नोएडा के बरौला डबल मर्डर केस में पूरे परिवार को उम्रकैद, 2017 में कुछ इस तरह दिया था वारदात को अंजाम

BIG BREAKING : नोएडा के बरौला डबल मर्डर केस में पूरे परिवार को उम्रकैद, 2017 में कुछ इस तरह दिया था वारदात को अंजाम

नोएडा के बरौला डबल मर्डर केस में पूरे परिवार को उम्रकैद, 2017 में कुछ इस तरह दिया था वारदात को अंजाम

Tricity Today | गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय

Greater Noida Desk : नोएडा के बरौला गांव में अक्टूबर 2017 में डबल मर्डर हुआ था। इस मामले में गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने फैसला सुनाया है। हत्याकांड में शामिल पूरे परिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसमें घर के मुखिया ओमवीर और उनकी बीवी पुष्पा देवी भी शामिल हैं। ओमवीर और पुष्पा देवी ने अपने दोनों बेटों गुलशन और जितेंद्र के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। यह फैसला न्यायाधीश रणविजय सिंह ने सुनाया है और पूरे मामले की पैरवी शासकीय अधिवक्ता नितिन त्यागी ने की है।

क्या है पूरा मामला
शासकीय अधिवक्ता नितिन त्यागी ने बताया, “बरौला गांव के निवासी रमेश कुमार शर्मा ने सेक्टर-49 कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाते हुए बताया था कि 9 अक्टूबर 2017 को रात करीब 9:00 बजे मेरा भतीजा उमेश और योगेश किसी काम से कल्याण कुंज कॉलोनी जा रहे थे। उनके पीछे कुछ दूरी पर मैं और अमित कुमार शर्मा पैदल चल रहे थे। जब उमेश और योगेश बरौला गांव में मकान बना रहे गुलशन उर्फ गुल्लू और जितेंद्र उर्फ जुता के घर के पास पहुंचे तो गुलशन, जितेंद्र और ओमकार ने अपने साथियों के साथ मिलकर उमेश व योगेश पर चाकू से हमला कर दिया। इस घटना में गुलशन की मां ने भी पूरा सहयोग दिया था।"

मामूली बात पर रंजिश बनी
रमेश कुमार शर्मा ने पुलिस को बताया था, "इस घटना से करीब 2 महीने पहले गुलशन और जितेंद्र ने मेरे भतीजे उमेश व योगेश के साथ क्रिकेट खेलने के दौरान विवाद किया था। जिसमें समाज के लोगों ने बैठकर फैसला करवा दिया था। इस मामले के बाद योगेश और उमेश के साथ दोनों रंजिश रखने लगे। इस तरह बरौला गांव में डबल मर्डर कांड को अंजाम दिया गया था।"

छह साल बाद मिला इंसाफ
शासकीय अधिवक्ता नितिन त्यागी ने बताया कि जिला न्यायालय ने इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले 4 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा 20-20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर 6 महीने की अतिरिक्त सजा बढ़ा दी जाएगी। नितिन त्यागी ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर जिला कोर्ट का यह बड़ा फैसला है। पीड़ित परिवार को 6 साल बाद इंसाफ मिला है।

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