Greater Noida : सोमवार का दिन ग्रेटर नोएडा शहर के लिए अजीबोगरीब गुजरा है। सुबह लोगों को पता चला कि लुकसर गांव के रहने वाले एक परिवार के बच्चे का अपहरण कर लिया गया है। लंबे अरसे बाद ऐसी किसी आपराधिक घटना के बारे में सुनकर लोग हैरान-परेशान हो गए। दोपहर बाद शहर में अपहरणकर्ताओं और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई। जिसमें एक अपहरणकर्ता मार गिराया गया। बच्चे को सकुशल बरामद कर दिया गया। हालांकि, पुलिस इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर को गोलियां लगी हैं। लोगों ने पुलिस वालों की चिंता के साथ राहत भरी सांस ली। शाम में इस घटना से जुड़ा एक भावुक कर देने वाला वीडियो सामने आया। जिसे देखकर लोग खुश हैं। दिल खोलकर पुलिस की सराहना कर रहे हैं।
बच्चे को सकुशल अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाने के बाद गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर परिवार से मिलने पहुंचे। बच्चे के परिजनों ने कमिश्नर और पुलिस टीम का जोरदार स्वागत किया। उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया। यह बच्चा पांच बहनों का इकलौता भाई है। बहन पुलिस कमिश्नर से लिपटकर रोई। मां उनके पैरों पर गिर पड़ी। कमिश्नर आलोक कुमार सिंह ने किसी तरह उन्हें संभाला और हाथ जोड़कर ऐसा नहीं करने का निवेदन किया। पिता का कहना है, "मैं जिंदगी भर पुलिस वालों के एहसान का कर्ज नहीं चुका पाऊंगा।" पुलिस कमिश्नर और बच्चे को सकुशल बरामद करने वाली टीम का खैरमकदम करने के लिए पूरे लुकसर गांव के ग्रामीण मेघ सिंह के घर इकट्ठा हो गए। तमाम गांव वालों ने पुलिस टीम को मालाएं पहनाई और महिलाओं ने फूल बरसाए।
जिस परिवार ने मदद दी उसके इकलौते चिराग का अपहरण कर लिया
ग्रेटर नोएडा में लुक्सर गांव के रहने वाले मेघ सिंह के 11 वर्षीय बेटे का अपहरण करके 30 लाख रुपए की फिरौती वसूली गई। मामला पुलिस तक पहुंचा तो मास्टरमाइंड शिवम मुठभेड़ में ढेर हो गया। शिवम मूल रूप से बदायूं का रहने वाला था और ग्रेटर नोएडा में दिहाड़ी मजदूरी का काम करता था। वह मेघ सिंह के यहां 3-4 माह पहले ड्राइवर की नौकरी कर चुका था। इतना ही नहीं मेघ सिंह के परिवार को जब भी जरूरत पड़ती थी, उसको काम करने के लिए बुला लेते थे। घर के सभी सदस्य उसे अच्छी तरह से जानते थे। घर में आना-जाना होने की वजह से शिवम को घर की आर्थिक स्थिति के बारे में पूरी जानकारी थी। मेघ सिंह घर पर ही परचून की दुकान चलाते हैं। शिवम उनकी दुकान से ही सारा सामान भी लेता था। गांव वालों का कहना है कि शिवम एहसान फरामोश निकला। मेघ सिंह के परिवार ने हमेशा उसकी बहुत मदद की।
पांच बहनों के बीच अकेला है भाई
अपहरणकर्ताओं के चंगुल से सकुशल मुक्त करवाया गया 11 वर्षीय बच्चा पांच बहनों के बीच अकेला भाई है। इस घटना से परिवार के लोग काफी चिंतित थे। बच्चे के सकुशल मिलने की दुआ कर रहे थे। बच्चे को सकुशल मुक्त कराने के लिए पिता ने तुरंत 30 लाख रुपए की व्यवस्था कर ली। दूसरी और पुलिस को अपहरण के बारे में जानकारी मिली तो कमिश्नर आलोक कुमार सिंह ने पूरी ताकत झोंक दी। गौतमबुद्ध नगर पुलिस के सबसे बेहतरीन अफसरों को अपहरण कांड का खुलासा करने और बच्चे को सकुशल वापस लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
पुलिस आयुक्त के घर पहुंचने पर भावुक हुए परिजन
अपहृत बच्चे को सकुशल मुक्त कराने के बाद पुलिस आयुक्त आलोक सिंह पूरी पुलिस टीम के साथ पीड़ित के घर पहुंचे। पुलिस आयुक्त को देखकर परिवार के लोग भावुक हो गए। बच्चे की बहन पुलिस आयुक्त से लिपटकर रोने लगी। भाई को बचाने के लिए हाथ जोड़कर पुलिस का धन्यवाद अदा किया। कमिश्नर आलोक सिंह ने बच्ची को गले लगाया। सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया। पीड़ित परिजनों ने पुलिस टीम का फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया। बच्चे की मां कृतज्ञता प्रकट करने के लिए अचानक पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह के पांव पर गिर पड़ी। कमिश्नर ने किसी तरह उन्हें संभाला और हाथ जोड़कर ऐसा नहीं करने का निवेदन किया।
अपरहण के बाद सूरजपुर में रखा था बच्चा, खाना भी खिलाया
अपहरणकर्ताओं ने बच्चे का अपहरण करने के बाद उसे सूरजपुर कस्बे में एक किराए के कमरे में रातभर रखना। उसके बाद अगले दिन उसे बाइक पर बैठाकर इधर-उधर घुमाते रहे। बच्चा शिवम को पहले से जानता था। बच्चे को बहला-फुसलाकर और झूठ बोलकर उसके माता-पिता के पास छोड़ने का बहाना बनाकर नहीं रोने देता था। बच्चे को पूरे समय ऐसा नहीं लगा कि शिवम और उसके साथियों ने उसका अपहरण कर लिया है। इसी बीच पुलिस टीम ने बेहद चौकसी के साथ शिवम और उसके साथियों को ट्रैक किया। इन लोगों के साथ सोमवार की दोपहर बाद पुलिस की मुठभेड़ हुई। जिसमें शिवम मारा गया है।