नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की शुरुआत छह महीने देरी से होगी, यह है वजह

आज की सबसे बड़ी खबर : नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की शुरुआत छह महीने देरी से होगी, यह है वजह

नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की शुरुआत छह महीने देरी से होगी, यह है वजह

Tricity Today | BIG BREAKING

Greater Noida News : यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के जेवर में निर्माणाधीन नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के संबंध में एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई है। सोमवार को यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (YIAL) ने एक आधिकारिक बयान जारी करके बताया कि जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की वाणिज्यिक शुरुआत का समय छह महीने आगे बढ़ा दिया गया है। YIAL, जो उत्तर प्रदेश सरकार के निकायों और ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड का एक संयुक्त उपक्रम है, ने अपने प्रेस विज्ञप्ति में परियोजना की वर्तमान स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी है। कंपनी ने अब तक हुए निर्माण कार्यों का विवरण भी साझा किया है।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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अब अप्रैल 2025 में शुरू होंगी उड़ान
यह विलंब परियोजना के महत्व और जटिलता को दर्शाता है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जिसे जेवर एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक प्रमुख विमानन केंद्र बनने की उम्मीद है। यह परियोजना न केवल क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगी। हालांकि यह देरी कुछ चिंता का विषय हो सकती है, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हो सकती है कि हवाई अड्डा अपने शुरुआती दिन से ही उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करे। आने वाले महीनों में YIAL से अधिक अपडेट की उम्मीद की जा सकती है। कंपनी ने काम पूरा करने की नई समय सीमा निर्धारित की है। बताया गया है कि अब अप्रैल 2025 में ज़ेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से वाणिज्यिक उड़ान शुरू होगी।

कंपनी ने बयान में क्या कहा
वाईआईएएल की ओर से जारी में बयान में कहा गया है, “नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर निर्माण और विकास कार्य अग्रिम चरण में है और हम परिचालन तत्परता की राह पर महत्वपूर्ण मील के पत्थर पार करना जारी रखे हैं। यह एक बड़ी और जटिल परियोजना है, और निर्माण गतिविधियों के अगले कुछ सप्ताह महत्वपूर्ण हैं। रनवे, यात्री टर्मिनल और नियंत्रण टॉवर पर काम काफी आगे बढ़ चुका है। हाल ही में, ग्राउंड हैंडलिंग, वाणिज्यिक क्षेत्रों के संचालन और महत्वपूर्ण रखरखाव अनुबंधों किए गए हैं। इसके अलावा, नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान के लिए कई एयरलाइनों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। वर्तमान निर्माण स्थिति को देखते हुए, हम अप्रैल 2025 के अंत तक वाणिज्यिक संचालन शुरू करने की उम्मीद करते हैं। हम अपने ईपीसी ठेकेदार टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर निर्माण गतिविधियों की गति और परिचालन तत्परता की तैयारियों को उच्च बनाए रखने के लिए काम कर रहे हैं। हम दिल्ली एनसीआर और उत्तर प्रदेश के लिए एक टिकाऊ और विश्व स्तरीय हवाई अड्डा देने के अपने लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

स्टील नहीं मिलने की वजह से होगी देरी
आपके पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल ‘ट्राईसिटी टुडे’ ने रविवार को एक विशेष समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें बताया था कि नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण पूरा होने में ज़्यादा वक़्त लग सकता है। दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार और ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच हुए क़रार के मुताबिक़ सितंबर 2024 तक निर्माण पूरा हो जाना चाहिए। अक्टूबर में उड़ान शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। हवाई अड्डे के पैसेंजर टर्मिनल का निर्माण करने के लिए आवश्यक स्पेशल ग्रेड स्टील बाज़ार में उपलब्ध नहीं है। यह ख़ास तरह का स्टील न केवल भारत बल्कि दुनिया भर के बाज़ार में नहीं मिल रहा है। जिसके चलते निर्माण में देरी की आशंका ज़ाहिर की गई थी। इस समस्या का समाधान करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा 28 जून को ग्रेटर नोएडा रहे हैं। मुख्य सचिव यमुना प्राधिकरण, यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड, ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट और टाटा प्रोजेक्ट्स के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। बैठक में स्टील की अनुपलब्धता समेत तमाम दूसरी समस्याओं के समाधान तलाश किए जाएंगे। अब सोमवार को वाईआईएएल की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि ज़ेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान शुरू करने में छह महीने की देरी होगी। अब अक्टूबर 2024 की बजाय अप्रैल 2025 में ज़ेवर एयरपोर्ट से यात्री उड़ान भर सकेंगे।

12 मिलियन यात्रियों की क्षमता होगी
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IATA कोड-DXN) ग्रेटर दिल्ली क्षेत्र और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को भारत और दुनिया के अन्य शहरों से जोड़ेगा। यह विश्व स्तरीय हवाई अड्डा स्विस दक्षता और भारतीय आतिथ्य को मिलाकर अपने यात्रियों को समृद्ध अनुभव और व्यापक वाणिज्यिक आकर्षण और सेवाएं प्रदान करेगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत में अपनी श्रेणी का पहला हवाई अड्डा होगा जो शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करेगा, जो टिकाऊ हवाई अड्डे के संचालन के लिए एक नया मानक स्थापित करेगा। अपने उद्घाटन के समय, हवाई अड्डे में एक रनवे और एक टर्मिनल होगा और 12 मिलियन यात्रियों की क्षमता होगी। अतिरिक्त निर्माण चरणों में और विकास की संभावना के साथ।

40 वर्षों तक के लिए मिली जिम्मेदारी
यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) की स्थापना ग्रीनफील्ड परियोजना नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकास, निर्माण और संचालन के लिए की गई थी। कंपनी, ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी की 100 प्रतिशत सहायक कंपनी, उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार के साथ घनिष्ठ साझेदारी में सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजना के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है। नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए रियायत अवधि 1 अक्टूबर 2021 को शुरू हुई और 40 वर्षों तक चलेगी।

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