Greater Noida : प्रदूषण रोकने में ढिलाई को लेकर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) और नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इन दोनों संस्थाओं पर प्रदूषण की रोकथाम के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं करने का आरोप लगा है।
दरअसल ग्रेटर नोएडा वेस्ट के टेकजोन 4 में अम्रपाली ग्रुप के लेजर वैली प्रोजेक्ट में वायु प्रदूषण के नियमों का उल्लंघन पाया गया है। यहां की सड़क भी टूटी हुई है। इस वजह से धूल और ज्यादा उड़ती है। यूपीपीसीबी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर संस्थाएं नियमों का पालन नहीं करती हैं, तो उन पर जुर्माना भी लगेगा।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में हर तरफ निर्माण कार्य चल रहा है। इसी वजह से यहां की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एनबीसीसी यहां आम्रपाली के लेजर वैली प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य पूरा करा रहा है। इस निर्माणाधीन प्रोजेक्ट के सटे एस एस्पायर सोसायटी में हजारों लोग रहते हैं। वहां के निवासियों ने निर्माण कार्य और टूटी सड़क के कारण वायु प्रदूषण होने की शिकायत की थी। बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा तकलीफ हो रही थी।
इसका संज्ञान लेते हुए यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय कार्यालय की एक टीम प्रोजेक्ट साइट का निरीक्षण करने गई थी। टीम के अफसरों ने बताया कि निर्माण के वक्त एनजीटी के नियमों का पालन नहीं हो रहा था। न ही वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। यहां चारों तरफ धूल उड़ रही है। आरएमसी प्लांट लगा हुआ है। जबकि इसे लगाने की अनुमति यूपीपीसीबी से नहीं ली गई है। जांच के बाद एनबीसीसी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को नोटिस जारी किया गया है।
यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी भुवन यादव ने बताया, प्रदूषण की रोकथाम के लिए एनजीटी के नियमों का पालन कराना बेहद जरूरी है। लेकिन एनबीसीसी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इसमें लापरवाही कर रहे हैं। इसलिए दोनों संस्थाओं को नोटिस भेजा गया है। अगर उन्होंने सुधार नहीं किया तो मुख्यालय को पत्र भेजकर इन पर जुर्माना लगाने की सिफारिश की जाएगी।