डाढ़ा गांव के लोगों ने लिया भगवान राम के विचारों पर चलने का संकल्प, फूलों से सजा मंदिर

Greater Noida : डाढ़ा गांव के लोगों ने लिया भगवान राम के विचारों पर चलने का संकल्प, फूलों से सजा मंदिर

डाढ़ा गांव के लोगों ने लिया भगवान राम के विचारों पर चलने का संकल्प, फूलों से सजा मंदिर

Tricity Today | डाढ़ा गांव के लोगों ने लिया भगवान राम के विचारों पर चलने का संकल्प

Greater Noida News : आज का दिन इतिहास में लिखा गया है। रामलला प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर ग्रेटर नोएडा के डाढा गांव में भाजपा नेता एडवोकेट नरेन्द्र भाटी ने अपने गांव में हवन करवाया। गांव के लोगों ने मिलकर मंदिर में श्रीराम को भोग लगाया। उसके बाद भगवान राम के पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लिया। मंदिर को फूलों से सजाया गया।

"हमें राम के रास्ते पर चलना चाहिए"
इस मौके पर नरेंद्र डाढा ने कहा कि भगवान राम ने जीवन जीने का असली तरीका बताया है। प्रत्येक व्यक्ति को भगवान राम के बताए रास्ते पर चलना चाहिए। इस मौके पर रेशपाल मुंशी, अजी माहसेजी, बिन्नू पहलवान, ऋषि पहलवान, फिरे भाटी, नरेन्द्र भाटी, रणवीर भाटी, हरपाल, हातम सिंह, हरेन्द्र, महेश, गौरव, अनिल डाढा और सन्दीप आदि लोग मौजूद रहे।

11 दिन के बाद पीएम ने तोड़ा उपवास
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले 11 दिनों का विशेष अनुष्ठान प्रारंभ किया था। इस पूरे समय पीएम ने उपवास रखा और जप किया। वे फर्श पर सोते थे। इसके अलावा नारियल पानी और फल आहार के तौर पर लेते थे। अब प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न होने के बाद पीएम मोदी ने अपना उपवास खोला। निर्मोही अखाड़े के स्वामी गोविंद गिरी ने चम्मच से जल पिलाकर पीएम का उपवास खुलवाया।

इस समय रामलला के दर्शन कर पाएंगे श्रद्धालु 
22 जनवरी के बाद 23 जनवरी से श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर पाएंगे। दर्शन के समय की बात करें तो आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए अयोध्या में राम मंदिर सुबह 7:00 बजे से दोपहर 11:30 बजे तक और इसके बाद 2:00 बजे से 7:00 तक खुला रहेगा। दोपहर में करीब ढाई घंटे के लिए मंदिर को भोग व विश्राम के लिए बंद किया जाएगा। बीच के समय को छोड़कर राम भक्त सुबह 7 बजे से शाम के 7 बजे तक रामलला के दर्शन कर पाएंगे। श्रद्धालु राम मंदिर में रामलला की आरती में भी शामिल हो सकते हैं। एक दिन में तीन बार रामलला की आरती की जाएगी। पहली आरती सुबह 6:30 बजे, जिसे जागरण या श्रृंगार आरती कहते हैं। दूसरी दोपहर 12:00 बजे, जिसे भोग आरती कहते हैं और तीसरी आरती शाम को 7:30 बजे जिसे संध्या आरती कहते है होगा।

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