Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के याकूबपुर गांव में एक ऐसा विवाह संपन्न हुआ जिसने पारंपरिक दहेज प्रथा को तोड़ते हुए समाज में एक नई मिसाल कायम की है। पुलिस अधिकारी जतन चौधरी के पुत्र हर्षित चौधरी और आकांक्षा चंडीला के विवाह ने सामाजिक परंपराओं में बदलाव की एक नई राह दिखाई है।
दहेज प्रथा के विरुद्ध महत्वपूर्ण संदेश
हर्षित चौधरी, जो एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं, ने आकांक्षा चंडीला (जो बीएड और सीटेट में योग्य हैं) से विवाह किया। इस विवाह की सबसे विशेष बात यह रही कि इसमें दहेज मुक्त दृष्टिकोण अपनाया गया। वर पक्ष ने शादी की सभी रस्मों में केवल 1 रुपया लिया, जबकि भात की रस्म में भी केवल 101 रुपये स्वीकार किए गए। यह कदम गुर्जर समाज में प्रचलित दहेज प्रथा के विरुद्ध एक महत्वपूर्ण संदेश है। यह विवाह न केवल एक व्यक्तिगत निर्णय है, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी है जो दहेज प्रथा के विरुद्ध लड़ाई में एक मजबूत उदाहरण प्रस्तुत करता है। गुर्जर समाज में यह एक ऐसी मिसाल है जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित कर सकती है।
स्थानीय लोगों ने की सरहाना
स्थानीय प्रधान रवींद्र सिंह याकूबपुरिया और उनके परिवार ने इस विवाह के माध्यम से समाज में एक नई और सकारात्मक दिशा दी है। स्थानीय लोगों ने इस पहल की सराहना की और इसे समाज परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना। स्थानीय वकील मनोज चौधरी ने कहा, "यह विवाह समाज को दहेज मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह भविष्य के लिए एक आदर्श स्थापित करेगा।"