गंग नहर और फिर लिंक कैनाल के किनारे-किनारे सफर करके एनटीपीसी तक पहुंच जाते हैं। यहां घने जंगल में उसे आराम से आवासीय सुविधा उपलब्ध होती है। इस इलाके में बड़ी संख्या में नीलगाय, हिरण और दूसरी जंगली जानवर निवास करते हैं। जिनका शिकार करके तेंदुए को भरपूर भोजन मिलता है। वन विभाग का कहना है कि इन्हीं सकारात्मक परिस्थितियों के चलते तेंदुआ बार-बार इधर आता है।

वन विभाग ने कहा- स्थानीय निवासियों को कोई खतरा नहीं
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तेंदुए से स्थानीय निवासियों को किसी भी तरह का खतरा नहीं है। सामान्य रूप से तेंदुआ लोगों पर हमला नहीं करता है। तेंदुआ और इस प्रजाति के जानवर जब तक आदमखोर नहीं होते, लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। ऐसा भोजन की बहुत ज्यादा कमी के कारण ही होता है। एनटीपीसी परिसर में तेंदुआ सघन वन क्षेत्र में रह रहा है। उसके पास भोजन की कोई कमी नहीं है। कैमरों के जरिए इस पर नजर रखी जा रही है। उसकी गतिविधियों को देखकर साफ पता चलता है कि वह आवासीय परिसर की ओर नहीं जा रहा है। लिहाजा, लोगों को किसी भी तरह परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन अलर्ट रहने की जरूरत है। पूरे एनटीपीसी परिसर में कर्मचारियों, निवासियों और सुरक्षाकर्मियों को चेतावनी जारी की गई है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जल्दी ही तेंदुए को पकड़ लिया जाएगा। टीम एनटीपीसी परिसर में तैनात की गई हैं। तेंदुए के सम्भावित आवागमन मार्गों पर जाल लगाए गए हैं।

 

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