Tricity Today | अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा और करणी सेना ने आयोजित कीमहापंचायत
- 144 गांवों के क्षत्रिय समाज की महापंचायत
- दादरी में सम्राट मिहिरभोज की प्रतिमा को लेकर हुआ बवाल
- क्षत्रिय समाज और गुर्जर समाज में हुए मतभेद
- आरएसएस और भाजपा के नेताओं पर विवाद को बढ़ाने का आरोप
- क्षत्रिय समाज के लोगों ने योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र
Greater Noida News : दादरी के डिग्री कॉलेज में अनावरण से पहले सम्राट मिहिर भोज (Samrat Mihir Bhoj) की प्रतिमा को लेकर विवाद लगातार बढ़ रहा है। रविवार को 144 गांवों के क्षत्रिय समाज की महापंचायत प्यावली गांव में हुई है। क्षत्रिय समाज की महापंचायत अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा और करणी सेना ने आयोजित की। सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर बताने का विरोध किया है और ऐलान किया कि अगर इतिहास से खिलवाड़ किया गया तो नतीजे भुगतने पड़ेंगे। पंचायत में फैसला हुआ कि पहले जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपे जाएंगे। अगर फिर भी बात नहीं मानी गई तो आंदोलन किया जाएगा।
क्षत्रिय समाज के 144 गांवों की महापंचायत रविवार को आयोजित की गई। जिसमें इस कार्यक्रम के विरोध की पूरी रणनीति बनाई गई है। दावा किया गया था कि क्षत्रिय समाज के सभी प्रमुख लोग इस महापंचायत में हिस्सा लेंगे, लेकिन भीड़ युवाओं की रही। दादरी में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण से पहले ही इसको लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है।
आपको बता दें कि इस मामले को लेकर राजपूत और गुर्जर आमने-सामने आ गये हैं। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर, राष्ट्रीय सचिव पृथ्वी सिंह, करणी सेना के प्रदेश संगठन मंत्री राणा ब्रजेश प्रताप सिंह, अधिवक्ता रीमा सिंह और अशोक चौहान आदि ने शनिवार को प्रेस वार्ता की थी। इन लोगों ने कहा, "नौंवी शताब्दी के राजपूत सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार को गुज्जर समुदाय से जोड़ना गलत है। हम अपने इतिहास से छेड़छाड़ नहीं होने देंगे। इसको लेकर समाज के लोगों में नाराजगी है। अपने इतिहास को बचाये रखने के लिए सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।" इसी क्रम में रविवार को प्यावली गांव में महापंचायत हुई। जिसमें करीब एक हजार युवकों की भीड़ शामिल हुई।
करणी सेना के ब्रजेश राणा ने कहा, "हम लोगों ने तय कर लिया है कि सबसे पहले इस कार्यक्रम को रोकने के लिए जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी एक ज्ञापन भेजा गया है। अगर इसके बावजूद भी इस कार्यक्रम को नहीं रोका गया तो सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा। क्षत्रिय समाज अपने इतिहास के साथ छेड़छाड़ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर समुदाय से जोड़कर प्रचार प्रसार करना हमें कतई स्वीकार नहीं है।" इस कार्यक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर भी अभियान चलाया जा रहा है।
गांव में पुलिस और पीएसी तैनात की गई
प्यावली गांव में महापंचायत की घोषणा के बाद भारी फोर्स तैनात कर दिया गया। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय सचिव पृथ्वी सिंह ने कहा कि महापंचायत की घोषणा होने के बाद से पुलिस अफसर दबाव बना रहे हैं। यह महापंचायत रोकने की पूरी कोशिश की गई है। कार्रवाई की धमकी दी जा रही हैं, लेकिन वह इस महापंचायत को आयोजित करेंगे। यह हमारे लिए अपनी पहचान और अपने इतिहास को बचाये रखने का सवाल है।
मिहिरभोज की 15 फुट ऊंची अष्ठधातु की है प्रतिमा
दादरी के सम्राट मिहिर भोज कॉलेज में लगने वाली प्रतिमा 15 फुट ऊंची है। जिसे स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण करने वाले विख्यात मूर्तिकार रामसुतार ने बनाया है। यह प्रतिमा अष्टधातु की है। जिसे कॉलेज में स्थापित किया जा चुका है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसका अनावरण करने के लिए 22 सितंबर को आएंगे। खास बात यह है कि मिहिरभोज डिग्री कॉलेज में पहले से ही सम्राट मिहिर भोज की एक छोटी प्रतिमा लगी हुई है।
राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेश संगठन महामंत्री राणा बृजेश प्रताप सिंह का कहना है, "गुर्जर समाज के कुछ लोग इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं। 22 सितंबर को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ दादरी आने वाले हैं। सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। योगी आदित्यनाथ को पता होना चाहिए कि वह जिसकी प्रतिमा का अनावरण करने आ रहे हैं, वो कौन सी जाति से हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "असल में भाजपा के कुछ नेता और आरएसएस के कार्यकर्त्ता लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं। साठा चौरासी और बिसहाड़ा गांव के आसपास हजारों ठाकुर समाज के परिवार रहते हैं। कुछ भाजपा और संघ के लोग ही दो जाति के बीच मतभेद पैदा करके भाजपा के खिलाफ गहरी राजनीति रच रहे हैं।" उनका उनका है कि ठाकुर और गुर्जर समाज के लोग भाजपा को वोट देते हैं लेकिन ऐसा करके भाजपा के वोटरों को बांटने का काम किया जा रहा है।