ड्रग आखिर घरों, कॉलेज और कंपनियों तक कैसे पहुंचता है, पूरी कहानी तस्करों की जुबानी

Noida Rave Party : ड्रग आखिर घरों, कॉलेज और कंपनियों तक कैसे पहुंचता है, पूरी कहानी तस्करों की जुबानी

ड्रग आखिर घरों, कॉलेज और कंपनियों तक कैसे पहुंचता है, पूरी कहानी तस्करों की जुबानी

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Noida News : हमने आपको बताया कि कैसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर से नशे की तस्करी दिल्ली, नोएडा और बाक़ी शहरों तक हो रही है। इसके लिए बकायदा अंतरराष्ट्रीय माफ़िया सक्रिय हैं। अब सवाल यह उठता है कि एंड यूज़र तक ड्रग्स कैसे पहुंच रहा है? यह पूरी कहानी ख़ुद नशा तस्करों की ज़ुबानी सामने आई है। क़रीब एक साल पहले नोएडा पुलिस ने नशा तस्करों का एक बड़ा गैंग पकड़ा था। उस गैंग में नोएडा कि हाई-प्रोफ़ाइल एमिटी यूनिवर्सिटी के चार स्टूडेंट्स भी शामिल थे।गैंग ने सनसनीखेज़ जानकारी नोएडा पुलिस को दी थीं। इस मामले में नोएडा पुलिस ने गौतमबुद्ध नगर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में चार्जशीट दाख़िल की। इस चार्जशीट के आधार पर हम आपको बता रहे हैं कि आखिर पूरा रैकेट कैसे काम करता है? ड्रग्स घरों, दफ्तरों, आईटी कम्पनियों, स्कूल-कॉलेजों और यूनिवर्सिटी कैंपस तक कैसे पहुंचाया जाता है?

गैंग के पास थे पूरे संसाधन, गैंग लीडर की बीवी ताइवान से भेजती थी ड्रग्स
नोएडा पुलिस ने नवंबर 2023 में कॉलेज के छात्रों को ड्रग्स की आपूर्ति करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया और नौ लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने चार्जशीट में बताया कि इस गैंग के पास से भारतीय और विदेशी मूल की विभिन्न ड्रग्स बरामद की थीं। जिनमें 15 किलो गांजा, 30 ग्राम कोकीन, 20 ग्राम एमडीएमए की गोलियां और 150 ग्राम हैश शामिल थे। उन सारे ड्रग्स की कीमत लगभग 25 लाख रुपये आंकी गई थी। पुलिस ने गैंग के कब्जे से दो वजन मापने वाली दो इलेक्ट्रॉनिक मशीनें, 10 मोबाइल फोन और 3,200 रुपये नकद जब्त किए थे। एक एसयूवी और दो मोटरसाइकिलों को जब्त किया था, जो आरोपियों द्वारा ड्रग्स की आपूर्ति के लिए इस्तेमाल की जा रही थीं। पुलिस ने इस केस की चार्जशीट में बताया कि गिरोह का सरगना अक्षय कुमार है, जो नोएडा के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ड्रग्स की आपूर्ति करता था। पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि अक्षय कुमार की पत्नी ताइवान में काम करती है और वह उसके माध्यम से विदेशी ड्रग्स हासिल करता था।

सोशल मीडिया से आते हैं ऑर्डर, ई-कॉमर्स की तरह होती है सप्लाई
गिरोह का एक अन्य सदस्य नरेंद्र राजस्थान का रहने वाला था, जो कॉलेज परिसरों में रहने वाले और पेइंग गेस्ट के रूप में रहने वाले छात्रों को गांजा की आपूर्ति करता था। नरेंद्र गैंग की लोकल सप्लाई को कंट्रोल कर रहा था। पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि यह गिरोह पढ़ा-लिखा और हाईटेक है। यह लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे स्नैपचैट, टेलीग्राम और व्हाट्सएप के माध्यम से छात्रों तक पहुंच बनाते हैं। उनको मांग के लिहाज से छोटे पार्सल में ड्रग्स पहुंचा रहे थे। पुलिस ने अदालत को यह भी बताया है कि यह गैंग छोटे पार्सल का उपयोग कर रहा था ताकि आम आदमी या पड़ोस वालों को अमेज़न और फ्लिपकार्ट से होने वाली डिलीवरी की तरह दिखे। गिरोह प्रत्येक पार्सल के लिए लगभग 7,000-8,000 रुपये स्टूडेंट्स से वसूलता था।

हाई-प्रोफाइल एमिटी यूनिवर्सिटी के 4 छात्रों ने बड़े खुलासे किए
नोएडा पुलिस ने उस गैंग में एमिटी यूनिवर्सिटी के चार छात्रों को भी गिरफ्तार किया था। उन्होंने पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे। छात्रों ने बताया था कि किस तरह न केवल एक यूनिवर्सिटी के छात्र बल्कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा की कई यूनिवर्सिटी के छात्र ड्रग सप्लायर और ड्रग्स पैडलर्स के साथ सोशल मीडिया पर कनेक्ट हैं। कोई नया एंड यूज़र आसानी से ग्रुप में शामिल नहीं हो सकता है। ग्रुप में शामिल होने के लिए पुराने और रिलायबल एंड यूज़र की रिकमनडेशन ज़रूरी होती है। इसके बाद नशीले पदार्थों पर कार्रवाई के रूप में पुलिस ने गौतमबुद्ध नगर जिले के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में छापेमारी की। कई ड्रग आपूर्तिकर्ताओं को गिरफ्तार किया। इसी अभियान के दौरान नवंबर 2023 में पुलिस ने 260 किलो से अधिक गांजा बरामद किया था।

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