एनपीसीएल के पास सिर्फ 8 दिन बचे, योगी सरकार ने नहीं बढ़ाई लाइसेंस की अवधि

ग्रेटर नोएडा वालों के लिए बड़ी खबर : एनपीसीएल के पास सिर्फ 8 दिन बचे, योगी सरकार ने नहीं बढ़ाई लाइसेंस की अवधि

एनपीसीएल के पास सिर्फ 8 दिन बचे, योगी सरकार ने नहीं बढ़ाई लाइसेंस की अवधि

Tricity Today | NPCL Office, Greater Noida

Greater Noida : ग्रेटर नोएडा वालों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रेटर नोएडा में बिजली सप्लाई करने वाली नोएडा पावर कंपनी का लाइसेंस की तय सीमा नहीं बढ़ाई है। आगामी 30 अगस्त को एनपीसीएल की लाइसेंस अवधि समाप्त हो रही है। एनपीसीएल की तरफ से उत्तर प्रदेश शासन को मांग की गई थी, उनको लाइसेंस की अवधि बढ़ानी है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने एनपीसीएल की लाइसेंस अवधि नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है। इस बात की जानकारी उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव ऊर्जा अवनीश कुमार अवस्थी ने दी है। 

पावर ऑफीसर्स एसोसिएशन ने किया आभार व्यक्त
उन्होंने नोएडा पावर कंपनी को अंतिम नोटिस जारी कर दिया है। बताया जा रहा है कि यह फैसला ग्रेटर नोएडा के उपभोक्ताओं के लिए लिया गया है। यह फैसला ग्रेटर नोएडा में रहने वाले निवासियों के लाभ के लिए लिया गया है। वहीं, इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश पावर ऑफीसर्स एसोसिएशन ने योगी सरकार का आभार व्यक्त किया है। 

लखनऊ स्तर से अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रेटर नोएडा में बिजली सप्लाई करने के लिए एनपीसीएल को विद्युत अधिनियम 1910 के तहत 30 वर्षों के लिए लाइसेंस दिया था। वैसे तो 30 अगस्त 2023 को लाइसेंस की अवधि समाप्त हो जाएगी, लेकिन उत्तर प्रदेश विद्युत परिषद और विद्युत परिषद की मांग पर एक साल पहले ही लाइसेंस रद्द करने का निर्णय यूपी सरकार ने लिया है। उत्तर प्रदेश शासन से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार ने विद्युत अधिनियम 1910 समाप्त कर दिया है और 2003 लागू हो चुका है। जिसके तहत अब पूर्वव्रती राज्य विद्युत परिषद चाहे तो नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड को समय से पहले ही नोटिस देकर टेकओवर कर सकता है, क्योंकि इस कंपनी को लाइसेंस 1910 अधिनियम के तहत दिया गया था और वह अधिनियम अब समाप्त हो चुका है। इसके प्रक्रिया लखनऊ स्तर शुरू हो चुकी है।

अवधेश वर्मा ने ज्यादा पैसा वसूलने का मुद्दा उठा था
दरअसल, करीब डेढ़ महीने पहले वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए हाईलेवल ऑनलाइन बैठक हुई थी। इस बैठक के दौरान जन सुनवाई की गई थी। यह जनसुनवाई एनपीसीएल और ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन के टैरिफ को लेकर हुई थी। सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने मुद्दा उठाया था कि एनपीसीएल द्वारा एवरेज बिलिंग से ज्यादा पैसा वसूला गया है। जबकि, औसत विद्युत लागत बेहद कम है। उन्होंने मुद्दा उठाया कि औसत विद्युत लागत कम होने के बावजूद भी बिजली की दर कम क्यों नहीं की गई है? अब एक महीने बाद एनपीसीएल ने बिजली की दरें कम कर दी है।

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