भाजपा एमएलसी नरेंद्र भाटी का जालसाज़ भाई कैलाश जेल में नहीं, अस्पताल में ले रहा फ़ाइव स्टार ऐश

ऑपरेशन रसूखदार : भाजपा एमएलसी नरेंद्र भाटी का जालसाज़ भाई कैलाश जेल में नहीं, अस्पताल में ले रहा फ़ाइव स्टार ऐश

भाजपा एमएलसी नरेंद्र भाटी का जालसाज़ भाई कैलाश जेल में नहीं, अस्पताल में ले रहा फ़ाइव स्टार ऐश

Tricity Today | ऑपरेशन रसूखदार

Greater Noida News : उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और मुख्यंमत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सख्ती का लोहा पूरा देश मान रहा है। अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि अतीक अहमद जैसे खूंखार माफिया को योगी सरकार ने मिट्टी में मिला दिया। मुख्तार अंसारी और तमाम दूसरे माफिया दिन-रात ऊपर वाले से सलामती की दुआएं मांग रहे हैं। अब नीचे तो कोई उनकी सुनने वाला नहीं। लेकिन कहावत है, दिए तले अन्धेरा। आज हम आपको उसी अंधेरे से रूबरू करवाएंगे। दिखाएंगे कि कैसे भ्रष्टाचार के बूते रसूखदार योगी दुर्ग में सुराख़ कर रहे हैं? कैसे अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही जंग में भितरघात हो रहा है? कैसे योगी आदित्यनाथ के सिपाही उनकी छवि पर बट्टा लगा रहे हैं?

ट्राईसिटी टुडे का 'ऑपरेशन रसूखदार'
ट्राईसिटी टुडे का यह सुपर एक्सक्लूसिव 'ऑपरेशन रसूखदार' देखकर आपको एक और कहावत समझ आ जाएगी, 'चोर चोरी छोड़ दे लेकिन हेराफेरी ना छोड़े।' 'ऑपरेशन रसूखदार' सिस्टम का वह सच दिखाएगा, जिसे देखकर आपको हैरानी से ज्यादा परेशानी होगी। हम आपको गौतमबुद्ध नगर के कासना कस्बे के पास राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (GIMS) यानि जिम्स लेकर चलते हैं। लेकिन यह खबर बीमार मरीजों पर नहीं है। यह एक हट्टे-कट्टे रसूखदार जालसाज के बीमार बनकर ऐश करने की खतरनाक हकीकत है। सरकारी नौकरी में रहकर अरबों की काली कमाई करने वाले इस अफसर को वैसे तो इस वक्त जेल में होना चाहिए, लेकिन वह अपने रसूख का इस्तेमाल करके फाइव स्टार सेवाएं ले रहा है।

चुटकी बजाकर करवा देते हैं आईपीएस-आईएएस के ट्रांसफर
गौर से देखिए इस चेहरे को और पहचानिए। आपने इसे पहले भी टीवी चैनलों की स्क्रीन और अख़बारों के पहले पन्ने पर देखा है। यह गौतमबुद्ध नगर के जिले के सबसे रसूखदार परिवार का सदस्य है। इस परिवार में एलएलसी, पूर्व मंत्री, आईपीएस अफसर, वकील और जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। इस परिवार के मुखिया चुटकी बजाकर आईएएस और आईपीएस अफसरों के तबादले करवाते रहे हैं। वैसे तो आप इसे पहचान गए होंगे, लेकिन हम भी आपको बता देते हैं। ये हैं कैलाश भाटी। जी हां, वही कैलाश भाटी जो ग्रेटर नोएडा में हुए अरबों रुपये के तुस्याना भूमि घोटाले में इस वक्त जेल में बंद है। लेकिन कैलाश भाटी तो सिर्फ कागजों पर जेल में है।

कैलाश भाटी सिर्फ कागजों में जेल
ट्राईसिटी टुडे के विशेष संवाददाता ललित पंडित ने 'ऑपरेशन रसूखदार' किया। उन्होंने देखा, कैलाश भाटी कैसे जिम्स हॉस्पिटल में रह रहा है और दिनभर क्या करता है। कैलाश भाटी उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के सदस्य नरेंद्र सिंह भाटी का भाई है। वही नरेंद्र सिंह भाटी, जो कभी सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे। ग्रेटर नोएडा में तैनात आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल को सस्पेंड करवाकर चर्चाओं में आए थे। तमाम नेताओं की तरह नरेंद्र भाटी भी आजकल भारतीय जनता पार्टी में सत्ता सुख भोग रहे हैं। इसी सत्ता सुख की आड़ में कैलाश भाटी पिछले डेढ़ महीने से ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल में है। उसके पास एयरकंडीशनर कमरा है। वह खुलेआम मोबाइल फोन पर बात करता है। उसके पास पूरे दिन और आधी रात तक आने-जाने वालों का तांता लगा रहता है। यह सबकुछ ट्राईसिटी टुडे की टीम ने ना केवल अपनी आँखों से देखा है, बल्कि आपको दिखाने के लिए अपने कैमरों में कैद किया है। जो कुछ हमने देखा, उससे साफ पता चलता है कि कैलाश भाटी को कोई बीमारी नहीं। वह अपने रसूख का भरपूर फायदा लेकर ऐशोआराम कर रहा है।

ट्राईसिटी टुडे की टीम ने 2 दिन कैलाश भाटी की गतिविधियों को देखा
रोजाना घंटो फोन पर बातें करता है। पूरे जिम्स अस्पताल में कहीं भी घूम सकता है। उससे कोई भी कभी भी मिलने जा सकता है। रखवाले पुलिसकर्मी दूर एक कमरे में आराम से सोते हैं। उनकी भी आजकल मौज आई हुई है। ट्राईसिटी टुडे की टीम ने दो दिन कैलाश भाटी की गतिविधियों को देखा। उसके कमरे में दो दिनों से महिलाओं और तमाम दूसरे लोगों का आना-जाना लगा रहा। पिछले डेढ़ माह से यही हालात हैं। रसूखदार कैलाश भाटी यहां आराम फरमा रहा है।

ऑपरेशन रसूखदार से कैलाश भाटी पर खड़े हुए सवाल
  1. कैलाश भाटी की यह ऐश कई सवाल खड़े करती है। पहला सवाल, क्या कैलाश भाटी खुलेआम मोबाइल का इस्तेमाल कर सकता है?
  2. दूसरा सवाल, क्या कैलाश भाटी को जिम्स के प्राइवेट वॉर्ड में एयर कंडीशनर, कोल्ड ड्रिंक्स, बाहर का खाना और ऐशोआराम मिल सकता है?
  3. तीसरा सवाल, क्या बिना रोकटोक और दिन-रात कैलाश भाटी को लोगों से मिलने की इजाजत दी सकती है?
  4. चौथा सवाल, कैलाश भाटी को ऐसी कौन सी बीमारी है, जिसके इलाज के लिए वह डेढ़ महीने से जिम्स के प्राइवेट वॉर्ड की ऐश ले रहा है?
  5. पांचवां सवाल, कैलाश भाटी की निगरानी के लिए जिन पुलिस वालों की ड्यूटी लगी है, वे इस सब से बेदार क्यों हैं?

जिला कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत याचिका की
अब हम आपको बताते हैं कि आखिर कैलाश भाटी किस जुर्म के लिए जेल गया और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका क्यों खारिज कर दी। कैलाश भाटी ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में बतौर मैनेजर लंबे अरसे तक कार्यरत रहा है। इसी दौरान तुस्याना गांव में अरबों रुपये का भूमि घोटाला हुआ। इस घोटाले के मास्टरमाइंड राजेंद्र सिंह को फायदा पहुंचाने के लिए कैलाश भाटी ने जालसाजी की। गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने कैलाश को पिछले साल 16 नवंबर को गिरफ्तार किया था। उस पर आईपीसी की धाराओं 406, 420, 467, 468, 471 और 120-B के तहत चार्जशीट दाखिल की गई। पहले गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय और फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी।

कैलाश भाटी को हाईकोर्ट ने इसलिए नहीं दी जमानत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 24 जनवरी 2023 को यह कहते हुए कैलाश भाटी की जमानत याचिका ख़ारिज की, "आरोपी ऊंचे पद पर कार्यरत और रसूखदार है। शिकायत करने वाले ने अपनी जान को खतरा बताया है। मामले की जांच और ट्रायल के दौरान गवाहों व सबूतों को प्रभावित कर सकता है। मामले की खूबियों या खामियों पर कोई राय व्यक्त किए बिना यह न्यायालय आवेदक को जमानत देने के लिए अच्छा आधार नहीं पाता है। लिहाजा, जमानत अर्जी खारिज की जाती है। "कुल मिलाकर साफ़ है, अदालत में भले ही कैलाश भाटी का रसूख काम नहीं आया, लेकिन उसने जेल से बाहर फाइव स्टार सहूलियतें हासिल करने का इंतजाम कर लिया। 

ट्राईसिटी टुडे के लिए ललित पंडित, सुमित शर्मा और सचिन रैकवार का 'ऑपरेशन रसूखदार'

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