एनपीसीएल ने ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की 84 सोसाइटियों के बिल्डरों को नोटिस जारी किया है। निवासियों का आरोप है कि इन बिल्डरों ने उनसे फिक्स चार्ज के नाम पर ज्यादा रूपये वसूले है। बिल्डर एनपीसीएल से जितना बिजली कनेक्शन का जितना भार लेता है। उससे अधिक निवासियों को बांटा दिया है और उसी हिसाब से फिक्स चार्ज वसूल रहा है। इस मामले में एनपीसीएल ने शहर की 84 सोसाइटियों के बिल्डरों को नोटिस जारी किया है। जिनसे अगले 15 दिनों में जवाब मांगा है। जवाब के साथ बिल्डर को रिकॉर्ड के साथ पेश होना होगा। अगर आरोपों को झूठा साबित नहीं कर सके तो फिर उनको कनेक्शन का भार बढ़वाना होगा।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर नोएडा की सोसाइटियों में बिल्डर बिजली का कनेक्शन देने के नाम पर करोड़ रुपये की वसूली कर रहे है। उदाहरण के तौर पर किसी सोसाइटी का बिजली कनेक्शन 450 किलावाट भार का है। बिल्डर उसका फिक्स चार्ज 90 रुपये प्रति किलोवाट के हिसाब से एनपीसीएल को देता है, लेकिन सोसाइटी के निवासियों को 2000 किलोवाट का भार बांटा जाता है और फिक्स चार्ज 90 रुपये प्रति किलोवाट के हिसाब से लेता है। उसका हिसाब बिल्डर नहीं देता। फिक्स चार्ज के नाम पर अवैध वसूली कर रहे है।
ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसाइटी के निवासी लगातार एनपीसीएल से बिल्डरों की शिकायत कर रहे है। लगातार आ रही शिकायतों पर एनपीसीएल ने पहली बार कार्रवाई कर ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के 84 बिल्डरों को नोटिस जारी किया है। सभी को 15 दिन का समय दिया है। आरोपों को झूठा साबित नहीं कर सके तो फिर बिल्डर को कनेक्शन का भार बढ़वाना होगा। अगर कोई भार नहीं बढ़वाता है तो फिर कंपनी बिल में फिक्स चार्ज जोड़कर भेजेगी।
एनपीसीएल के अधिकारी सारनाथ गांगुली का कहना है कि एनपीसीएल ने यह कार्रवाई इसलिए की है क्योंकि ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर नोएडा के निवासी लगाता बिल्डर के खिलाफ शिकायतें रहे थे। निवासियों का आरोप है कि बिल्डर फिक्स चार्ज के नाम पर गलत तरीके से वसूली कर रहा है। इसलिए एनपीसीएल ने बिल्डर के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए पूरा रिकॉर्ड मांगा है। एनपीसीएल की इस कार्रवाई के बाद अब लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना होगा। एनपीसीएल में 84 सोसायटी के बिल्डर के खिलाफ नोटिस जारी किया है।