दादरी विधायक तेजपाल नागर के वार्ड में हार गईं एमएलसी नरेंद्र भाटी की भतीजी

गौतमबुद्ध नगर निकाय चुनाव : दादरी विधायक तेजपाल नागर के वार्ड में हार गईं एमएलसी नरेंद्र भाटी की भतीजी

दादरी विधायक तेजपाल नागर के वार्ड में हार गईं एमएलसी नरेंद्र भाटी की भतीजी

Tricity Today | दादरी विधायक तेजपाल नागर के वार्ड में हार गईं एमएलसी नरेंद्र भाटी की भतीजी

Greater Noida News : मशहूर बॉलीवुड फिल्म 'रोटी' का गाना ''ये जो पब्लिक है, सब जानती है" आपने जरूर सुना होगा। गौतमबुद्ध नगर के निकाय चुनाव पर गाने के बोल फिट बैठते हैं। मुद्दा नगर निकाय चुनाव और परिणाम का है। ये परिणाम भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। दादरी नगर पालिका पर भले ही गीता पंडित ने कामयाबी हासिल कर ली है, लेकिन इस चुनाव ने भाजपा के तमाम दिग्गज नेताओं की आब उतार कर रख दी है। पहले भाजपा के बागी जगभूषण गर्ग ने दादरी, नोएडा, मेरठ और लखनऊ तक नेताओं को आईना दिखाया। अब चुनाव परिणाम भी बड़े-बड़े नेताओं के लिए बड़ा सबक लेकर आए हैं। इनमें दादरी नगर पालिका का वार्ड नंबर-15 बेहद खास है। इसी वार्ड के बूथ नंबर-54 पर गुर्जर कॉलोनी के वोट डाले जाते हैं। गुर्जर कॉलोनी में खुद दादरी के विधायक मास्टर तेजपाल सिंह नागर रहते हैं। इस वार्ड का परिणाम समझने की कोशिश कीजिए।

भाजपा ने कोई उम्मीदवार ही खड़ा नहीं किया
पिछली बार वार्ड नंबर-15 से भाजपा का सभासद प्रत्याशी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार से हार गया था। लिहाजा, इस मर्तबा विधायक को किरकिरी से बचाने के लिए भाजपा ने इस वार्ड से कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा। इसके बावजूद किरकिरी होने में कसर नहीं रही है। इस वार्ड से बीजेपी के एमएलसी नरेंद्र सिंह भाटी की भतीजी अर्चना ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और वह हार गई हैं। हालांकि, अर्चना खुद तो हारी, साथ में संध्या भाटी की हार का सबब भी बन गई हैं। संध्या भाटी इस वार्ड के निवर्तमान सभासद सुमित बैसोया की पत्नी हैं। पिछली बार सुमित बैसोया ने ही मास्टर तेजपाल सिंह नागर की पसंद वाले भाजपा प्रत्याशी को पराजित किया था।

सुमित बैसोया को सपा छोड़कर मायूसी मिली
जब नरेंद्र सिंह भाटी ने सपा छोड़कर भाजपा का दामन थामा तो सुमित भी उनके साथ सपा को अलविदा कहकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। अब जब नगर पालिका चुनाव आया तो नरेंद्र भाटी की भतीजी अर्चना ने चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर कर दी। ऐसे में नरेंद्र भाटी के लिए असमंजस भरी स्थिति पैदा हो गई। अगर वह अपनी भतीजी का टिकट भाजपा से करवाते तो उनके खासमखास सुमित बैसोया नाराज हो जाते। लिहाजा, यहां भाजपा ने किसी भी उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया। नरेंद्र भाटी की भतीजी अर्चना और सुमित की पत्नी संध्या भाटी के बीच मतों का विभाजन हो गया। इस स्थिति का फायदा तीसरी उम्मीदवार निकिता को मिल गया। इस बार दादरी नगर पालिका के वार्ड नंबर-15 से निकिता चुनाव जीत गई हैं। निकिता को 1,493 वोट मिले हैं। अर्चना नागर को 933 और संध्या भाटी को 561 वोट मिले हैं। कुल मिलाकर भाजपा एमएलसी नरेंद्र भाटी की भतीजी 560 वोट से सभासद का चुनाव हार गई हैं।

बड़े-बड़े चुनावों में उलटफेर करने की क़ुव्वत
नरेंद्र भाटी गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के दिग्गज नेता हैं। वह विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में बड़ा उलटफेर करने का माद्दा रखते हैं। यही वजह थी कि पिछले विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें भाजपा में लाया गया था। जिसकी बदौलत गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर जिले की सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। हालांकि, यह तथ्य भी काबिलेगौर है कि गौतमबुद्ध नगर में लंबे अरसे बाद हुए पिछले पंचायत चुनाव में उनका पुत्र जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गया था। अब उनकी भतीजी अर्चना भाटी दादरी नगर पालिका में सभासद का चुनाव हार गई हैं। शायद नई पीढ़ी का जादू चल नहीं रहा है।

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