ग्रेटर नोएडा में मेट्रो के पूरे हुए 3 साल, लेकिन आज भी लोग खुश नहीं, जानिए क्या हैं वजह

बड़ी खबर : ग्रेटर नोएडा में मेट्रो के पूरे हुए 3 साल, लेकिन आज भी लोग खुश नहीं, जानिए क्या हैं वजह

ग्रेटर नोएडा में मेट्रो के पूरे हुए 3 साल, लेकिन आज भी लोग खुश नहीं, जानिए क्या हैं वजह

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Greater Noida News : नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो को बुधवार को चलते हुए 3 साल हो गए हैं। इस लाइन के मेट्रो स्टेशनों पर कई सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। जैसे ट्रांसजेंडर और महिलाओं के लिए खासतौर पर स्टेशन की शुरुआत की गई, लेकिन मेट्रो में सफर करने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है। डीपीआर के अनुसार इस लाइन पर मेट्रो में एक लाख रोजाना यात्री सफर करने चाहिए, लेकिन अभी तक इस मेट्रो लाइन पर रोजाना 25 से 26 हजार लोग सफर कर रहे हैं। जिस वजह से मेट्रो को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। मेट्रो को कोरोना के कारण भी काफी नुकसान हुआ है। 

कोरोना का पड़ा असर 
नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो लाइन की शुरुआत 3 साल पहले 26 जनवरी 2018 को हुई थी। नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) ने इस मेट्रो लाइन का संचालन कर रहा है। कोरोना से मेट्रो पर काफी असर पड़ा है। कोविड-19 की पहली लहर में मेट्रो को मार्च से सितंबर 2020 के बीच में बंद किया गया और इसके बाद अप्रैल से मई 3 हफ्ते तक मेट्रो को बंद रखा गया था। कोरोना की तीसरी लहर फिर से बढ़ रही है, लेकिन फिलहाल अभी मेट्रो को बंद करने के कोई आदेश नहीं आए हैं। 

दिल्ली कर चुका नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो लाइन पर असर 
कोरोना की तीसरी लहर के कारण मेट्रो में यात्रियों की संख्या कम हो गई है। तीसरी लहर के वजह से दिल्ली में भी कई रोकथाम लगे रखी हैं। दिल्ली में मेट्रो में 50 प्रतिशत लोगों की क्षमता और शनिवार-रविवार साप्ताहिक बंद रहेगा। जिसका असर नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो पर पड़ रहा है। ऐसे में साप्ताहिक दिनों में 15 से 13 हजार लोग और शनिवार और रविवार को 8 से 9 हजार लोग सफर कर रहे हैं। जिससे मेट्रो को काफी नुकसान हो रहा है। वर्ष 2019 और पिछले साल अक्टूबर से नवंबर 2021 में मेट्रो में यात्रियों की संख्या 25 से 26 हजार रही। सिर्फ एक बार करीब 29 हजार पहुंची थी। मिली जानकारी के अनुसार इस नोएडा और ग्रेटर नोएडा मेट्रो लाइन के 21 एलिवेटेड स्टेशन को आईजीबीएस अवार्ड से नवाजा गया है। 

आधा खर्चा भी नहीं निकाल पा रही एनएमआरसी 
एनएमआरसी को नोएडा ग्रेटर नोएडा मेट्रो लाइन से काफी नुकसान हो रहा है। इसके संचालन में हर साल 100 करोड रुपए का खर्चा आता है, लेकिन आमदनी केवल 35 करोड़ रुपए के आसपास की है, जिसमें से 25 करोड टिकट बिक्री और 11 करोड़ मीनिंग राइट के तहत मिले थे। मेट्रो को यात्रियों के आधा रहने के कारण टिकट से केवल 5 करोड रुपए की कमाई हो रही है। मेट्रो स्टेशन पर बनाई गई अधिकतर दुकानें भी खाली पड़ी है। 

स्टेशन पर कई सुविधाएं पर खरीदार कोई नहीं 
मेट्रो स्टेशनों पर बैक्वेंट हॉल बुक करने की सुविधा भी है, लेकिन पिछले 2 साल से कोई भी खरीदार नहीं आया है। मेट्रो स्टेशनों पर एनएमआरसी ने शूटिंग बर्थडे सेलिब्रेट और छोटी मोटी पार्टियों के लिए कोच बुक करने की सुविधा शुरू की थी, लेकिन कुछ फिल्मों की शूटिंग तो हुई पर जन्मदिन के लिए कोई भी बुकिंग नहीं आई। 

इन सुविधाओं की मांग की जा रही 
नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो लाइन को दिल्ली मेट्रो लाइन से जोड़ने की मांग की जा रही है। फिलहाल यह दिल्ली मेट्रो से सीधे कनेक्ट नहीं है। सेक्टर-51 और 52 स्टेशन को जोड़ने के लिए जल्द एफओबी बनाना चाहिए, ताकि लोगों को नीचे उतरकर मेट्रो चेंज ना करनी पड़े। साथ ही नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो लाइन पर दिल्ली मेट्रो कार्ड को कार्य में लाना चाहिए। जिससे लोगों का बार-बार टिकट लेने का झंझट खत्म हो जाए।

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