ओएसडी रविंद्र सिंह यादव तो सिर्फ एक छोटी चिड़िया, जांच हुई तो खुलेगा बड़ा घोटाला

Greater Noida Authority : ओएसडी रविंद्र सिंह यादव तो सिर्फ एक छोटी चिड़िया, जांच हुई तो खुलेगा बड़ा घोटाला

ओएसडी रविंद्र सिंह यादव तो सिर्फ एक छोटी चिड़िया, जांच हुई तो खुलेगा बड़ा घोटाला

Google Image | Ravindra Singh Yadav

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में तैनात ओएसडी रविंद्र सिंह यादव तो सिर्फ एक छोटी चिड़िया हैं। यदि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच की जाए तो ना जाने कितने रविंद्र सिंह यादव सामने आ जाएंगे। इसके अलावा बेनामी प्रॉपर्टी भी एक-एक अधिकारी पर काफी ज्यादा है। 

बसपा और सपा सरकार में मारी खूब मलाई
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में तैनात अधिकारियों ने बसपा और समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में खूब मलाई मारी है। उन्होंने जमकर बेनामी प्रॉपर्टी अर्जित की है। काफी अधिकारी और कर्मचारी तो ऐसे हैं, जिन्होंने अरबों रुपए की संपत्ति कमाकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसमें तत्कालीन जीएम रविंद्र तोंगड़ समेत बड़े स्तर के काफी अधिकारी शामिल है। 

कई अफसर बने बिल्डर
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में काफी अधिकारी तो बिल्डर बन चुके हैं। इन अधिकारियों के नाम पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अलावा काफी अन्य इलाकों में मॉल खड़े हुए हैं। कई अधिकारी राजनीति में उतरकर पार्टियों के साथ हाथ मिला लिया है और खूब मलाई मार रहे हैं। एक अधिकारी तो मणिपुर में लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

300% के भी पार पहुंचेगा खर्च
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित पतवाड़ी गांव के रहने वाले टीकम सिंह का कहना है कि उन्होंने आईटीआर के माध्यम से चपरासी से लेकर उच्च अधिकारी तक की संपत्ति जांच करवाने के लिए मांग की है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में जितने भी अधिकारी बैठे हैं, उन सभी की प्रॉपर्टी की जांच होनी चाहिए। टीकम सिंह का आरोप है कि रविंद्र सिंह यादव ने तो आय से ज्यादा 158 प्रतिशत ज्यादा खर्च किया है, लेकिन कुछ अधिकारियों का प्रतिशत 300 के भी पार पहुंच जाएगा। जांच के बाद प्राधिकरण में तैनात सभी अधिकारियों के चेहरे से मुखौटा उठ जाएगा।

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