नोएडा एयरपोर्ट में बनेगा एमआरओ हब, मरम्मत के साथ विमानों के कलपुर्जे भी बनेंगे, अमेरिका और चीन को लगेगा झटका

खास खबर : नोएडा एयरपोर्ट में बनेगा एमआरओ हब, मरम्मत के साथ विमानों के कलपुर्जे भी बनेंगे, अमेरिका और चीन को लगेगा झटका

नोएडा एयरपोर्ट में बनेगा एमआरओ हब, मरम्मत के साथ विमानों के कलपुर्जे भी बनेंगे, अमेरिका और चीन को लगेगा झटका

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Greater Noida News : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) में विकसित होने वाले मेंटेनेंस रिपेयरिंग एंड ओवरहालिंग (एमआरओ) हब में अब विमानों के कलपुर्जे भी बनाए जाएंगे। इस एमआरओ हब के लिए 365 हेक्टेयर जमीन में एविएशन इंडस्ट्री की स्थापना की योजना है। जहां विमान के आवश्यक कलपुर्जों का निर्माण और मरम्मत की जाएगी। एयरपोर्ट से अलग एक हजार हेक्टेयर जमीन पर 50 से अधिक विमानों की पार्किंग के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे। यहां विमानों के लिए हैंगर और एक अलग रनवे भी बनाया जाएगा। इस परियोजना का पूरा प्लान शासन को भेजा गया है।

टेंडर के दस्तावेज शासन को भेजे
यमुना प्राधिकरण के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि एयरपोर्ट के पहले चरण का काम जारी है। आगामी 17 अप्रैल से यहां से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू हो जाएंगी। एयरपोर्ट के दूसरे चरण में 1365 हेक्टेयर जमीन का विकास होना है, जिसमें एमआरओ हब भी शामिल है। इसके लिए जमीन आवंटन प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है और टेंडर के दस्तावेज शासन को भेज दिए गए हैं।

अभी देश में 713 एयरक्राफ्ट
भारत में वर्तमान में एमआरओ सेवाओं के लिए अन्य देशों जैसे अमेरिका, चीन और सिंगापुर पर निर्भरता है। देश में अभी 713 एयरक्राफ्ट हैं। जिनकी संख्या 2031 तक बढ़कर 1522 हो जाने का अनुमान है। एमआरओ हब के बनने से इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। जिससे एविएशन इंडस्ट्री में विमान असेंबलिंग, इंजन और अन्य उपकरणों का निर्माण भारत में ही संभव हो सकेगा।

26 नवंबर 2021 को हुआ था शिलान्यास
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 नवंबर 2021 को शिलान्यास किया गया था। इस एयरपोर्ट का अधिकांश निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और जब यह पूरी तरह से चालू हो जाएगा तो यह दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। यहां से न केवल देशभर में बल्कि अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों तक भी उड़ानें संचालित की जाएंगी, जिससे यह भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

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