इस महापर्व पर कैसे करें पूजन और क्यों है महत्वपूर्ण, पढ़िए पंडित पुरूषोतम सती की जुबानी

Mahashivratri 2021: इस महापर्व पर कैसे करें पूजन और क्यों है महत्वपूर्ण, पढ़िए पंडित पुरूषोतम सती की जुबानी

इस महापर्व पर कैसे करें पूजन और क्यों है महत्वपूर्ण, पढ़िए पंडित पुरूषोतम सती की जुबानी

Tricity Today | पंडित पुरूषोतम सती

गुरुवार को बुधादित्य योग के शुभ संयोग के साथ महाशिरात्रि का महापर्व है। महाशिवरात्रि का पर्व शिव भक्तों के लिए प्रमुख पर्व है। वैसे तो हर महीने में एक शिवरात्रि होती है। परन्तु फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की शिवरात्रि महाशिरात्रि के रूप में प्रसिद्ध है और इसको इसीलिए महाशिवरात्रि भी कहा जाता है। क्योंकी यह अन्य शिवरात्रि से अधिक महत्वपूर्ण है। शिव पुराण में भगवान शिव के चरित्र के विषय में विस्तार से लिखा गया है। शिव पूजा करने वालों को शैव संप्रदाय का माना जाता है। परंतु कुछ पर्व ऐसे होते हैं। जो संप्रदाय विशेष के ना हो कर सबके होते हैं। उनमें महाशिवरात्रि का पर्व आता है।

शिवरात्रि की महत्ता : अलग अलग साहित्य में अलग अलग कारण मिलते हैं जिससे यह सिद्ध होता है कि यह बहुत प्रमुख पर्व है और भगवान शिव को यह दिन अत्यंत प्रिय है।

कारण इस प्रकार हैं -
  1. ईशान संहिता के अनुसार सृष्टि का आरम्भ अग्निलिंग (जो महादेव का विशालकाय स्वरूप है) के उदय से हुआ।
  2. भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था।
  3. देवासुर संग्राम के बाद हुए समुद्र मंथन से जब विष निकला तो उसको भगवान शिव ने अपने कंठ में धारण किया था और   सम्पूर्ण सृष्टि की रक्षा की थी।
  4. महाशिवरात्री के महात्म्य की भी अनेक प्रसंग प्रसिद्ध है, जिसमें चित्रभान नामक शिकारी द्वारा अनजाने में भगवान शिव की आराधना और उसके बाद उसके कल्याण की कथा सर्वाधिक प्रसिद्ध है।
पूजा विधि
  1. महाशिवरात्रि के दिन दिन भर व्रत रखना चाहीए जिससे आप संयम में रह सकें। 
  2. दिन भर भगवान का ध्यान करना चाहिए।
  3. नर्मदेश्वर शिवलिंग या किसी अन्य शिवलिंग पर जल का अभिषेक करना चाहिए।
  4. भगवान शिव का अभिषेक दूध, दही, घी, शहद, चीनी इत्यादि से भी करें अगर संभव हो तो।
  5. भगवान शिव को रुद्राक्ष की माला अर्पित करें।
  6. प्रसाद स्वरूप भस्म को धारण करें।
  7. भगवान शिव को अर्पित फल, प्रसाद इत्यादि को दक्षिणा और सफेद वस्त्र के साथ शिव मन्दिर में दान दें।
  8. अपने क्षेत्र की लोक मान्यताओं के अनुसार भगवान का पूजन करें।
भगवान की प्रिय वस्तुएं : भगवान शिव जी को धतूरा, बेल पत्र, कनेर, मदार इत्यादि बहुत पसंद है। इनके फल और फूल दोनों अर्पित करें। महाशिवरात्रि के दिन शिवपुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए। इस दिन, कई स्थानों पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह समारोह भी आयोजित किया जाता है।

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