लापरवाही के बाद जागा प्राधिकरण, बाजी हाथ से निकलने के बाद पहली बार पूरे ग्राउंड को किया कवर

ग्रेटर नोएडा में Afg vs NZ test: लापरवाही के बाद जागा प्राधिकरण, बाजी हाथ से निकलने के बाद पहली बार पूरे ग्राउंड को किया कवर

लापरवाही के बाद जागा प्राधिकरण, बाजी हाथ से निकलने के बाद पहली बार पूरे ग्राउंड को किया कवर

Tricity Today | शहीद विजय सिंह पथिक स्पोर्ट्स कांप्लेक्स

Greater Noida : शहीद विजय सिंह पथिक स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में मंगलवार को भी अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच मैच बारिश की वजह से नहीं हुआ। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने तेज बारिश से ग्राउंड को बचाने के लिए पूरा कवर कर दिया है। मूसलाधार बारिश की वजह से एकत्रित पानी को पंप और सुपर सोपर की मदद से निकाला जा रहा था।

प्राधिकरण की तैयारी नाकाफी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि एसीईओ प्रेरणा सिंह और आशुतोष द्विवेदी समेत वह सभी संबंधित विभागों और पुलिस-प्रशासन की टीम ग्राउंड पर मौजूद रहकर व्यवस्था संभालने में लगी रही। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड प्रबंधन से बात करके जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, लेकिन अगर इसी तरह से बारिश होती रही तो आयोजकों ने बुधवार को भी मैच न हो पाने की आशंका जताई है।

ये बड़ी समस्याएं
  1. सबसे बड़ी समस्या पानी निकासी को लेकर थी। इसे समय-समय पर परखा जाता है और ठीक किया जाता है। टीमों के आने की घोषणा पहले ही हो चुकी थी और बरसात भी बार-बार हुई। इससे अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं था मैदान पर पानी कहां रुक रहा है।
  2. आउटफील्ड पर बरसात से पहले ही कई जगह पानी रुक रहा था। समय रहते इसे काटकर पोर्टेबल घास बिछाई जा सकती थी। यह काम आनन-फानन में अनगढ़ तरीके से मंगलवार को जाकर किया गया। यह महीना या हफ्ताभर पहले भी किया जा सकता था। पर्याप्त समय था कि ये टुकड़े मैदान से एकाकार हो जाते। सुखाने के केमिकल भी कई जगह इस्तेमाल होते हैं। 
  3. मैदान को पूरा ढकने के लिए पर्याप्त कवर ही नहीं हैं। रिपोर्ट छपने के बाद कुछ और कवर मंगाए गए लेकिन ये भी पूरे मैदान को कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं है। जबकि अब पिच को कवर करने के लिए पहियों पर चलने वाली आधुनिक मशीनें आ चुकी हैं। यहां तो पिच पर दरी बिछाकर और उस पर मोटी पॉलिथीन डालकर ही  काम चलाया जा रहा है। आउटफील्ड को भी पूरी तरह ढकने की व्यवस्था दो दिन की फजीहत के बाद भी नहीं है।
  4. मैदान को सुखाने के इंतजाम तो जगहंसाई करा रहे हैं। कभी पंखों तो कभी बाल्टी और मग से पानी निकासी की जा रही थी। ग्राउंड स्टाफ की भी मजबूरी है कि उन्हें सीमित संसाधनों में काम करना पड़ता है। सुपर सोपर मैदान से नमी सोखने में सबसे कारगर है। पर यहां पिछले हफ्ते एक ही सोपर था। मैच शुरू होने से ठीक पहले एक और सुपर सोपर मंगाया गया लेकिन इनक क्षमता भी कम है। सोमवार को तो एक बजे तक सुपर सोपर चलाया ही नहीं गया था। अफगानिस्तान के कोच जोनाथन ट्रॉट इससे बेहद हैरान दिखे थे। 
  5. समय रहते कुशल स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई। ग्राउंड स्टाफ में पर्याप्त और तकनीकी जानकार मौजूद नहीं हैं। साथ ही इतने बड़े आयोजन की व्यवस्था संभालने के लिए अस्थायी एक्पसर्ट को भी नहीं लिया गया।

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