अफसरों ने बैठक की, 61 किलोमीटर लंबा होगा कॉरिडोर, पढ़िए पूरा प्लान

नोएडा एयरपोर्ट दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन से जुड़ेगा : अफसरों ने बैठक की, 61 किलोमीटर लंबा होगा कॉरिडोर, पढ़िए पूरा प्लान

अफसरों ने बैठक की, 61 किलोमीटर लंबा होगा कॉरिडोर, पढ़िए पूरा प्लान

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Greater Noida News : नोएडा एयरपोर्ट (Noida International Airport) की कनेक्टिविटी के लिए केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार तेजी से काम कर रही हैं। दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर से एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए 61 किलोमीटर लबा रेलवे कॉरिडोर बनेगा। इसमें चोला से जेवर तक की लंबाई 28 किलोमीटर होगी। सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। अब प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए बुधवार को एयरपोर्ट साइट पर अफसरों की बैठक हुई। बैठक में रेलवे के अपर सचिव, यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड और यमुना प्राधिकरण के अफसर शामिल हुए।

दो हिस्सों में निर्माण किया जाएगा
यमुना प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक, यह कॉरिडोर एयपोर्ट परियोजना के बीच से गुजरेगा। यह कारिडोर एयरपोर्ट के नीचे अंडरग्राउंड बनाया जाएगा। इसके लिए रेल मंत्रालय भूमि अधिग्रहण करेगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर से अन्य शहरों की मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी तैयार की जा रही है। उत्तर-मध्य रेलवे ने जेवर को दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर से जोड़ने के लिए सर्वे किया था। यह कॉरिडोर दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग के चोला रेलवे स्टेशन से शुरू होगा और दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग के रुंधी रेलवे स्टेशन तक जाएगा। इसकी लंबाई करीब 61 किमी होगी। इसमें रुंधी से जेवर की 33 और जेवर से चोला 28 किलोमीटर की दूरी है। 

ये है रेलवे का पूरा प्लान...
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर अरुणवीर सिंह ने बताया कि ज़ेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डे की कनेक्टिविटी पूरे दिल्ली-एनसीआर से बनाई जा रही है। इसके लिए रैपिड रेल, मेट्रो, नेशनल हाईवे, एक्सप्रेसवे, पॉड टैक्सी, बस टर्मिनस और रेलवे रूट विकसित किए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में देश के 2 सबसे बड़े रेलवे रूट दिल्ली-मुंबई रेल रूट और दिल्ली-हावड़ा रेल रूट को ज़ेवर एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा। इस परियोजना पर करीब एक साल पहले काम शुरू किया गया था। अब डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट मिल गई है। सीईओ ने आगे बताया कि दोनों बड़े रेल मार्गों को आपस में जोड़ने के लिए 61 किलोमीटर लंबा नया रेलवे लिंक बनाया जाएगा। यह दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन के चोला स्टेशन को दिल्ली-मुम्बई रेल लाइन के रूंधी स्टेशन से जोड़ेगा।

नया रेलवे रूट इस तरह होगा
यमुना प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक, इन दोनों रेल मार्गों को जोड़ने के लिए बनने वाला नया रेलवे लिंक 61 किलोमीटर लंबा होगा। इसकी शुरुआत दिल्ली-मुम्बई रेल लाइन के पलवल जंक्शन से होगी। पलवल से आगे बढ़कर नया रेल लिंक रूँधी गांव के पास से गुजरेगा। इसके आगे चांदहट रेलवे स्टेशन बनेगा। चांदहट के बाद रेलवे लाइन यमुना नदी को पार करेगी और उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी। उत्तर प्रदेश में पहला रेलवे स्टेशन ज़ेवर खादर होगा। इसके बाद पलवल से 33 किलोमीटर की दूरी पर जेवर एयरपोर्ट, 42 किलोमीटर पर जहांगीरपुर, 52 किलोमीटर की दूरी पर बीघेपुर और आखिर में 61 किलोमीटर दूर चोला रेलवे स्टेशन होगा।

पहले दिन से 1.22 लाख यात्री करेंगे सफर
परियोजना रिपोर्ट के मुताबिक, इस रेलवे रूट पर यात्री और कार्गो ट्रेन के लिए अलग-अलग लाइन होंगी। जब यह रूट शुरू होगा तो पहले ही दिन करीब 1.22 लाख यात्री सफर कर सकते हैं। संभावना जताई गई है कि पांच वर्षों के दौरान यात्रियों की संख्या बढ़कर 4.57 लाख तक पहुंच जाएगी। इस परियोजना रिपोर्ट के मुताबिक, यह रेलवे लिंक वर्ष 2026 के आख़िर तक बनकर तैयार हो जाएगा। इस पूरी परियोजना पर रेलवे मंत्रालय पैसा खर्च करेगा।

पूरे एनसीआर को मिलेगा बड़ा फायदा
रेल मंत्रालय से जुड़े और इस परियोजना पर काम कर रहे एक उच्चाधिकारी ने कहा, "यह परियोजना न केवल ज़ेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को बड़ा फ़ायदा पहुंचाएगी, बल्कि दिल्ली-एनसीआर के कई शहरों नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बुलंदशहर, पलवल, फरीदाबाद और दिल्ली के करोड़ों लोगों के लिए फ़ायदेमंद साबित होगी। अभी बुलंदशहर से पलवल या फरीदाबाद तक रेल यात्रा करने के लिए सीधी सुविधा नहीं है। यह रेलवे लिंक बन जाने के बाद उत्तर प्रदेश और हरियाणा के महत्वपूर्ण ज़िले सीधे रेलवे रूट के जरिए जुड़ जाएंगे।"

देश में पहली बार ऐसा रेलवे स्टेशन बनेगा
इस रेलवे रूट पर बनने वाला ज़ेवर एयरपोर्ट स्टेशन अपने आप में अनूठा होगा। देश में पहली बार ऐसा रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा, जो पूरी तरह भूमिगत रहेगा। यह रेलवे स्टेशन ज़ेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पैसेंजर टर्मिनल के नीचे बनाया जाएगा। रेलवे स्टेशन और पैसेंजर टर्मिनल के बीच यात्री एलिवेटर, लिफ्ट या सीढ़ियों के ज़रिए आवागमन कर सकेंगे। यह पूरा कॉम्प्लेक्स वातानुकूलित होगा। इसी स्टेशन के बराबर में दिल्ली-वाराणसी रैपिड रेल और ज़ेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डे को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डे से जोड़ने वाली रैपिड रेल और मेट्रो ट्रेन के स्टेशन भी बनाए जाएंगे। आपको बता दें कि भारत में अभी तक किसी एयरपोर्ट के पास ऐसी सुविधा नहीं है। अगर दुनिया के बाक़ी शहरों की बात करें तो टोकियो, बर्लिन, न्यूयॉर्क और पेरिस इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नीचे इस तरह के रेलवे स्टेशन बनाए गए हैं।

इंटरचेंज के निर्माण में आई तेजी
यमुना एक्सप्रेसवे से नोएडा एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए इंटरचेंज और 700 मीटर एलिवेटेड रोड बन रही है। यह आठ लेन की है। इसका निर्माण एनएचएआई करा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि यह काम 30 अप्रैल 2025 तक पूरा हो जाएगा। इसके जरिये आप यमुना एक्सप्रेसवे से सीधे एयरपोर्ट पहुंच जाएंगे। साथ ही ईस्टर्न  पेरिफेरल एक्सप्रेसवे  को यमुना एक्सप्रेसवे से  जोड़ने  के लिए जगनुपर- अफजलपुर  के पास इंटरचेंज  का निर्माण चल रहा है। दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे से  जोड़ने  के लिए  एनएचएआई  बल्लभगढ़ से  यमुना एक्सप्रेसवे तक 31 किमी लंबा हाइवे बना रहा है।

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