चिटहेरा भूमि घोटाले का आईओ इंस्पेक्टर गिरीश प्रसाद सस्पेंड

नोएडा की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह का बड़ा एक्शन : चिटहेरा भूमि घोटाले का आईओ इंस्पेक्टर गिरीश प्रसाद सस्पेंड

चिटहेरा भूमि घोटाले का आईओ इंस्पेक्टर गिरीश प्रसाद सस्पेंड

Tricity Today | इंस्पेक्टर गिरीश प्रसाद

​​Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिशनर लक्ष्मी सिंह ने बड़ी कार्रवाई की है। गौतमबुद्ध नगर की दादरी तहसील के चिटहेरा गांव में हुए अरबों रुपये के भूमि घोटाले की जांच कर रहे इंवेस्टिगेटिंग ऑफ़िसर इंस्पेक्टर गिरीश राज़ प्रसाद को निलंबित कर दिया गया है। गिरीश राज प्रसाद पर चिटहेरा भूमि घोटाले से जुड़ी जांच में लापरवाही बरतने, तथ्यों को सही ढंग से आरोप पत्र में प्रस्तुत नहीं करने और शीर्ष अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने जैसे गंभीर आरोप हैं। आपको बता दें कि ट्रांसफर होने के बावजूद गिरीश राज प्रसाद क़रीब 2 वर्षों से गौतमबुद्ध नगर में डटे हुए थे। वह पिछले 5 वर्षों से गौतमबुद्ध नगर क्राइम ब्रांच के मुखिया थे।

दो साल में दो बार हुआ तबादला, जिला छोड़कर नहीं गए
निलंबित इंस्पेक्टर गिरीश राज प्रसाद का ज़िले में कार्यकाल दो साल पहले पूरा हो चुका है। वह पुलिस महानिदेशालय के आदेशों का क़रीब दो वर्षों से पालन नहीं कर रहे थे। वह गौतमबुद्ध नगर में डटे हुए थे। विधानसभा चुनाव से क़रीब 3 महीने पहले भारत निर्वाचन आयोग के आदेश पर पुलिस महानिदेशक ने उनका स्थानांतरण आगरा ज़ोन में किया था। गिरीश राज प्रसाद के साथ चार और इंस्पेक्टर के तबादले किए गए थे। सभी निर्धारित वक़्त पर जिला छोड़कर चले गए थे, लेकिन अपने रसूख़ का इस्तेमाल करते हुए वह गौतमबुद्ध नगर में डटे रहे। इस दौरान ज़िले में तमाम हाईप्रोफ़ाइल केस गिरीश राज प्रसाद को जांच करने के लिए मिलते रहे। अब क़रीब दो महीने पहले गिरीश राज का तबादला दूसरी बार बरेली ज़ोन किया गया था। खास बात यह है कि गिरीश राज बरेली जोन से ही ट्रांसफर होकर मेरठ जोन आए थे।

चिटहेरा भूमि घोटाले की जांच में बरती गंभीर लापरवाही
दादरी तहसील के चिटहेरा गांव में हुए अरबों रुपये के भूमि घोटाले की जांच करने के लिए तत्कालीन पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया था। एसआईटी में गिरीश राज प्रसाद के अलावा दो और इंस्पेक्टर शामिल किए गए थे। इस मामले में अनुसूचित जाति जनजाति उत्पीड़न प्रतिषेध अधिनियम की धाराएं जोड़ी गईं। लिहाज़ा, सहायक पुलिस आयुक्त को जांच अधिकारी बनाया गया। गिरीश राज प्रसाद सहायक जांच अधिकारी रहे। गिरीश राज प्रसाद ने चिटहेरा भूमि घोटाले में जांच करके अभियुक्तों के ख़िलाफ़ आरोप पत्र दाख़िल किए हैं। चार्जशीट में तमाम तरह की गड़बड़ियां सामने आई हैं। उचित ढंग से अभियुक्तों, गवाह और ग्रामीणों के बयान दर्ज नहीं किए गए हैं। तकनीकी रूप से भी इन्वेस्टिगेशन में खामियां हैं। जांच के दौरान गिरीश प्रसाद ने उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना की है। इस आधार पर पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने उन्हें निलंबित कर दिया है।

कई अफसरों के बहुत खास रहे गिरीश, हर बड़ी जांच झोली में आई
सामान्य तौर पर ज़िलों में पुलिस इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर थानाध्यक्ष बनने के लिए कोशिशें करते हैं। गिरीश प्रसाद ने गौतमबुद्ध नगर में तैनाती के दौरान कभी किसी थाने में एसएचओ बनने की कोशिश नहीं की। गिरीश प्रसाद गौतमबुद्ध नगर में तैनात रह चुके कई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के बेहद ख़ास रहे। वह इस बात को लेकर हमेशा चर्चा का विषय रहे कि कैसे जिला पुलिस के मुखिया को शीशे में उतार लेते हैं। गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू हुआ तो गिरीश प्रसाद की भूमिका और महत्वपूर्ण हो गई। उन्हें क्राइम ब्रांच का हेड बनाया गया। एक के बाद एक हाईप्रोफ़ाइल केस गिरीश प्रसाद को मिलते रहे। वह मूल रूप से उत्तराखंड में पिथौरागढ़ ज़िले के रहने वाले हैं। अभी रिटायरमेंट में दो साल का वक़्त बाक़ी है। पुलिस कमिशनर लक्ष्मी सिंह ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है। उनके ख़िलाफ़ विभागीय जांच का आदेश दिया गया है।

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