मुलायम सिंह ने कैसे हटाई थी गन्ने से लेवी, खेतों में उतरवा देते थे हेलीकॉप्टर

नरेंद्र सिंह भाटी के संस्मरण : मुलायम सिंह ने कैसे हटाई थी गन्ने से लेवी, खेतों में उतरवा देते थे हेलीकॉप्टर

मुलायम सिंह ने कैसे हटाई थी गन्ने से लेवी, खेतों में उतरवा देते थे हेलीकॉप्टर

Tricity Today | नरेंद्र सिंह भाटी के घर एक पारिवारिक समारोह के दौरान मुलायम सिंह यादव

Greater Noida : नेताजी मुलायम सिंह यादव नहीं रहे, लेकिन उनसे जुड़ी ना जाने कितनी यादें लोगों के पास हैं। मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के साथ समाजवादी पार्टी में करीब 38 वर्षों तक काम करने वाले पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा विधान परिषद सदस्य नरेंद्र सिंह भाटी उन्हें याद करके भावुक हो जाते हैं। नरेंद्र भाटी कहते हैं, "मुलायम सिंह यादव भारतीय राजनीति में चौधरी चरण सिंह के बाद सर्वाधिक लोकप्रिय और काबिल नेता थे। उनके मन में गरीब के लिए बहुत बड़ा स्थान था। सड़क चलते किसानों से बात करना, मजदूरों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुन लेना और विपरीत परिस्थितियों में कड़े से कड़े फैसले ले लेना उनकी पहचान थी। हमने कभी उनके माथे पर शिकन नहीं देखी।" नरेंद्र भाटी तमाम संस्मरण याद करते हैं। जिनसे पता चलता है कि मुलायम सिंह की राजनीतिक इच्छाशक्ति कैसी थी।

राजनीतिक दुश्मन की सिफारिश मानकर विरोधी को राज्यसभा भेजा
नरेंद्र सिंह भाटी बताते हैं, "एक बार राज्यसभा का चुनाव चल रहा था। उत्तर प्रदेश से हमारी पार्टी के 3 उम्मीदवार चुनाव जीतने वाले थे। नेताजी ने सारे विधायकों को लखनऊ पार्टी कार्यालय में बुलाया। तीनों उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए गए। उनके नामांकन भरने का काम चल रहा था। हम सारे लोग नेताजी के सामने हॉल में बैठे थे। तभी उनके पास फोन आया। वह हॉल से उठकर चले गए और बराबर वाले कमरे में जाकर बात की। जब वह वापस लौटे तो उनके चेहरे पर भाव बदले बदले से थे। वापस कुर्सी पर आकर बैठे और बोले- अमेरिका से विश्वनाथ प्रताप सिंह का फोन आया था।" नरेंद्र भाटी कहते हैं कि विश्वनाथ प्रताप सिंह को ब्लड कैंसर हो गया था। वे डायलिसिस करवाने के लिए अमेरिका गए हुए थे। वहीं से उन्होंने फोन किया था। उन्होंने नेता जी से कहा था कि मेरा एक बेहद कट्टर समर्थक और सेवक वसीम है। मैं उसके लिए कभी कुछ नहीं कर पाया। चाहकर भी उसकी मदद नहीं कर पाया। वसीम लंबे अरसे से मेरे लिए दिन-रात काम कर रहा है। आप वसीम को राज्यसभा भेज दीजिए।
नेताजी ने इसके बाद कहा, "अब हम लोगों को अपना एक उम्मीदवार ड्रॉप करना होगा। उसकी जगह वसीम को राज्यसभा भेजना है।" इस पर हॉल में विधायकों के बीच सुगबुगाहट शुरू हो गई। किसी ने कहा कि नेताजी विश्वनाथ प्रताप सिंह तो आपके घोर राजनीतिक दुश्मन हैं। इस पर नेताजी ने जवाब दिया, यह बात सही है, लेकिन उन्होंने मुझसे कहा है। इसे आप मेरी आखरी सिफारिश समझिए। आखिरी इच्छा तो टेरेरिस्ट की भी पूरी कर दी जाती है। विश्वनाथ प्रताप सिंह तो हमारे प्रधानमंत्री रहे हैं। उन्होंने हम लोगों पर भरोसा करके ही यह बात कही है।" नरेंद्र भाटी बताते हैं कि इसके तुरंत बाद नेताजी ने हमारे एक उम्मीदवार को पीछे हटने का आदेश दिया। वसीम को तत्काल बुलाया गया। उनका नामांकन करवाया गया और वसीम को जीताकर राज्यसभा भेजा गया। राजनीति में अपने घर और कटु विरोधी के लिए इस तरह का फैसला लेने की हिम्मत मुलायम सिंह यादव में ही थी।

पीड़ित की मदद करने के लिए देश के किसी भी हिस्से में पहुंच जाते थे
नरेंद्र सिंह भाटी एक और संस्मरण बताते हैं "एक बार मुंबई में 1200 से ज्यादा लोगों पर टाडा के तहत मुकदमा दर्ज करके जेल में डाल दिया गया। इनमें से बहुत सारे लोग उत्तर प्रदेश के भी थे। किसी ने जेल से चिट्ठी लिखी। मुलायम सिंह यादव को चिट्ठी मिली। उसमें लिखा था कि अब हम लोग जेल से बाहर नहीं निकल पाएंगे। हमारी पत्नियां हमें तलाक देकर दूसरे निकाह कर लेंगी। यह चिट्ठी मिलने के बाद मुलायम सिंह ने सारे विधायकों को लखनऊ बुलाया। वहां से हम सब लोग मुंबई पहुंच गए। मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में हम लोगों ने वहां धरना दिया। इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई। जो लोग निर्दोष टाडा में फंसाकर पुलिस ने जेल भेजे थे, उन सबको वहां की सरकार ने रिहा किया।" नरेंद्र भाटी आगे कहते हैं, "मुलायम सिंह यादव की यही खासियत थी, वह किसी सीमा में बंधकर रहने वाले व्यक्ति नहीं थे। केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं देश के किसी भी कोने में कोई पीड़ित होता था तो उसकी मदद करने वह पहुंच जाया करते थे। कई बार महाराष्ट्र, केरल और कई दूसरे राज्यों में उन्होंने लोगों की मदद करने के लिए धरना प्रदर्शन किए थे। उन्हें इस बात से मतलब नहीं था कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। वह पूरे देश के बारे में सोचते थे।"

मुलायम सिंह यादव किसी भी खतरे से नहीं डरते थे
नरेंद्र भाटी कहते हैं कि वह बेहद बहादुर मर्द थे। राजनीतिक दुविधाओं के सामने तो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता था। हमने कभी उनके चेहरे पर उदासी, मायूसी या हारने का खतरे का डर नहीं देखा। हम लोगों ने कई चुनाव हारे। सुबह 4:00 तक काउंटिंग होती थी। परिणाम सामने आता था। वह 9:00 बजे नेताजी पार्टी कार्यालय में बैठकर लोगों को फोन करना शुरू कर देते थे। हारने वाले उम्मीदवारों को कहते थे कि परेशान होने की जरूरत नहीं है। रिपोर्ट तैयार करके भेजिए। क्या कमी आ रहीं, उन्हें अगले 6 महीने में दूर कर देंगे। चुनाव फिर आएगा। अगले चुनाव में मजबूती से लड़ेंगे और जीतकर आएंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं को लेकर वह बेहद सकारात्मक भाव रखते थे। किसी भी पार्टी कार्यकर्ता की कोई भी परेशानी हो उसे दूर करने के लिए मातहत अफसरों को लगा देते थे।" नरेंद्र भाटी कहते हैं, "मुझे दो खास घटनाएं याद हैं। एक बार चुनाव में प्रचार करने मुलायम सिंह यादव हेलीकॉप्टर से खुर्जा आए थे। वहां से उन्होंने मुझे साथ ले लिया। हमें सिकंदराबाद विधानसभा क्षेत्र के मोहाना इंटर कॉलेज में जनसभा संबोधित करने जाना था। जब हम लोग मोहाना के आसपास पहुंचे तो रास्ता भटक गए।"

पायलट से जबरन खेतों में हेलीकॉप्टर उतरवाया
नरेंद्र सिंह भाटी हंसते हुए कौतूहलवश कहते हैं, "हमें ऊपर से जनसभा स्थल दिख नहीं रहा था और ना भीड़ नजर आ रही थी। मुलायम सिंह ने कहा, नरेंद्र आप तो यहां के रहने वाले हो, देखकर बताओ इंटर कॉलेज किधर है। मैंने उनसे कहा, अभी करीब 2 किलोमीटर की दूरी है। वह बोले, यहां तो भीड़ और कोई बिल्डिंग भी नजर नहीं आ रही है। इसके बाद उन्होंने एक खाली पड़े खेत में हेलीकॉप्टर उतारने के लिए पायलट को बोल दिया। पायलट ने कहा, यह स्थिति खतरनाक हो सकती है। उन्होंने कहा, कोई खतरनाक स्थिति नहीं है। हेलीकॉप्टर नीचे उतारो। आसपास से किसी को बुलाओ और जानकारी लो जनसभा कहां है। नरेंद्र भाटी आगे कहते हैं, "हम लोगों ने हेलीकॉप्टर ज्वार के खेत में उतार दिया। आसपास काम कर रहे किसानों ने सोचा कोई दुर्घटना हो गई है। वह लोग भागने लगे। मैं फटाफट हेलीकॉप्टर से बाहर निकला और चिल्लाकर किसानों को बुलाया। उनसे कहा कि मुलायम सिंह यादव हैं। इसके बाद किसान हमारे पास आए। मुलायम सिंह ने एक किसान से पूछा, मोहान इंटर कॉलेज कहां है। उसने हाथ में पकड़ रखी दराती से इशारा करते हुए कहा कि करीब 2 किलोमीटर दूर है। वह बड़ा सा बाग दिख रहा है, उनके बीच में इंटर कॉलेज है। इसके बाद हम लोग मोहान इंटर कॉलेज पहुंचे। वहां जनसभा संबोधित की। उस दिन मुलायम सिंह यादव की 9 जनसभाएं थीं।

नरेंद्र भाटी बताते हैं कि ऐसा ही एक दूसरा वाकया हसनपुर में हुआ। हसनपुर में चुनावी जनसभा थी। मुलायम सिंह यादव को पायलट ने बताया कि हेलीपैड 11,000 वोल्ट की पावर लाइन के नीचे बनाया गया है। इस हेलीपैड पर लैंडिंग करना संभव नहीं है। यह आपको नुकसान पहुंचाने की नियत से किया गया है। वहां हेलीकॉप्टर उतारना खतरनाक रहेगा। बराबर में ही एक धान का खेत था। मुलायम सिंह यादव ने पायलट से कह दिया कि हैलीकॉप्टर को धान के खेत में उतार दो। पायलट ने कहा हैलीकॉप्टर धंस जाएगा और फिर उड़ेगा भी नहीं। मुलायम सिंह ने कहा और कोई विकल्प नहीं है। पायलट ने धान के खेत में हेलीकॉप्टर उतार दिया। नेताजी उतरे और पानी भरे खेत से पूरी तरह कीचड़ में सने हुए मंच पर पहुंचे। मंच पर पहुंचते ही उन्होंने वहां के डीएम और एसपी को आदेश दिया। किसान के नुकसान की भरपाई करवाइए। उसे दोगुना पैसा दीजिए। अगले 15 मिनट में यह आंकलन हो जाना चाहिए कि किसान को कितना नुकसान हुआ है। जिस अफसर ने यह हेलीपैड बनवाया है, उस पर भी कार्रवाई कीजिए। अगले ही दिन संभल के डीएम और एसपी का तबादला कर दिया गया था। नरेंद्र भाटी कहते हैं, "कुल मिलाकर वह बेहद बहादुर इंसान थे। खतरों से उन्हें कोई डर नहीं लगता था। राजनीति में हार-जीत उनके लिए मायने नहीं रखती थी।"

गन्ने से लेवी हटाने का चंद मिनटों में आदेश जारी करवाया
नरेंद्र सिंह भाटी बताते हैं कि मुलायम सिंह यादव दूसरों के विचार की बड़ी कदर करते थे। सुझाव, सिफारिश, आवेदन और निवेदन पर बड़ी गौर किया करते थे। एक बार भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक बाबा महेंद्र सिंह टिकैत ने मुझे एक पत्र नेताजी के नाम सौंप दिया। मैं वह पत्र लेकर लखनऊ पहुंचा। उन्हें बताया कि गन्ने पर एक रुपए प्रति कुंतल की दर से लेवी लगाई गई है। चीनी मिलें इस पैसे से अपने इलाके में सड़के बनाने का दावा करती हैं, लेकिन हकीकत में सड़कों का निर्माण नहीं करवाती हैं। सरकार को ही सड़कें बनवाने पड़ रही हैं। लेवी हटा देनी चाहिए। यह एक रुपये प्रति कुंतल की दर से हो कटौती बन्द करें। यह पैसा किसानों को दे दिया जाए। इससे किसानों का गन्ना मूल्य बढ़ जाएगा। नेताजी ने तत्काल अपने सचिव पीएल पूनिया को बुलाया। पीएल पुनिया ने कहा कि इससे सरकार पर करीब 250 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। मुलायम सिंह ने कहा कि यह पैसा किसानों के खाते में जाएगा। पीएल पुनिया ने कहा कि हां पैसा तो किसानों के पास ही जाएगा। मुलायम सिंह ने कहा कि कोई बात नहीं। आप तत्काल आदेश जारी करिए। गन्ने पर लगने वाली लेवी हटा दीजिए। किसानों के पास पैसा जाए, इसमें कोई नुकसान नहीं है। गांवों में सड़कें सरकार बनवा लेगी। आपको बता दें कि नरेंद्र सिंह भाटी, मुलायम सिंह यादव की सरकारों में मंत्री रहे। सिकंदराबाद विधानसभा सीट से दो बार विधायक चुने गए। उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर 9 बार विधानसभा, विधान परिषद और लोकसभा के चुनाव लड़े हैं।

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