बिल्डर को फायदा पहुंचाने वाले अफसर नपेंगे, यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने FIR दर्ज करवाने के दिए आदेश

बड़ी खबर : बिल्डर को फायदा पहुंचाने वाले अफसर नपेंगे, यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने FIR दर्ज करवाने के दिए आदेश

 बिल्डर को फायदा पहुंचाने वाले अफसर नपेंगे, यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने FIR दर्ज करवाने के दिए आदेश

Tricity Today | यमुना प्राधिकरण

Greater Noida News :  बिल्डर को पूर्णता प्रमाणपत्र जारी करने के लिए गलत रिपोर्ट बनाने और सुप्रीम कोर्ट में स्टे खत्म कराने के लिए पैरवी नहीं करने वाले अधिकारियों पर एक्शन होगा। दोनों मामलों की विभागीय जांच होगी। इसके साथ में  यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।

क्या है पूरा मामला
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में सेक्टर-25 में रायल होम्स परियोजना है। इसमें 2019 और 2022 में आशंकि पूर्णता प्रमाणपत्र (सीसी) जारी किए गए हैं। इस परियोजना में तीन परिवार रह रहे हैं। इसके खरीदारों ने यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह से शिकायत की। शिकायत में बताया कि परियोजना में क्लब, स्वीमिंग पूल, पहुंच मार्ग, सीवर और ड्रेनेज सिस्टम ठीक नहीं है। इसके बावजूद सीसी जारी कर दिया गया।

प्लेसमेंट वाले कर्मचारियों पर भी होगा एक्शन
शिकायत के आधार पर यमुना प्राधिकरण ने इसकी जांच करवाई। जांच में कमियां पाई गईं। इसके बाद सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने इस मामले में दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। अगर जांच में प्लेसमेंट पर रखे गए लोगों की भूमिका आती है तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। सीईओ ने बताया कि सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

अफसरों ने बिल्डर को कोर्ट से दिलवाया स्टे
सेक्टर-22 डी में ओरिस डेवलपर का वर्ष 2015 से चले रहे स्टे को खत्म कराने के लिए पैरवी नहीं करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कार्रवाई जाएगी। प्राधिकरएा ने इस बिल्डर को 2011 में 200 एकड़ जमीन आवंटित की थी। वर्ष 2012 में रजिस्ट्री हो गई। इसके बाद किसान अधिग्रहण रद्द कराने के लिए कोर्ट चले गए और मामला अटक गया। काम अटकने के चलते बिल्डर को तीन बार जीरो पीरियड दिया गया। इसके बाद बिल्डर हाईकोर्ट गया और कहा कि उसे पूरे समय का जीरो पीरियड चाहिए। यह याचिका खारिज हो गई। दिसंबर 2015 में बिल्डर सुप्रीम कोर्ट गया और स्टे दे दिया। तब से स्टे चल रहा है।

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