सैकड़ों लोगों के बीमारी होने पर एनजीटी सख्त, लिखित जवाब मांगा

गौतमबुद्ध नगर के डीएम समेत कई अफसरों को नोटिस : सैकड़ों लोगों के बीमारी होने पर एनजीटी सख्त, लिखित जवाब मांगा

सैकड़ों लोगों के बीमारी होने पर एनजीटी सख्त, लिखित जवाब मांगा

Tricity Today | एनजीटी का दफ्तर

Greater Noida News : शहर की काफी हाउसिंग सोसायटी और सेक्टर में रहने वाले लोग गंदे (दूषित) पानी पीने से बीमार हो गए। इस मामले में अब एनजीटी कोर्ट ने एक्शन लिया है। एनजीटी कोर्ट ने गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा समेत काफी अधिकारियों को नोटिस भेजा है। आगामी कुछ दिनों के भीतर इसका जवाब देना होगा। सभी को "कारण बताओ नोटिस" जारी किया गया है।

300 से अधिक लोग बीमार हुए
सुपरटेक इको विलेज-2 में दूषित पानी पीने से 170 बच्चों समेत 300 से अधिक लोग बीमार पड़ गए थे। जिसके बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इस गंभीर मामले का संज्ञान लेते हुए जिले के अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अगुवाई में मामले की सुनवाई के दौरान यह निर्णय लिया गया। एनजीटी ने जिला मजिस्ट्रेट सहित कई उच्चाधिकारियों से जवाब तलब करते हुए उन्हें 28 जनवरी को अगली सुनवाई से एक सप्ताह पहले अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

पानी में ई. कोली और ब्लीचिंग पाउडर की मिलावट
इस मामले की शुरुआत एक समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट से हुई। जिसमें बताया गया था कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित सुपरटेक इको विलेज-2 में दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है। रिपोर्ट में दावा किया गया कि पानी में ई. कोली बैक्टीरिया और ब्लीचिंग पाउडर की मिलावट पाई गई। जिसके कारण 300 से अधिक लोग बीमार पड़ गए। दूषित पानी के सेवन के कारण उल्टी, दस्त, बुखार और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं सामने आईं। जिसमें 170 से अधिक मासूम बच्चे भी शामिल हैं।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन को नोटिस
इस गंभीर स्वास्थ्य संकट पर ध्यान देते हुए एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी), ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और जिला मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी किया। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे जल्द से जल्द मामले पर अपनी रिपोर्ट पेश करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं और दूषित पानी की आपूर्ति के स्रोत की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

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