Greater Noida : जहां एक ओर ग्रेटर नोएडा में देशी-विदेशी निवेश कराने को लेकर यूपी सरकार के अफसर, मंत्री विदेशों में रोड शो कर जापान, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर समेत कई देशों के उद्यमियों से इंडस्टी लगाने के लिए आमंत्रित करने में लगे हुए है। वहीं दूसरी और ग्रेटर नोएडा वेस्ट और फेस-2 एरिया में इंडस्टी लगाने के लिए रिर्जव जमीन पर अवैध कॉलोनी रात-दिन बसाई जा रही है। अवैध कॉलोनी बसाने में कॉलोनाईजरों का साथ ग्रेटर नोएडा के वर्क सर्किल-2, वर्क सर्किल-3, वर्क सर्किल-1 के प्रबंधक मैनेजर दे रहे है।
वर्क सर्किल के प्रभारियों की जिम्मेदारी
किसी भी गांव में अवैध कॉलोनी में एक भी ईट लगती है उसके बारे में पूरी जानकारी वर्क सर्किल के प्रभारियों को होता है। अवैध कॉलोनी, अवैध निर्माण रोकने का काम भी संबंधित वर्क सर्किल एरिया के प्रबंधक समेत उनके दफ्तर में तैनात पूरे स्टाफ का होता है। लेकिन ग्रेटर नोएडा वेस्ट में धडल्ले से अवैध कॉलोनी बसाई जा रही है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने चार इंडस्टीयल सेक्टर बसाने के लिए चार जोन बनाए है। इन चार जोन में पडने वाले 18 गांवों में इंडस्टी लगनी है। अथॉरिटी इंडस्टी लगाने के लिए इन गांवों के किसानों से सीधे जमीन खरीद रही है। लेकिन अथॉरिटी का इंडस्टी लगाने का खेल कॉलोनाईजर और अथॉरिटी के वर्क सर्किल-1, 2, 3 के प्रभारियों ने बिगाड दिया है।
कई गुना रेट का अंतर
इन कॉलोनाईजर गांवों में किसानों से दो साल के एग्रीमेंट पर 80 लाख रुपए प्रति बिघा से लेकर एक करोड़ रुपए प्रति बिघा तक सीधे जमीन खरीद कर कॉलोनी काट रहे है। जबकि अथॉरिटी 37 सौ रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से सीधे जमीन खरीद रही है। अथॉरिटी और कॉलोनाईजर के रेट में कई गुने का अंतर है। इसका लाभ कॉलोनाईजर उठा रहे है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट एरिया के शाहबेरी से लेकर 130 मीटर रोड के दोनों और पड़ने वाले गांव और गौर सिटी चौराहे से लेकर सूरजपुर तक 60 मीटर रोड के दोनों और पडने वाले गांवों की जमीन पर अवैध कॉलोनी बसाई जा रही है।