Tricity Today | Narendra Modi in IDF World Dairy Summit
IDF World Dairy Summit 2022 : इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन की वर्ल्ड डेयरी समिट की शुरुआत करने ग्रेटर नोएडा आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "भारतीय डेयरी सेक्टर और पशुपालन में अपार संभावनाएं हैं। यह सेक्टर भारत में टिकाऊ विकास और क्लीन एनर्जी का बड़ा माध्यम बन सकता है। केंद्र में हमारी सरकार आने के बाद देश ना केवल दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना है, बल्कि हम दुनिया के सबसे बड़े दुग्ध उत्पादक देश बन गए हैं। भारत बड़े पैमाने पर दुग्ध उत्पादों का निर्यात कर रहा है। प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्धता के मामले में भारत का औसत पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है।
दुग्ध उत्पादन में 44% बढ़ोत्तरी हुई
प्रधानमंत्री ने देशी और विदेशी डेलीगेट्स को सम्बोधित करते हुए कहा, "साल 2017 के बाद हमारी सरकार ने भारत के डेयरी सेक्टर के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए निरंतर काम किया है। आज इसका परिणाम मिल्क प्रोडक्शन से लेकर किसानों की आय बढ़ने से नजर आता है। 2014 में भारत में 146 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता था। अब यह बढ़कर 210 मिलियन टन तक पहुंच गया है। यानी 44% वृद्धि हुई है। आज पूरे विश्व में मिल्क प्रोडक्शन 2% की रफ्तार से बढ़ रहा है। जबकि भारत में इसकी रफ्तार 6% से भी ज्यादा है। भारत में दूध की 'पर कैपिटा' उपलब्धता पूरे विश्व के औसत से कहीं ज्यादा है। बीते तीन-चार वर्षों में हमारी सरकार ने गरीब और छोटे किसानों ने बैंक खातों में दो हजार करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए हैं। उसका बहुत बड़ा हिस्सा डेयरी सेक्टर से जुड़े किसानों के खातों में जा रहा है।"
नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, "आज हमारा फोकस देश में संतुलित डेयरी इकोसिस्टम का निर्माण करने पर है। जिसमें हमारा गांव, दूध और उससे जुड़े उत्पादों की क्वालिटी पर सकारात्मक असर हो। दूसरी जरूरतों के समाधान में भी यह काम आए। किसान को अतिरिक्त आय हो। गरीब का सशक्तिकरण हो। खेती केमिकल फ्री होनी चाहिए। क्लीन एनर्जी का इस्तेमाल हो। पशुओं की केयर पर ध्यान दिया जाए। यह सभी चीजें आपस में जुड़ी हुई हैं। यही नहीं, हम डेयरी सेक्टर और पशुपालन को भारत में क्लीन और सस्टेनेबल ग्रोथ का बहुत बड़ा माध्यम बना सकते हैं।"
पशुओं का भी 'आधार' बना रही है सरकार
पीएम ने बताया, "राष्ट्रीय गोकुल मिशन, गोबर धन योजना, डेयरी सेक्टर डिजिटलाइजेशन और पशुओं का यूनिवर्सल वैक्सीनेशन की दिशा में बड़े प्रयास हो रहे हैं। इतना ही नहीं भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक बंद करने का अभियान चलाया गया है। यह पशुओं की दृष्टि से बहुत महत्व का है। जो भी जीव दया में विश्वास रखते हैं, उन्हें मालूम है कि प्लास्टिक पशुओं के लिए कितना खतरनाक है। गाय और भैंसों के लिए बहुत खतरनाक है। सिंगल यूज प्लास्टिक को इसीलिए बंद किया जा रहा है। भारत के डेयरी सेक्टर में बहुत बड़ा स्केल है। उसे साइंस के साथ जोड़कर और विस्तार दिया जा रहा है। भारत डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रहा है। अत्याधुनिक तकनीक की मदद से हम पशुओं का 'पशु आधार' बना रहे हैं। पशु आधार के जरिए पशुओं का डिजिटल आईडेंटिफिकेशन किया जा रहा है। उनकी सेहत पर नजर रखने के साथ-साथ डेयरी प्रोडक्ट से जुड़े मार्केट को विस्तार देने में मदद मिल रही है।"
खेती की तरह पशुपालन में विविधीकरण जरूरी
भारत में डेयरी सेक्टर पर 100 से ज्यादा स्टार्टअप शुरू हुए हैं। डेयरी अर्थव्यवस्था में एक और क्रांतिकारी कदम गोबर धन योजना है। गोबर के जरिए क्लीन ईंधन और तमाम दूसरे उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। यह डेयरी किसानों के लिए अतिरिक्त आय का एक और जरिया बन सकता है। जिससे किसानों को खेती के लिए सस्ता खाद मिलता है। किसानों की आय बढ़ेगी। हमारी मिट्टी रसायन उर्वरकों से सुरक्षित रहेगी। भारत में प्राकृतिक कृषि को अभूतपूर्व बल मिलेगा। इसमें पशुओं की बहुत बड़ी भूमिका है। खेती में मोनोकल्चर समाधान नहीं है। कृषि विविधीकरण नितांत आवश्यक है। यह बात पशुपालन पर भी लागू होती है। इसलिए भारत में आज देसी नस्लों और हाइब्रिड नस्लों, दोनों पर ध्यान दिया जा रहा है। इससे जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सकती है।"
पशुओं की बीमारी दूर करने की कोशिश
नरेंद्र मोदी ने पशु स्वास्थ्य की दिशा में उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए कहा, "हमारे सामने एक और बड़ा संकट पशुओं को होने वाली बीमारी हैं। पशु जब बीमार होता है तो एक किसान के जीवन को प्रभावित करता है। उसकी आय प्रभावित होती है। पशुओं की क्षमता प्रभावित होती है। रोग दुग्ध उत्पाद की क्वालिटी पर असर डालता है। इसलिए हम पशुओं के यूनिवर्सल वेक्सिनेशन पर बल दे रहे हैं। हमने संकल्प लिया है कि 2025 तक शत-प्रतिशत पशुओं को 'फुट एंड माउथ डिजीज' समेत कई दूसरी वैक्सीन लगाएंगे। हम इस दशक के अंत तक इन बीमारियों से पूरी तरह मुक्ति हासिल करने का लक्ष्य लेकर चले हैं।" उन्होंने आगे कहा, "मैं डेयरी सेक्टर के सामने सबसे ताजा चुनौती का जिक्र करूंगा। पिछले कुछ समय में भारत के अनेक राज्यों में लम्पी नाम की बीमारी से पशुधन की शक्ति बर्बाद हो रही है। राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार इसे नियंत्रित करने की पुरजोर कोशिश कर रही है। हमारे वैज्ञानिकों ने लम्पी स्किन डिजीज की स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर ली है। वैक्सीनेशन के अलावा जांच में तेजी लाकर, पशुओं की आवाजाही को नियंत्रित करके उस बीमारी को काबू करने की कोशिश की जा रही है।"
तकनीन का भरपूर लाभ उठाएगा भारत
नरेंद्र मोदी ने डेयरी सेक्टर पर काम कर रही वर्ल्ड कम्युनिटी का आह्वान करते हुए कहा, "भारत पूरी दुनिया के डेयरी सेक्टर में कंट्रीब्यूट्स करने के लिए और साथ ही दूसरे देशों सीखने के लिए हमेशा तत्पर रहा है। भारत ने अपने 'फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड' पर भी बहुत तेजी से काम किया है। आज भारत लाइवस्टोक सेक्टर के लिए एक ऐसे डिजिटल सिस्टम पर काम कर रहा है, जो 'एंड टू एंड' एक्टिविटीज को कैप्चर करेगा। इससे सटीक जानकारी मिलेंगी। ऐसी तकनीकों को लेकर जो काम दुनिया भर में हो रहे हैं, उसे हम भी अपनाएंगे। मैं दुनिया भर के डेयरी सेक्टर को भारतीय डेयरी सेक्टर को सशक्त करने के लिए आमंत्रित करता हूं। मैं इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन को बेहतरीन काम के लिए प्रशंसा करता हूं।"