Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के चिटहैरा भूमि घोटाले में बड़ी खबर है। मेरठ पुलिस गांव में पहुंच गई है। यहां शिव नादर विश्वविद्यालय के पीछे भूमाफिया यशपाल तोमर की 40 बीघा जमीन जब्त की जाएगी। मेरठ के एसपी आईपीएस विवेक यादव के नेतृत्व में पुलिस और राजस्व विभाग की टीम गांव में पहुंची है। आपको बता दें कि यशपाल तोमर को मेरठ पुलिस ने गैंगस्टर और प्रशासन ने भूमाफिया घोषित किया है। जिसके बाद यह कार्रवाई की जा रही है। दूसरी ओर गुरुवार को गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने भी यशपाल तोमर को भूमाफिया घोषित किया है। आपके पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल 'ट्राईसिटी टुडे, ने इस बड़े भूमि घोटाले का खुलासा किया था।
गुरुवार को किया भूमाफिया घोषित
इससे पहले गुरुवार को गौतमबुद्ध नगर के डीएम सुहास एलवाई ने जनपद के उच्च स्तरीय असफरों के साथ बैठक की। जिसमें चिटहैरा भूमि घोटाले के मास्टरमाइंड यशपाल तोमर को भूमाफिया घोषित कर दिया है। इसके अलावा चिटहैरा भूमि घोटाले में शामिल प्रशासनिक और राजस्व विभाग के अधिकारियों की सूची शासन को भेजी गई है। जल्दी इन अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई होंगी।
क्या है पूरा मामला
करीब 4 दशक पहले चिटहेरा गांव में दलितों और भूमिहीनों के नाम पर पट्टे आवंटित किए गए। यह आवंटन पत्रावली रद्द कर दी गई थी। इसके बाद तहसील में रखे दस्तावेजों में बड़े पैमाने पर हेरफेर किया गया। मतलब, किसी आवंटी को ग्राम पंचायत समिति ने आधा बीघा जमीन दी थी, दस्तावेजों में कटिंग और गड़बड़ियां करके उनके नाम कई-कई बीघा जमीन दर्ज कर दी गई। इसके बाद माफिया ने दूसरे जिलों से एससी और एसटी जातियों से ताल्लुक रखने वाले लोगों को चिटहेरा का मूल निवासी बताकर रजिस्ट्री और एग्रीमेंट करवाए। जब तक यह जमीन चिटहेरा गांव के दलितों के नाम थी, उन्हें तहसील प्रशासन ने संक्रमणीय भूमिधर घोषित नहीं किया। जैसे ही जमीन बाहरी लोगों के नाम दर्ज हुई, उन्हें संक्रमणीय भूमिधर घोषित कर दिया गया।
अरबों रुपए के घोटाला की पोल 'ट्राईसिटी टुडे' ने खोली
ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा गांव में अरबों रुपए की सरकारी जमीन माफिया यशपाल तोमर ने हड़प ली है। 'ट्राईसिटी टुडे' की जांच में यह भी पता चला कि इस घोटाले में कई स्थानीय नेताओं के कनेक्शन जुड़े हुए हैं। जिनके दम पर सैकड़ों करोड़ रुपए का यह घोटाला किया गया है। दादरी तहसील में तैनात रहे कई प्रशासनिक अधिकारी भी इस घोटाले में शामिल हैं। इतना ही नहीं दलितों और किसानों के पट्टों से जुड़े तहसील के राजस्व रिकॉर्ड में बड़े पैमाने पर हेराफेरी करके यह पूरा खेल हुआ है। गांव के जिन लोगों ने इसका विरोध किया, उनके खिलाफ दूसरे राज्यों में फर्जी मुकदमे दर्ज करवाए गए और जेल भिजवा दिया गया। 'ट्राईसिटी टुडे' ने इस मामले को काफी गंभीरता से उठाया था। जिसके बाद ना ही केवल पुलिस बल्कि गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन, यूपी एसटीएफ, उत्तराखंड एसटीएफ से लेकर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश हाईकमान तक हड़कंप मच गया था। जिसके बाद एक के बाद एक विभाग ने 'ट्राईसिटी टुडे' की खबर के आधार पर जांच शुरू कर दी थी।