Greater Noida : डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ईस्टर्न और वेस्टर्न कॉरिडोर पर ट्रक ऑन मालगाड़िया चलेंगी। मालगाड़ियों से ट्रक मुंबई और कोलकाता से ग्रेटर नोएडा और अन्य जगहों तक आसानी से पहुंचाए जा सकेंगे। इन मालगाड़ियों के चलने से ट्रांसपोर्टरों को 60 से 70 प्रतिशत की बचत होगी। जिसका लाभ कंपनियों को भी मिलेगा।
कोरिडोर को जून तक चला दिया जाएगा
डीएफसीसी का वेस्टर्न कोरिडोर मुंबई से ग्रेटर नोएडा और ईस्टर्न कॉरिडोर कोलकाता से लुधियाना तक बन रहा है। इस कॉरिडोर का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इसे इस साल जून तक चला दिया जाएगा। इसका कार्य दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। कार्य पूरे होने के बाद इन कॉरिडोर पर मालगाड़ियों का संचालन शुरू हो जाएगा।
माल गाड़ियों पर रखे जा सकेंगे 45 ट्रक
इन कॉरिडोर पर डबल डेकर मालगाड़ी और कुछ विशेष मालगाड़ी चलेंगी। जिन पर ट्रक लादकर एक जगह से दूसरी जगह तक आसानी से पहुंचाए जा सकेंगे। डीएफसीसी के अधिकारियों ने बताया कि ईस्टर्न कॉरिडोर के कुछ हिस्से पर टी आन टी मालगाड़ियों का संचालन हो रहा है। माल गाड़ियों पर अभी तक 45 ट्रक रखे जा सकते हैं, लेकिन बाद में इनकी संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
टैक्स से भी बचेंगे ट्रक
मालगाड़ियों का लाभ ट्रांसपोर्टरों को भी मिलेगा। ट्रांसपोर्ट शैलेश मोदी ने बताया कि ट्रक को 2500 किलोमीटर तक ले जाने में 7 से 8 दिन लगते हैं। लेकिन अगर मालगाड़ियों से लेकर जाए तो 2 से 3 दिन में पहुंच जाते हैं। इस ट्रक के रखरखाव का खर्चा भी बचेगा। साथ ही टोल टैक्स भी नहीं लगेगा। रस्ते में होने वाली वसूली से भी मुक्ति मिलेगी। एक ट्रक से सामान लाने पर लगभग 60 से 70 प्रतिशत कम खर्च होगा।
सड़कों पर होगी ट्रकों की संख्या कम
कॉरिडोर शुरू होने के बाद इन मालगाड़ियों का संचालन मुंबई और कोलकाता से ग्रेटर नोएडा तक होगा। मालगाड़ियों से ट्रांसपोर्ट अपने ट्रक को भेज सकेंगे और वापस ला सकेंगे। टी ऑन टी माल गाड़ियों के शुरू होने से सड़कों पर ट्रकों की संख्या कम हो जाएगी। इस प्रक्रिया में वायु प्रदूषण भी कम होगा और यह प्रक्रिया भी काफी आसान होगी।