Greater Noida News : सिपाही नागरिक पुलिस की भर्ती की लिखित परीक्षा के पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस घोटाले के मुख्य आरोपियों रवि अत्री और सुभाष प्रकाश को गिरफ्तार कर लखनऊ स्थित सीबीआई और ईडी की विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने दोनों आरोपियों को सात दिन की रिमांड पर भेज दिया है। रवि अत्री मूल रूप से ग्रेटर नोएडा के जेवर के गांव नीमका का निवासी है। उसने पेपर लीक कांड में अहम भूमिका निभाने वाला आरोपी है। अब बताया जा रहा है कि इस मामले में ग्रेटर नोएडा में रहने वाले कई लोगों पर एक्शन हो सकता है। उसकी जांच की जा रही है।
रवि अत्री का आपराधिक इतिहास
रवि अत्री का नाम पहले भी कई परीक्षा पेपर लीक कांडों में सामने आ चुका है। इससे पहले वह नीट और एम्स पीजी परीक्षा के पेपर लीक करने के आरोप में भी जेल जा चुका है। 2012 में प्री-मेडिकल टेस्ट परीक्षा और 2015 में एम्स पीजी परीक्षा के पेपर लीक मामले में भी रवि का नाम शामिल था। इस बार सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक में भी रवि और उसके सहयोगी सुभाष प्रकाश का हाथ था।
रवि का नकल माफिया बनने का सफर
रवि अत्री का मूल उद्देश्य कभी डॉक्टर बनना था। इसके लिए वह नीट की तैयारी कर रहा था। कोटा में पढ़ाई के दौरान उसकी मुलाकात पेपर सॉल्वर गैंग से हुई, और यहीं से वह नकल माफिया के संपर्क में आ गया। इसके बाद उसने कई बड़े पेपर लीक कांडों में अपनी भागीदारी निभाई। ग्रामीणों के मुताबिक रवि अत्री अपनी महिला मित्र के साथ नोएडा में रह रहा था।
रवि अत्री की संपत्ति का ब्योरा
रवि अत्री के पास नोएडा और ग्रेटर नोएडा में करोड़ों रुपये की संपत्ति होने की जानकारी सामने आई है। इसके अलावा मथुरा, अलीगढ़ और बुलंदशहर में भी रवि ने रिश्तेदारों और परिचितों के नाम से संपत्ति खरीदी है। एक सप्ताह पूर्व राजस्व टीम ने नीमका गांव में रवि के परिवार की संपत्ति का ब्योरा खंगाला था।
रवि और सुभाष की गिरफ्तारी
ईडी के अधिकारियों ने रवि अत्री को मेरठ और सुभाष प्रकाश को प्रयागराज जेल से गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए ईडी ने उन्हें लखनऊ स्थित अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें सात दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है। ईडी ने इस गिरफ्तारी की जानकारी ट्विटर के माध्यम से दी।