Greater Noida News : यमुना अथॉरिटी से एक और बड़ी खबर सामने आई है। यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे 2,300 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में ओलंपिक पार्क और ओलंपिक विलेज (खेल गांव) विकसित किया जाएगा। यमुना प्राधिकरण के मास्टर प्लान 2041 में इसका प्रावधान किया गया है। यहां अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत सभी खेलों के स्टेडियम बनाए जाएंगे। जबकि खेल गांव में खिलाड़ियों के रहने, अभ्यास करने और दफ्तर जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। दरअसल यमुना अथॉरिटी भविष्य में देश में होने वाले ओलंपिक खेलों की मेजबानी करना चाहती है इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
नए मास्टर प्लान में ओलंपिक विलेज और पार्क शामिल रहेंगे
यमुना प्राधिकरण का नया मास्टर प्लान 2041 बनाया जा रहा है। इसे तेजी से अंतिम रूप दिया जा रहा है। सोमवार को बताया गया है कि प्राधिकरण ने अपने क्षेत्र में ओलंपिक जैसे आयोजन कराने की तैयारी का खाका बना लिया है। प्राधिकरण ने ओलंपिक पार्क और ओलंपिक विलेज बनाने की तैयारी की है। दोनों परियोजनाओं को 2,300 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में विकसित किया जाएगा। ओलंपिक पार्क में खेलों के स्टेडियम बनाए जाएंगे। यहां हॉकी, फुटबॉल, वालीबॉल, क्रिकेट, टेबल टेनिस समेत तमाम खेलों के स्टेडियम बनेंगे।
ओलंपिक और कॉमनवेल्थ गेम्स के मानक लागू होंगे
यमुना अथॉरिटी की ओर से बताया गया है कि ओलंपिक विलेज और पार्क में बनाए जाने वाले यह सभी स्टेडियम राष्ट्रमंडल और ओलंपिक के मानकों के अनुसार बनाए जाएंगे। खेल गांव में खिलाड़ियों के लिए आवास, अभ्यास करने की सुविधाएं, दफ्तर बनाए जाएंगे। ओलंपिक पार्क और खेल गांव यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे बनाया जाएगा। इसके लिए सेक्टर-23 और सेक्टर 22-एफ को चिन्हित किया गया है। सेक्टर 23 में 1,600 एकड़ और 22-एफ में 750 एकड़ जमीन है। यहां पर दोनों सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
मास्टर प्लान बना रही कंपनी ने दिया प्रेजेंटेशन
यमुना प्राधिकरण का मास्टर प्लान-2041 मार्स प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना रही है। कंपनी के प्रतिनिधियों ने सोमवार को यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह के समक्ष मास्टरप्लान के ड्राफ्ट का प्रेजेंटेशन दिया है। इसमें सीईओ अरुणवीर सिंह ने ओलंपिक पार्क और ओलंपिक विलेज बनाने का प्रस्ताव दिया है। कंपनी के एक प्रतिनिधि ने बताया कि सीईओ ने कहा है कि ओलंपिक और कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजनों को ध्यान में रखकर इसकी योजन तैयार की जाए। सीईओ डॉ.अरुण वीर सिंह ने बताया कि जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन रहा है। इसके आसपास के क्षेत्र को एक्रोपोलिस के रूप में विकसित किया जाएगा।
पूरी दुनिया से जोड़ने वाला है यह इलाका
यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने कहा, "जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की बदौलत इस इलाके की कनेक्टिविटी ना केवल देश के महानगरों बल्कि पूरी दुनिया से होने वाली है। अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि जेवर को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ा जा रहा है। यमुना एक्सप्रेसवे यहां पहले से है। पेरीफेरल एक्सप्रेसवे यहां से गुजर रहा है। गंगा एक्सप्रेसवे भी जेवर एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा। बुलेट ट्रेन, रैपिड मेट्रो, सिटी मेट्रो और एयरपोर्ट टैक्सी जैसी अत्याधुनिक यातायात सुविधाएं इस शहर में आ रही हैं।" डॉक्टर अरुणवीर सिंह ने आगे कहा, "अगर आप ओलंपिक का आयोजन करने वाले अंतर्राष्ट्रीय शहरों टोक्यो ल, बर्लिन, मॉस्को और लंदन जाएंगे तो इन सारी सुविधाओं से रूबरू होंगे। इस तरह के आधारभूत ढांचे वाला यह देश में इकलौता शहर बन रहा है। देश के किसी महानगर के पास यह जरूरी सुविधाएं नहीं हैं। लिहाजा, भविष्य में ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स जैसे बड़े आयोजनों को ध्यान में रखकर सुविधाएं विकसित करनी हैं।"
यह आधुनिक और स्मार्ट शहर होगा
नई शहर का मास्टर प्लान बना रही कंपनी को गोल्फ कोर्स, सेंट्रल बिजनेस सेंटर, वेयर हाउस, लॉजिस्टिक आदि गतिविधियों के लिए भी जगह चिन्हित करने का सुझाव दिया है। सीईओ ने कंपनी से कहा है कि महायोजना में इस तरह का प्रस्ताव तैयार किए जाए कि यहां जीरो कार्बन उत्सर्जन हो। इस महायोजना को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाना है। उसी के अनुरूप इसको अंतिम रूप दिया जाए। इस शहर के विकास में पर्यावरण अनुकूलन को केंद्र में रखा जाएगा। शहर किसी भी तरह पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाएगा, बल्कि हरा-भरा और एनवायरमेंट फ्रेंडली होगा।