अब कारपेट एरिया के आधार पर होगी रजिस्ट्री, इन 2 व्यक्तियों के कारण लाखों फ्लैट खरीददारों को मिला फायदा

गौतमबुद्ध नगर के बिल्डरों को झटका : अब कारपेट एरिया के आधार पर होगी रजिस्ट्री, इन 2 व्यक्तियों के कारण लाखों फ्लैट खरीददारों को मिला फायदा

अब कारपेट एरिया के आधार पर होगी रजिस्ट्री, इन 2 व्यक्तियों के कारण लाखों फ्लैट खरीददारों को मिला फायदा

Tricity Today | Noida Gate

Gautam Buddh Nagar News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा के फ्लैट खरीदारों के लिए खास खबर है। अब गौतमबुद्ध नगर के फ्लैट की रजिस्ट्री कारपेट एरिया के आधार पर होगी। अभी तक सुपर एरिया के आधार पर फ्लैट की रजिस्ट्री होती थी लेकिन अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कारपेट एरिया के आधार पर फ्लैट की रजिस्ट्री होगी। इस संबंध में नोएडा प्राधिकरण के अफसरों ने गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी को पत्र भी भेज दिया है। 

फ्लैट खरीदारों को होगा फायदा
कारपेट एरिया पर रजिस्ट्री होने से फ्लैट खरीदारों को स्टांप देयता में 20 से 25 प्रतिशत का फायदा होगा। बिल्डर के जरिए सुपर एरिया पर रजिस्ट्री कराने पर खरीदारों को अधिक स्टांप देना पड़ता है। अभी जिले में 40 हजार फ्लैटों की रजिस्ट्री होनी बाकी है, ऐसे में इनको फायदा मिल सकता है। प्राधिकरण की सीईओ की ओर से जारी आदेश के तहत भवन नियमावली-2010 (यथा संशोधित) एवं उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट एक्ट 2010 और उत्तर प्रदेश रेरा 2016 में सुपर एरिया का कोई उल्लेख नहीं है। प्राधिकरण सुपर एरिया को सत्यापित भी नहीं करता है।

बिल्डर को लगा झटका
अभी तक नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सुपर एरिया के आधार पर फ्लैट की रजिस्ट्री होती है। जिसकी वजह से बिल्डर को फायदा होता है। सुपर एरिया में बालकनी और छत भी शामिल होती हैं। इसके अलावा लिफ्ट और सीढ़ियों का एरिया भी शामिल होता है लेकिन कारपेट एरिया में यह सभी शामिल नहीं होता। जहां पर फ्लैट खरीदा रहता है। सिर्फ उस एरिया को ही कारपेट एरिया कहा जाता है। यह फैसला बिल्डर के लिए झटका और घर खरीदा के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगा।

चक्रेश जैन और जोगिंदर सिंह ने लड़ाई लड़ी
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में एक हजार से ज्यादा हाउसिंग सोसाइटी है। फ्लेट खरीदार अपनी मांगों को समस्याओं को लेकर बिल्डर के दफ्तर और प्राधिकरण के चक्कर काटते रहते है। फ्लैटों की रजिस्ट्री कारपेट एरिया पर कराने के लिए जिला प्रशासन, नोएडा प्राधिकरण और कोर्ट में चक्रेश जैन और जोगिंदर सिंह ने लड़ाई लड़ी है। जिसके बाद यह फैसला लिया गया है।

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