285 करोड़ रुपये खातों में जांएगे, बरसों से चल रहा झगड़ा खत्म

यमुना अथॉरिटी ग्रेटर नोएडा के इस गांव में किसानों को करेगी मालामाल :  285 करोड़ रुपये खातों में जांएगे, बरसों से चल रहा झगड़ा खत्म

285 करोड़ रुपये खातों में जांएगे, बरसों से चल रहा झगड़ा खत्म

Tricity Today | डॉक्टर अरुणवीर सिंह

Greater Noida News : यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Yamuna Authority) ने अपने इलाक़े के किसानों से बड़ा क़ानूनी फ़ैसला किया है। पिछले करीब 10 वर्षों से हज़ारों की संख्या में किसान और विकास प्राधिकरण अदालत में मुकदमे लड़ रहे थे। यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर अरुणवीर सिंह की पहल पर बातचीत के जरिए सुलह का रास्ता निकाल लिया गया है। इससे प्राधिकरण को सैकड़ों हेक्टेयर जमीन मिल जाएगी। लंबे अरसे से अटका पड़ा अरबों रुपये का मुआवज़ा किसानों को मिलेगा। साथ ही, यमुना सिटी में अटके पड़े कई बड़े डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का रास्ता साफ हो गया है। मंगलवार को यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर अरुणवीर सिंह (Dr. Arunvir Singh IAS) ने यह जानकारी दी है।

क्या है पूरा मामला
डॉक्टर अरुणवीर सिंह ने बताया कि सालारपुर गांव के किसानों के साथ भूमि अधिग्रहण से जुड़े विवाद हाईकोर्ट में चल रहे थे। गांव के 382 किसानों ने मुकदमा दायर कर रखा था। इसकी वजह से 1,962 किसानों को अतिरिक्त 64.7% मुआवज़ा नहीं मिला था। अब सभी किसानों ने संयुक्त रूप से अपने मुकदमे वापस ले लिए हैं। अरुणवीर सिंह ने आगे बताया कि इस फ़ैसले से प्राधिकरण को 501 हेक्टेयर जमीन मिलेगी। किसानों को अतिरिक्त मुआवज़े के रूप में 285 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा। 

यमुना सिटी में कई प्रोजेक्ट का रास्ता साफ
यह जमीन शहर के सेक्टर-22ए, सेक्टर-22बी और सेक्टर-22डी में है। विवाद के चलते कई बड़ी परियोजनाएं अटकी हुई थीं। अब इन विकास योजनाओं का रास्ता साफ हो गया है। अरुणवीर सिंह ने आगे बताया कि विवादित जमीन में 466 हेक्टेयर का अधिग्रहण किया गया था। करीब 21 हेक्टेयर जमीन सीधे किसानों से बैनामा के जरिए हासिल की गई थी। जयप्रकाश एसोसिएट्स कंपनी से जुड़ी 75 हेक्टेयर जमीन प्राधिकरण ने वापस हासिल की है। कंपनी डिफॉल्टर हो गई थी, लेकिन यह जमीन भी विवाद के चलते किसानों के कब्ज़े में थी।

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