नोएडा और गाजियाबाद पिछड़े, आगे निकल गए ये जिले, पढ़िए चौंकाने वाली रिपोर्ट

यूपी में नए हाउसिंग प्रोजेक्ट : नोएडा और गाजियाबाद पिछड़े, आगे निकल गए ये जिले, पढ़िए चौंकाने वाली रिपोर्ट

नोएडा और गाजियाबाद पिछड़े, आगे निकल गए ये जिले, पढ़िए चौंकाने वाली रिपोर्ट

Google Image | UP RERA

  • धीरे-धीरे पटरी पर वापस लौट रहा है रियल एस्टेट सेक्टर
  • अभी कोविड-19 महामारी से पहले जैसा माहौल नहीं बना
  • साल 2022 के दौरान केवल 215 नए प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हुए
  • बीते साल की पहली छमाही में ज्यादा रजिस्ट्रेशन किए गए
  • लखनऊ, बरेली और झांसी में ज्यादा रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट
  • गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अपेक्षाकृत कम काम
Lucknow/Greater Noida : रियल एस्टेट सेक्टर के लिए अच्छी खबर है। वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में उत्तर प्रदेश रेरा (UP RERA) में 90 नई आवासीय, व्यावसायिक और मिश्रित वर्ग की रियल एस्टेट परियोजनाओं का पंजीकरण हुआ है। जबकि, प्रथम छमाही में 125 नई आवासीय, व्यावसायिक और मिश्रित वर्ग की रियल एस्टेट परियोजनाओं का पंजीकरण हुआ था। इस प्रकार वर्ष 2022 में लगभग 215 नई परियोजनाओं का पंजीयन हुआ है। यह वर्ष 2018 में 258 और 2019 में 216 पंजीकरण के सापेक्ष कम है, लेकिन इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रियल एस्टेट सेक्टर में हालात सुधर रहे हैं।

एनसीआर में पटरी पर वापस लौट रहा है रियल एस्टेट सेक्टर
उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण की ओर से सोमवार को जारी किए गए एक आधिकारिक बयान के मुताबिक वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण नई परियोजनाओं के पंजीयन में कमी आयी थी और केवल 161 परियोजनाओं का पंजीयन हो पाया था। जिसमें एनसीआर क्षेत्र में होने वाले पंजीयन में लगभग 60 प्रतिशत तक गिरावट देखने को मिली थी। वर्ष 2021 में रियल एस्टेट सेक्टर की सेहत में मामूली सुधार आया और 174 परियोजनाओं का पंजीयन हुआ। इसमें एनसीआर क्षेत्र के पंजीयन में 64 प्रतिशत का उछाल आया था। जो सेक्टर के लिए पुनः वापसी करने जैसा था। जबकि नॉन-एनसीआर के जिलों में पंजीयन में खास परिवर्तन नहीं हुआ था।

साल 2022 के दौरान 215 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हुए
यूपी रेरा नए साल 2022 की रियल स्टेट एक्टिविटीज पर रिपोर्ट पेश की है। जिसमें बताया गया है, वर्ष 2022 में 215 परियोजनाओं का पंजीकरण उत्तर प्रदेश में घरों की बढ़ती मांग, रियल एस्टेट सेक्टर के तीव्र और सकारात्मक विकास को प्रदर्शित करता है। इस वर्ष एनसीआर और नॉन-एनसीआर दोनों जिलों के पंजीयन में 10 से 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2022 में पंजीकृत परियोजनाओं में से लगभग 68 प्रतिशत परियोजनाएं उत्तर प्रदेश के नॉन-एनसीआर जिलों से हैं। जबकि 32 प्रतिशत परियोजनाएं एनसीआर के जिलों में हैं। वर्ष 2018 में नॉन-एनसीआर और एनसीआर के जिलों में परियोजनाओं का अनुपात 54:46 था।

वर्ष 2018 से 2022 तक 'नवीन परियोजनाओं के पंजीयन' का आंकड़ा
    वर्ष     परियोजनाएं     NCR-नॉन NCR
1-
2018        268           113-145 (46:54)
2-2019        216           090-126 (42:58)
3- 020        161            039-122 (25:75)
4-2021       174            064-110 (37:63)
5-2022       215            071-144 (32:68)
  
यूपी के इन जिलों में सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हुए

अब तक इन परियोजनाओं में आवासीय वर्ग का वर्चस्व रहा हैं, क्योंकि वर्ष 2018 से 2022 तक लगभग 73 से 75 प्रतिशत परियोजनाएं आवासीय वर्ग की रही हैं और शेष 27 से 25 प्रतिशत परियोजनाओं में व्यवसायिक व मिक्स्ड लैंड यूज की परियोजनाएं हैं। फिलहाल यूपी रेरा में 3,345 से ज्यादा परियोजनाएं पंजीकृत हैं। इनसे जुड़ी सभी आवश्यक सूचनाएं सार्वजनिक तौर पर सबके लिए यूपी रेरा के आधिकारिक पोर्टल https://www.up-rera.in पर उपलब्ध हैं। नॉन-एनसीआर जिलों में लखनऊ, आगरा, वाराणसी, कानपुर नगर, प्रयागराज, मथुरा, बरेली, झाँसी, बाराबंकी और गोरखपुर में नई परियोजनाएं पंजीकृत हो रही हैं। इन जिलों में घरों की बढ़ती मांग के कारण रियल एस्टेट सेक्टर को ने गंतव्य मिल रहे हैं। जबकि एनसीआर के जिलों में नई परियोजनाएं गौतमबुद्ध नगर, गाज़ियाबाद, मेरठ और हापुड़ जिलों में पंजीकृत हुई है।

यूपी रेरा की वेबसाइट से फ्लैट खरीदार ले सकते हैं हर सूचना
इस पंजीकरण प्रक्रिया में सम्बंधित प्रमोटर को परियोजना से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे भूखंड संख्या, परियोजना का नाम, नक्शा, अभिन्यास, तलो की संख्या, प्रत्येक तल पर फ्लैट की संख्या, फर्श क्षेत्र के हिसाब से इकाई की संरचना, हरित क्षेत्र, लिफ्ट और एक घर खरीदार को दी जाने वाले सभी प्रकार की सुविधाओं का उल्लेख किया जाता है। इसके अलावा परियोजना के प्रमोटर, मूल संस्था, वास्तुकार, वित्तीय संस्थान और रेरा अधिनियम के अनुसार परियोजना में निर्माण प्रारम्भ होने की तिथि, उसकी समाप्ति की तिथि और त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट सहित अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं वेबसाइट पर दर्ज की जाती है।

घर खरीदार को एक जगह पर मिल सकती हैं सभी सूचनाएं
उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण का कहना है कि यह सभी सूचनाएं परियोजना की पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए दर्ज कराई जाती हैं। जिससे किसी भी हितधारक को परियोजना के बारे में जानकारी जुटाने के लिए भटकना ना पड़े। निवेश करने से पहले वह किसी भी स्थान से परियोजना की विस्तृत और नवीनतम जानकारी यूपी रेरा पोर्टल से प्राप्त कर सकता है। इन्हीं सूचनाओं के आधार पर रेरा परियोजनाओं की सामयिक समीक्षा करता रहता है। घर खरीदारों के हितों का ध्यान रखते हुए प्रोमोटर को जरूरी दिशा निर्देश जारी करता है। जिससे समयबद्ध तरीके से निर्माण पूरा किया जा सके।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.