सुंदर भाटी और रणदीप भाटी को हुईं सजा, अनिल दुजाना मारा गया

ठिकाने लग गए गौतमबुद्ध नगर के संगठित अपराधी : सुंदर भाटी और रणदीप भाटी को हुईं सजा, अनिल दुजाना मारा गया

सुंदर भाटी और रणदीप भाटी को हुईं सजा, अनिल दुजाना मारा गया

Tricity Today | अनिल दुजाना, सुंदर भाटी और रणदीप भाटीरणदीप भाटी

Greater Noida News : एक वक़्त था जब गौतमबुद्ध नगर की क़ानून-व्यवस्था के लिए संगठित अपराध नासूर बन गए थे। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इन सबको ठिकाने लगा दिया है। गौतमबुद्ध नगर में मुख्य रूप से 3 बढ़े संगठित गिरोह सुंदर भाटी, रणदीप भाटी और अनिल दुजाना की सरपरस्ती में काम कर रहे थे। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले छह वर्षों के दौरान माफ़ियाओं पर लगाम कसी है। जिसका असर गौतमबुद्ध नगर में देखने के लिए मिला है। सुंदर भाटी और रणदीप भाटी को आजीवन कारावास हो चुका है। तीसरा बड़ा माफ़िया अनिल दुजाना इसी साल यूपी एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में ढेर हो गया था। उत्तर प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था और औद्योगिक विकास के नज़रिए से यह राज्य सरकार की बड़ी कामयाबी है।

सुंदर भाटी को आजीवन कारावास हुआ, कई रिश्तेदार भी सलाख़ों के पीछे
गौतमबुद्ध नगर का सबसे ख़तरनाक अपराधी सुंदर भाटी है। वह क़रीब चार दशकों से अपराध की दुनिया में सक्रिय है। पिछले क़रीब 15 वर्षों से वह अलग-अलग जेलों में बंद रहा है। सुंदर भाटी को दादूपुर गाँव के प्रधान हरेंद्र नागर हत्याकांड के लिए दोषी ठहराया गया था। उसे 5 अप्रैल 2021 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। यह पहला मौक़ा था जब सुंदर भाटी को किसी मुक़दमे में सज़ा हुई। इससे पहले तमाम मुक़दमों में सुंदर भाटी बरी होता रहा। दरअसल, उसके खिलाफ़ गवाह बयान नहीं देते थे और पुलिस को सबूत नहीं मिलते थे। कुल मिलाकर जेल में बंद रहने के बावजूद सुंदर भाटी अपनी आपराधिक सल्तनत बदस्तूर चला रहा था। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार आने के बाद संगठित अपराधियों पर नकेल कसी गई। गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू कर दिया गया। जिसका शानदार असर देखने के लिए मिला। एक तरफ़ सुंदर भाटी गैंग और दूसरे अपराधियों को पकड़ कर जेल भेजा गया। दूसरी तरफ धड़ाधड़ एनकाउंटर हुए। सुंदर भाटी के भाई, भतीजे और रिश्तेदार ज़मानत तुड़वा कर जेल चले गए। फ़िलहाल सुंदर भाटी गैंग पूरी तरह निष्क्रिय और भूमिगत है।

अनिल दुजाना यूपी एसटीएफ ने मार गिराया, गैंग की हालत हुई ख़राब
योगी आदित्यनाथ की एंटी माफ़िया मुहिम का दूसरा शिकार अनिल दुजाना बना है। अनिल नागर मूल रूप से गौतमबुद्ध नगर के दुजाना गाँव का रहने वाला था। उस पर 50 से ज़्यादा आपराधिक मुक़दमे दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चल रहे थे। अनिल के ख़िलाफ़ 20 से ज़्यादा हत्या के मुक़दमे थे। बड़ी बात यह थी कि उसके ख़िलाफ़ गवाह मुकर रहे थे। वह गवाहों को धमकियां दे रहा था। जिसके चलते यूपी एसटीएफ उसके पीछे पड़ी हुई थी। 4 मई 223 को अनिल नागर और यूपी एसटीएफ के बीच मेरठ के जानी थाना क्षेत्र में मुठभेड़ हुई थी। जिसमें अनिल मौक़े पर ही मारा गया। अनिल की मौत के बाद से उसका गैंग पूरी तरह निष्क्रिय है। ज़्यादातर सदस्य फ़िलहाल अलग-अलग जेलों में बंद हैं।

रणदीप भाटी को आजीवन कारावास
रणदीप भाटी को उत्तर प्रदेश सरकार ने माफ़िया गैंगस्टर घोषित कर रखा है। उसके ख़िलाफ़ फ़िलहाल 26 मुकदमें चल रहे हैं। यह मुक़दमे उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। इनमें आठ मामले हत्याओं से जुड़े हैं। रणदीप भाटी गौतमबुद्ध नगर के जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हिस्ट्रीशीटर नरेश भाटी का छोटा भाई है। नरेश भाटी रिठौड़ी गैंग का मास्टर माइंड था। जब उसकी हत्‍या हो गई तो रिठौड़ी गैंग की कमान उसके छोटे भाई रणपाल भाटी के हाथों में चली गई थी। लेकिन वह भी बुलन्दशहर में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था। उसके बाद गैंग की कमान सबसे छोटे भाई रणदीप भाटी ने संभाली। रणदीप भाटी जल्‍द ही वेस्‍ट यूपी में आतंक का दूसरा नाम बन गया। रणदीप भाटी दिल्ली की मंडौली जेल में बंद है लेकिन वह वहीं से अपना गिरोह संचालित कर रहा है। हाल ही में उसने डबल मर्डर में एक गवाह को धमकी दिलवाई थी। गवाह पर पिछले कुछ महीनों में कई बार जानलेवा हमला भी हो चुका है। अब सोमवार को रणदीप भाटी पहली बार सजायाफ्ता हुआ है। उसे सपा नेता चमन भाटी हत्याकांड के लिए गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

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