आज से ऑक्सीजन की आपूर्ति नियमित नहीं हुई तो बंद रहेंगी मेडिकल सेवाएं

नोएडा के निजी अस्पतालों की चेतावनी: आज से ऑक्सीजन की आपूर्ति नियमित नहीं हुई तो बंद रहेंगी मेडिकल सेवाएं

आज से ऑक्सीजन की आपूर्ति नियमित नहीं हुई तो बंद रहेंगी मेडिकल सेवाएं

Google Image | नोएडा के निजी अस्पतालों की चेतावनी

गौतमबुद्ध नगर के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत का संकट गहराता जा रहा है। सिर्फ कोविड हॉस्पिटल ही नहीं, बल्कि नॉन-कोविड अस्पतालों में भी इस प्राण रक्षक गैस की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इस वजह से मरीजों की सांसें उखड़ रही हैं। दोनों तरह के अस्पतालों ने नए मरीजों की भर्ती में फिर आनाकानी शुरू कर दी है। जिले के दादरी क्षेत्र के निजी अस्पतालों ने ऑक्सीजन की आपूर्ति सुचारू नहीं होने पर तालाबंदी का ऐलान किया है। सोमवार को दादरी प्राइवेट हॉस्पिटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक हुई। इसमें फैसला लिया गया कि यदि मंगलवार को ऑक्सीजन की खेप नहीं मिली, तो फिर बुधवार से अस्पतालों में सेवा बंद कर दी जाएगी। संगठन ने इस बावत एक पत्र जिलाधिकारी सुहास एलवाई को भी भेजा है।

बैठक में जिले में ऑक्सीजन की किल्लत पर चर्चा की गई। सभी पदाधिकारियों ने एकमत होकर फैसला लिया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने की स्थिति में अस्पतालों में इलाज नहीं किया जाएगा। नवीन अस्पताल के प्रबंधक अजीत सिंह ने बताया कि इस वक्त मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। लेकिन दादरी के अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं है। जिला प्रशासन सिर्फ कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन दे रहा है। जबकि नॉन-कोविड अस्पतालों को इसकी जरूरत है। दूसरी बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए भी ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन इसकी आपूर्ति बंद होने से ऐसे मरीजों का इलाज करना मुश्किल हो रहा है।

एसोसिएशन ने इस बारे में दादरी के विधायक तेजपाल नागर से मुलाकात कर ऑक्सीजन दिलाने की मांग की थी। दादरी विधायक के प्रयास और डीएम की सहमति पर बिसाहड़ा स्थित प्लांट से 50 सिलेंडर की आपूर्ति मिलना तय हुआ था। लेकिन सिर्फ एक मई को ऑक्सीजन सिलेंडर मिले। बीते रविवार और सोमवार को ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं की गई। संबंधित अधिकारियों से अनुरोध किया गया। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। थकहार कर एसोसिएशन ने डीएम को चिट्ठी लिखी। इसमें कहा गया है कि अगर मंगलवार से ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हुई, तो इन निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा बंद की जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा।
 

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