65 दिन बाद भी कोई एक्शन नहीं, शिकायतकर्ता अब जाएगा हाईकोर्ट

ग्रेटर नोएडा फर्जी नियुक्ति घोटाला : 65 दिन बाद भी कोई एक्शन नहीं, शिकायतकर्ता अब जाएगा हाईकोर्ट

65 दिन बाद भी कोई एक्शन नहीं, शिकायतकर्ता अब जाएगा हाईकोर्ट

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा फर्जी नियुक्ति घोटाला

Greater Noida : ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में हुए फर्जी नियुक्ति घोटाले में 65 दिन बाद भी कोई एक्शन नहीं हुआ है। जिसके बाद अब शिकायतकर्ता राजेंद्र सिंह हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे। उन्होंने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने की तैयारी शुरू कर दी है। 

28 नवंबर 2022 को सौंप दिए थे सभी सबूत
राजेंद्र सिंह ने बताया कि शासन के अनुसचिव के आदेश पर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में सीईओ ने एसीईओ प्रेरणा शर्मा की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई गई। जिसमें एसीईओ प्रेरणा शर्मा, एसीईओ आन्नद वर्धन, एसीईओ अमनदीप डुली और तकनीकी विभाग के सीनियर मैनेजर एके जोहरी को शामिल किया गया। उन्होंने बताया कि जांच समिति ने उनसे फर्जी नियुक्ति घोटाले के मामले साक्ष्य मांगे थे, जो बीते 28 नवंबर 2022 को जांच समिति के सामने सौंप दिए गए हैं। सभी सबूतों को लिखित रूप में सौंपा गया है। इनमें करीब 20 लोगों के नाम शामिल थे। 

ट्राईसिटी टूडे ने किया था मामले का खुलासा
मामले का खुलासा ट्राईसिटी टूडे की ओर से किए जाने पर एसीईओ अमनदीप डूली ने सफाई देते हुए जांच की बात कही। राजेंद्र नागर का आरोप है कि सीईओ के पीए, ग्रेनो प्राधिकरण एंप्लाईज असोशिएसन के अध्यक्ष, एसीईओ के पीए, एसीईओ के चपरासी समेत कई अधिकारी व कर्मचारियों ने अपने बेटे, भतीजे, दोस्त और रिश्तेदार को नियुक्त करा डाला।

राजेंद्र नागर ने दी थी यह जानकारी
राजेंद्र नागर का कहना है कि सभी नियमों को ताक पर रखा गया। किसी समाचार पत्र, न्यूज और किसी एजेंसी में नियुक्ति का विज्ञापन तक नहीं निकलवाया। सब कुछ गुपचुप तरीके से कर लिया गया। इस बात की भनक तब लगी, जब नियुक्ति पाए युवक मलाईदार विभागों में नौकरी करने के लिए मैनेजर और अस्सीटेंट मैनेजर की पोस्ट पर प्राधिकरण दफ्तर आने लगे।

ऐसे हुआ मामला का खुलासा
राजेंद्र नागर ने बताया कि ऐसे में जो युवक 15 साल से प्राधिकरण में दलाली कर रहा था। वह भी नौकरी पा गया, लेकिन यह युवक जैम पोर्टल से नहीं संविदा से नौकरी पा गया। अब प्राधिकरण के अधिकारियों ने फर्जी नियुक्ति की पोल खोलने पर उसके प्राधिकरण में आने-जाने पर रोक लगा दी है। इस मामले में प्राधिकरण का कोई भी अधिकारी मुह खोलने के लिए तैयार नहीं है। राजेंद्र नागर ने इस मामले की शिकायत सीएम और पीएम से की है। अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की है।

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